आरोप: बिना प्रशासनिक मंजूरी के लगभग 8 करोड़ का बकाया भुगतान, अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग

बिना प्रशासनिक मंजूरी के लगभग 8 करोड़ का बकाया भुगतान, अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग
  • प्राथमिक वेतन अधीक्षक पर कार्रवाई की मांग
  • मामले की मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री को शिकायत
  • बिना प्रशासनिक मंजूरी के 8 करोड़ बकाया भुगतान

डिजिटल डेस्क, नागपुर. जिला परिषद के अंतर्गत वेतन दस्ता अधीक्षक कार्यालय के माध्यम से बिना प्रशासनिक मंजूरी लगभग आठ करोड़ रुपए के बकाया भुगतान कर दिया गया। भाजपा शिक्षक आघाडी पूर्व विदर्भ के अध्यक्ष अनिल शिवणकर ने वेतन अधीक्षक नीलेश वाघमारे पर अवैध रूप से मंजूरी देने का आरोप लगाया, साथ ही शिवणकर ने इस मामले की मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री से लेकर शिक्षा मंत्री तक शिकायत कर जांच करने की मांग की है।

अनिल शिवणकर ने कहा कि, हीराबाई गायकवाड शिक्षा संस्थान संस्थान के लांजेवार प्राइमरी स्कूल, आंबा प्राइमरी स्कूल, महालक्ष्मी प्राइमरी स्कूल, भारतीय उच्च प्राथमिक स्कूल, पीए कलोडे प्राइमरी स्कूल, जेतावन उल्हास गायकवाड़ उच्च प्राथमिक स्कूल, त्रिरत्न महालक्ष्मी प्राइमरी स्कूल, स्वामी विद्या मंदिर प्राइमरी स्कूल कुल मिलाकर ऐसे 8 स्कूलों में बिना प्रशासनिक मंजूरी भुगतान स्वीकृत किए गए हैं और उनकी कुल राशि 7 करोड़ 34 लाख 58 हजार 552 है। इस प्रकार कई अन्य सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों का बकाया बिना प्रशासनिक मंजूरी के भुगतान किया गया।

शिवणकर ने दावा किया कि, वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य के सभी जिलों के लिए शालार्थ में डीए एरियर टैब और बेसिक एरियर टैब की शुरुआत की गई। इस मामले का अवैध लाभ उठाते हुए वेतन दस्ता अधीक्षक प्राथमिक ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में बकाया राशि की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त किए बिना ही अपने स्तर से लगभग आठ करोड़ रुपए की बकाया राशि आपसी सहमति से स्वीकृत कर दी है।

उपरोक्त गंभीर मामले के संबंध में शिक्षा आयुक्त ने 3 जुलाई 2023 को जांच पत्र जारी कर टैब बंद कर दिया और पत्र में बताया कि वेतन भुगतान के अलावा अन्य भुगतान के लिए टैब के माध्यम से बड़ी मात्रा में धन का दुरुपयोग किया गया। इसी के चलते डिप्टी शिक्षा नियोजन निदेशक एवं प्रशासनिक अधिकारी पुणे की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन किया गया था, लेकिन जांच समिति ने अभी तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। इसलिए अनिल शिवणकर ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा आयुक्त तथा सचिव को शिकायत करते हुए मामले की तुरंत जांच की करने और दोषियों को निलंबित करने की मांग की है।


Created On :   18 Aug 2024 5:55 PM IST

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