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Nagpur News: लीज पर दी जाएगी बफर जोन की जमीन, मानव-वन्यजीव संघर्ष में आएगी कमी

- राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा
- मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं रोकने के प्रयास
Nagpur News वर्तमान में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में वृद्धि हुई है। बाघ, तेंदुआ और जंगली हाथियों की भी समस्या है। इस संघर्ष को टालने के लिए मुख्यमंत्री सौर वाहिनी योजना के तहत किसानों से 50 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से वन क्षेत्र से सटे बफर जोन की जमीनें अधिगृहीत करेंगे। यह जानकारी राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने दी। नागपुर में मीडिया से बात करते हुए राजस्व मंत्री बावनकुले ने कहा कि, इन जमीनों पर बांस लगाकर ग्रासलैंड विकसित किया जाएगा। इससे इन जगहों पर शिकार करने वाले जंगली जानवरों से किसानों और खेतिहर मजदूरों की जान बच सकेगी। इसके लिए जल्द जीआर जारी किया जाएगा। बफर जोन की सभी जमीनों को लीज पर देने की तैयारी शुरू कर दी है।
ऐसे मिलेगी मदद
ग्रासलैंड शाकाहारी जानवरों के लिए भोजन का एक महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं। जब इन जानवरों को बफर ज़ोन में पर्याप्त भोजन मिलेगा, तो वे जंगल के मुख्य क्षेत्र से बाहर मानव बस्तियों की ओर कम आकर्षित होंगे। मांसाहारी जानवर भी इन शाकाहारियों का शिकार करने के लिए बफर ज़ोन में ही रहेंगे, बजाय इंसानी इलाकों में घुसने के। साथ जल स्रोतों का विकास करने से वन्यजीवों को अपनी प्यास बुझाने के लिए गांवों की ओर आने की आवश्यकता नहीं होगी।
ग्रासलैंड से अनेक फायदे
ग्रासलैंड मिट्टी में पानी को जमा करने में मदद करते हैं, जिससे आसपास के क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता में सुधार होता है।
ग्रासलैंड आग के फैलाव को रोकने में मदद करते हैं, क्योंकि वे ईंधन के रूप में काम नहीं करते हैं।
ग्रासलैंड विभिन्न प्रकार के पौधों और जानवरों के लिए आवास प्रदान करके जैव विविधता को बढ़ाने में मदद करते हैं।
ग्रासलैंड वन्यजीवों को देखने के लिए एक शानदार जगह प्रदान करते हैं, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलता है।
Created On :   18 Jun 2025 2:51 PM IST