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Nagpur News: मुख्यमंत्री फडणवीस के खिलाफ याचिका पर फैसला सुरक्षित

- अन्य चार विधायकों की जीत को भी दी गई है चुनौती
- फडणवीस की जीत को अवैध घोषित कर इसे रद्द करने की मांग
Nagpur News मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित पांच विधायकों के खिलाफ दायर चुनाव याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। न्या. प्रवीण पाटील के समक्ष सोमवार को सुनवाई हुई। इस दौरान कांग्रेस के उम्मीदवार याचिकाकर्ता प्रफुल्ल गुड़धे और अन्य याचिकाकर्ताओं ने अपनी लिखित दलीलें प्रस्तुत की। याचिकाकर्ता गुड़धे ने दक्षिण-पश्चिम नागपुर निर्वाचन क्षेत्र से जीते मुख्यमंत्री फडणवीस की जीत को अवैध घोषित कर इसे रद्द करने की मांग की है। इसी तरह दक्षिण नागपुर से जीते मोहन मते के खिलाफ गिरीश पांडव, चंद्रपुर जिले के चिमूर से जीते भांगडिया के खिलाफ सतीश वारजुरकर, बल्लारपुर से विजयी मुनगंटीवार के खिलाफ संतोषसिंह रावत और राजुरा से जीते भोंगले के खिलाफ सुभाष धोटे ने भी चुनाव याचिका दाखिल की है।
याचिका खारिज करने का तर्क : फडणवीस ने इस याचिका का सिविल प्रक्रिया संहिता के सातवें आदेश के नियम 11 के तहत विरोध किया। इसके अनुसार चुनाव याचिका दायर करते समय स्वयं उम्मीदवार की उपस्थिति आवश्यक है, लेकिन गुड़धे स्वयं अनुपस्थित थे। इसलिए फडणवीस की ओर से इस याचिका को खारिज करने का तर्क दिया गया था। इसके अलावा अन्य चार याचिकाओं में भी इसी आधार पर खारिज करने का तर्क दिया गया था। इसका विरोध याचिकाकर्ताओं की ओर से किया गया। उन्होंने तर्क दिया था कि गुड़धे ने 4 जनवरी 2025 को स्वयं याचिका दायर करने के लिए न्यायालय में उपस्थिति दर्ज की थी। उन्होंने संबंधित क्लर्क और रजिस्ट्रार के समक्ष हस्ताक्षर किए। हालांकि कुछ कारणों से औपचारिकताएं पूरी होने में समय लगा। अगले दिन 5 जनवरी 2025 को रविवार था। उसके बाद 6 जनवरी को दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक के लिए गुड़धे को जाना पड़ा। इसलिए 6 जनवरी को उनके वकील ने यह याचिका दायर की।
कोर्ट ने दिया था मौका : पिछली सुनवाई में कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को लिखित दलीलें पेश करने का मौका दिया था। इसके चलते सोमवार को याचिकाकर्ताओं द्वारा लिखित दलीलें पेश करने के बाद कोर्ट ने इन याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा। फडणवीस की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ सुनील मनोहर और याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ मेहमूद प्राचा, एड. आकाश मून और एड. पवन डहाट ने पक्ष रखा।
Created On :   17 Jun 2025 12:15 PM IST