- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- अधिकारियों तक पहुँच सकती है जाँच की...
जबलपुर: अधिकारियों तक पहुँच सकती है जाँच की आँच
- एएसआई द्वारा 1 लाख रुपए लेने के मामले में कई अधिकारी किए गए मुख्यालय तलब
- उक्त अधिकारियाें और जवानों की मामले में संलिप्तता की भी जाँच कर रही है।
- मामले में पड़ताल शुरू कर दी है और अफसरों को बुलावा भेजा गया है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। लोकायुक्त टीम द्वारा एसटीएफ के एक एएसआई निसार अली को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिफ्तार किया गया था। अब इस मामले में एसटीएफ के कई अन्य अफसर एवं जवान भी शक के घेरे में आ गए हैं।
उक्त एएसआई के पकड़े जाने पर एसटीएफ मुख्यालय भोपाल ने इस मामले में पड़ताल शुरू कर दी है और अफसरों को बुलावा भेजा गया है।
रिपोर्ट सहित बुलाया भोपाल- बताया जाता है कि जबलपुर यूनिट के प्रभारी निरीक्षक सहित एक अन्य अफसर को भी मामले की पूरी रिपोर्ट के साथ भोपाल तलब किया गया है, वहीं लोकायुक्त संगठन की टीम अपने स्तर पर उक्त अधिकारियाें और जवानों की मामले में संलिप्तता की भी जाँच कर रही है।
पेट्रोल पम्प में पकड़ा गया था एएसआई को-गौरतलब है कि मिलौनीगंज निवासी मो. जावेद उर्फ गौस बाबू प्राॅपर्टी डीलिंग करते हैं। उनके बैंक संबंधी ऋण को लेकर धोखाधड़ी की शिकायत की गई थी।
इस मामले की जाँच एसटीएफ कर रही थी और इसी बीच एएसआई निसार अली ने जावेद को फोन कर मामले को रफा-दफा करने के लिए 1 लाख रुपए की रिश्वत माँगी थी। इसी बीच उसे एसटीएफ से हटा दिया गया तो रुपए के लिए दबाव बनाने लगा।
इस पर जावेद ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में की तो गुरुवार को एएसआई निसार ने रात में कई बार फोन किए और दमोह नाका स्थित पेट्रोल पम्प पर जावेद को बुलाया। इस दौरान लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत की रकम एएसआई को देने के दौरान उसे दबोच लिया था।
गुमनाम शिकायत की होने लगी थी जाँच-
बताया जाता है कि जावेद के नाम से जो शिकायत एसटीएफ जबलपुर यूनिट में पहुँची थी उसमें शिकायतकर्ता का नाम ही गलत था।
ऐसे में इसकी जानकारी जबलपुर यूनिट के अफसरों को एसटीएफ मुख्यालय में देनी थी क्योंकि कुछ समय पूर्व एसटीएफ मुख्यालय से आदेश जारी किया गया था कि जिस शिकायत में आवेदक नहीं है या फिर वह गुमनाम है तो इस जानकारी के साथ ही शिकायत मुख्यालय भेजी जाए, लेकिन जबलपुर यूनिट द्वारा ऐसा नहीं किया गया।
इसके अलावा एसटीएफ के अफसरों के दबाव में जावेद दो से तीन बार रामपुर डीआईजी कार्यालय स्थित एसटीएफ के कार्यालय भी गए, जहाँ एएसआई निसार अली ने उसे अपने अफसरों से भी मिलवाया था। इस दौरान वहाँ भी जावेद पर रुपए देने का दबाव बनाया गया था।
Created On :   6 April 2024 6:51 PM IST