Jabalpur News: 40 साल पहले बनी सड़क, मरम्मत भी नहीं, हर तरफ जंगली झाड़ियां

40 साल पहले बनी सड़क, मरम्मत भी नहीं, हर तरफ जंगली झाड़ियां
  • साइंस और महाकोशल कॉलेज के कर्मचारियों के लिए नहीं है कोई इंतजाम
  • हर समय रहता है जंगली जानवरों से खतरा

Jabalpur News: एक तरफ जीसीएफ और दूसरी तरफ रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की बाउंड्री, बीच में एक टापू जैसा घिरा करीब 10 एकड़ का क्षेत्र जिसमें साइंस और महाकोशल कॉलेज की सम्मिलित काॅलोनी है। यह काॅलोनी अब पूरी तरह दुर्दशा को प्राप्त हो चुकी है। करोड़ों रुपए बाउंड्रीवाॅल बनाने में खर्च कर दिए गए लेकिन काॅलोनी में सुविधाएं जुटाने की कोई सुध नहीं ली गई। यहां रहने वाले कर्मचारी और उनके बच्चे हमेशा ही असुरक्षित रहते हैं। जंगली जानवर तो यहां खुद को महफूज समझते हैं, क्योंकि पूरी काॅलोनी ही जंगल से घिरी है। 40 साल पहले सड़क बनी और उसके बाद मरम्मत तक नहीं हुई।

घरों के हाल खराब हैं लेकिन कोई ध्यान नहीं देता है। इस काॅलोनी में जो भी कर्मचारी मकान लेता है तो लोग उसे कहते हैं कालापानी की सजा क्यों खुद ही ले रहे हो क्योंकि यह काॅलोनी सुख-सुविधाओं से पूरी तरह कटी हुई है। आजादी के ठीक बाद में बनी काॅलोनी पहले गुलजार थी और हजारों लोग रहते थे लेकिन धीरे-धीरे कर्मचारियों की संख्या कम होती जा रही है। इस काॅलोनी में सड़क मात्र का रोना नहीं है यहां हमेशा बिजली की समस्या रहती है, जंगली झाड़ियों के चलते पूरा कैम्पस जंगल का रूप लेता जा रहा है, साफ-सफाई न होने से हर तरफ कचरे के ढेर नजर आते हैं, सुरक्षा व्यवस्था न होने से असामाजिक तत्वों का जमघट रहता है।

देखरेख करना ही छोड़ दिया

यहां के कर्मचारियों का कहना है कि सरकारी क्वार्टर्स की देखभाल पहले कॉलेज के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग द्वारा की जाती थी लेकिन अब यहां कुछ भी करना हो तो इसके लिए जेब से रुपए लगाने पड़ते हैं। खपरैल वाले मकान होने से यहां हमेशा ही खपरैल सिरों पर टपकते हैं लेकिन इसके बाद भी कॉलेज प्रबंधन सुध नहीं लेता है। खपरैल को संभालने वाली लकड़ी भी अब पुरानी पड़ चुकी है और सड़कर टूट रही है।

सेही-सांप तो रोज नजर आते हैं

यहां रहने वालों का कहना है कि हम रोज ही खतरों से खेलते हैं। सांप, नेवले, सेही तो यहां रोजाना की बात है। घरों के अंदर तक सांप निकल आते हैं। जंगली झाड़ियों को कटवाने तक का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। पहले कभी-कभार नगर निगम की टीम सफाई का जिम्मा संभाल लेती थी लेकिन बाद में उन्होंने भी यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह कॉलेज का निजी कैम्पस है।

Created On :   26 Nov 2025 4:11 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story