Jabalpur News: एक दर्जन से ज्यादा क्षेत्रों में बिक रहीं नाले में उपजी सब्जियां

एक दर्जन से ज्यादा क्षेत्रों में बिक रहीं नाले में उपजी सब्जियां
विंटर सीजन में ज्यादा होता है इनका उत्पादन, बिना धोए यदि फ्रिज में रखी तो इनसे आने लगती है दुर्गंध

Jabalpur News: शहर के एक दर्जन से ज्यादा क्षेत्र हैं जहां नाले से उपजी सब्जियां बेची जा रही हैं। इन सब्जियों को उगाने वाले व्यक्ति कुछ खास क्षेत्रों में ले जाकर इनको बेचते हैं। विशेष बात यही है कि इनकी कीमत थोड़ा कम होती है और यदि फ्रिज में बिना धाेये रखा जाए तो सब्जियों से बदबू आने लगती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इनका सेवन सेहत के लिए घातक है। इनसे बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। जानकारों का कहना है कि पालक की भाजी, चौलाई, लालभाजी, मूली, गाजर जैसी अनेक हरी सब्जियां जो नाले के पानी से सींची जाती हैं।

वे खेतों से निकलकर सीधे बिकने के लिए बाजार में पहुंचा दी जाती हैं। 24 घंटे बाद ही इनमें मौजूद परजीवी की वजह से खाने लायक नहीं रहती है। जानकारी के अनुसार शहर में गोहलपुर सब्जी मंडी, नई बस्ती अमखेरा, खजरी खिरिया बायपास, पाटन बायपास चौराहे के पहले, गढ़ा रेल फाटक, गुलौआ चौक और लेबर चौक के आसपास, गढ़ा एरिया में पंडा की मढ़िया, त्रिपुरी चौक, धनवंतरि नगर एक दर्जन से ज्यादा इलाकों में इनका पूरा बाजार सजा रहता है। बीते पांच दशकों से इनको नाले के पानी से ही सींच कर उगाया जा रहा है।

अब नाले बरसाती नहीं रहे, इसलिए खतरा

नाले के पानी से सब्जियों, तरकारी को तब उगाया जाता था जब नाले पूरी तरह नैसर्गिक बरसाती होते थे। बरसाती नाले का आशय यही है िक इनमें प्राकृतिक पेड़ों, पहाड़ों का पानी आता था, पर बसाहट के साथ नाले प्राकृतिक नहीं रहे और न ही बरसाती रहे। इन नालों में सीधे सीवरेज सिस्टम का पानी आकर मिला। गंदा पानी आकर मिलने के बाद इस पानी का उपयोग सब्जियों की सिंचाई में किया गया, यही सबसे घातक साबित हो रहा है।

इनका उपयोग न करें

एक्सपर्ट का कहना है कि नाले के किनारे जो सब्जियां उगाई जा रही हैं जहां इनको बाजारों में बेचा जा रहा है उनको खरीदने से परहेज करें। यदि इनका उपयोग कम किया जाएगा तो नाले में सब्जी उगाने वाले खुद इनका सही तरीकों से उत्पादन शुरू करेंगेे।

ज्यादा पैरासाइट पनपते हैं

एक्सपर्ट के अनुसार पाताली जल, पाली हाउस में होने वाली सब्जी के मुकाबले नाले के पानी में जो सब्जियां उगाई जाती हैं उनमें पैरासाइट अधिक होते हैं। बोर या पाताली पानी स्वच्छ होता है, जबकि पाली हाउस में जो सब्जी के पौधे की बीज के दौरान जो सिंचाई होती है वह तय सीमा के अनुसार की जाती है। इनमें कीटनाशक डाले जाते हैं जिससे पैरासाइट इनमें ज्यादा नहीं हो पाते हैं। नाले के किनारे जो सब्जियां हो रही हैं उनको हाथ में लेने बस में परजीवी नजर आ सकती हैं।

आपके एरिया में भी हो रही जहरीली खेती तो भेजें जानकारी

आपके घरों के नजदीक नाले या नालियों के किनारे जहां भी इनके पानी से सिंचित हानिकारक रोगों को पैदा करने वाली सब्जी उगाई जा रही है तो उसकी जानकारी दैनिक भास्कर तक भेजें। वाट्सएप नंबर 9425159689 पर फोटो क्लिक कर भेजें। आपकी पहचान और नंबर पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा। भास्कर ऐसी जगह की फोटो प्रकाशित कर प्रशासन से कार्रवाई सुनिश्चित कराएगा, ताकि जहरीली सब्जी का उत्पादन थमे और आम आदमी को स्वस्थ जीवन मिले, यही हमारा प्रयास है।

Created On :   26 Nov 2025 3:52 PM IST

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