जबलपुर: पट्टे के 9 हजार से अधिक प्रकरण पड़े पेंडिंग, परेशान हो रहे आवेदक

पट्टे के 9 हजार से अधिक प्रकरण पड़े पेंडिंग, परेशान हो रहे आवेदक
  • सबसे अधिक प्रकरण गोरखपुर तहसील के, दूसरे नम्बर पर राँझी
  • जनसुनवाई में तो अधिकांश प्रकरण पट्टे के होते थे लेकिन आचार संहिता के कारण जनसुनवाई बंद है
  • आवेदक जब मुख्यालय पहुँचता है तो उसे पता चलता है कि तहसील से पेंडिंग है।

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। धारणाधिकार के तहत मिलने वाले शहरी पट्टों का कार्य बुरी तरह पिछड़ चुका है। करीब 9 हजार से अधिक आवेदन पेंडिंग चल रहे हैं जिससे आवेदक परेशान हो चुके हैं। वे तहसील कार्यालय जाते हैं तो वहाँ से यह बोलकर भगा दिया जाता है कि मुख्यालय से कार्य नहीं हो रहा है।

आवेदक जब मुख्यालय पहुँचता है तो उसे पता चलता है कि तहसील से पेंडिंग है। इस प्रकार आवेदन करने वाले फुटबाल बन चुके हैं। आचार संहिता के कारण दो माह से अधिक समय तक कार्य नहीं हुए जिससे पेंडेंसी बढ़ती जा रही है।

सबसे अधिक प्रकरण गोरखपुर तहसील के हैं। आचार संहिता और चुनावी कार्य के कारण इन दिनों धारणाधिकार के तहत पट्टे के 9067 प्रकरण लम्बित हैं। इतनी बड़ी संख्या में प्रकरण लम्बित रहने से आवेदक कलेक्ट्रेट के चक्कर काट रहे हैं।

जनसुनवाई में तो अधिकांश प्रकरण पट्टे के होते थे लेकिन आचार संहिता के कारण जनसुनवाई बंद है जिससे आवेदक अपना रोना तक नहीं रो पा रहे हैं।

पिछले 3 सालों में पट्टे के 19558 से अधिक आवेदन किए गए हैं, लेकिन उस हिसाब से उनका निराकरण नहीं हो पा रहा है, जिससे लोगों में नाराजगी है। सबसे अधिक 3085 प्रकरण गोरखपुर तहसील के पेंडिंग हैं, वहीं राँझी तहसील के 2263 प्रकरण लम्बित हैं जबकि कुंडम में कोई भी प्रकरण लम्बित नहीं है।

Created On :   11 Jun 2024 8:51 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story