Nagpur News: कर लो बाघों का दीदार, 1 जुलाई से होगी बंद जंगल सफारी , आ गया फरमान

कर लो बाघों का दीदार, 1 जुलाई से होगी बंद जंगल सफारी , आ गया फरमान
  • उत्साहित पर्यटकों के लिए अब कुछ ही दिन बचे
  • जंगल सफारी गेट बंद कर दिए जाएंगे
  • अगले चार महीनों तक बंद रहेगी जंगल सफारी

Nagpur News बाघों और वन्यजीवों के दीदार के लिए उत्साहित पर्यटकों के लिए अब कुछ ही दिन बचे हैं, क्योंकि जल्द ही जंगल सफारियां बंद होने वाली हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि 1 जुलाई से सभी जंगल सफारी गेट बंद कर दिए जाएंगे। यह सफारियां अगले चार महीनों तक बंद रहेंगी और नियमित रूप से अक्टूबर में ही पुनः शुरू होंगी। इस कदम का मुख्य उद्देश्य मानसून के दौरान होने वाली परेशानियों से बचना और वन्यजीवों के प्रजनन काल को संरक्षित करना है।

नागपुर जिले में उमरेड करांडला वन्यजीव अभयारण्य और पेंच व्याघ्र प्रकल्प पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं। सर्दी और गर्मी के मौसम में यहां प्रतिदिन सैकड़ों सैलानी पहुंचते हैं, जो जंगल की सैर और वन्यजीवों को देखने का आनंद लेते हैं। हालांकि, बारिश के मौसम में कच्चे रास्तों, पुलों पर बहते पानी और वन्यजीवों के प्रजनन काल के कारण सफारियों को बंद करना अनिवार्य हो जाता है। इस दौरान जंगल में सैलानियों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहता है, ताकि वन्यजीवों को किसी तरह की परेशानी न हो। हालांकि, पर्यावरण प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए कुछ राहत की बात है। पेंच व्याघ्र प्रकल्प में बफर जोन में सीमित सफारियां उपलब्ध रहती हैं।

बफर जोन जंगल के बाहरी हिस्से को कहते हैं, जो लगभग 300 वर्ग किलोमीटर में फैला है। इस क्षेत्र में वन्यजीव आसानी से देखे जा सकते हैं। इस साल भी 1 जुलाई से कोर और बफर दोनों सफारियां बंद हो जाएंगी, लेकिन मानसून की स्थिति के आधार पर बफर सफारी को कुछ दिनों के लिए खोला जा सकता है। पेंच के बफर जोन में हरियाली से भरे जंगल और वन्यजीवों को देखने के लिए पर्यटक उत्साह के साथ पहुंच रहे हैं। लेकिन मानसून के दस्तक देने के साथ ही इसे भी बंद करने के निर्देश जारी हो गए हैं। वन विभाग का कहना है कि बारिश का मिजाज देखकर बफर सफारी को समय-समय पर खोलने पर विचार किया जाएगा। इस बीच, पर्यटकों को सलाह दी गई है कि वे जंगल सफारी की योजना अभी बना लें, क्योंकि 1 जुलाई से जंगल के दरवाजे बंद हो जाएंगे।

विदर्भ की स्थिति :: विदर्भ में कई जंगली क्षेत्र हैं, जिसमें पेंच व्याघ्र प्रकल्प, बोर व्याघ्र प्रकल्प, उमरेड-पवनी करांडला अभारण्य व टिपेश्वर अभारण्य आदि का सामावेश हैं। यहां हर वर्ष मुख्यत: ग्रीष्म में पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। जंगल क्षेत्र का अनुभव व इनके बीच वन्यजीवों की उपस्थिति हर किसी के लिए रोमांच का कारण रहता है। ऑनलाइन बुकिंग कर देशभर से पर्यटक यहां पहुंचते हैं व जंगल सफारी का लुत्फ उठाते हैं। इस वर्ष भी मार्च माह से बहुत ज्यादा पर्यटकों ने यहां दस्तक दी है। जंगल की सैर करने के लिए बनाये गई सड़कें पूरी तरह से कच्ची यानी मिट्‌टी से बनी है। ऐसे में बारिश के बाद यहां बहुत ज्यादा कीचड़ हो जाता है। परिणामस्वरूप जीप या अन्य वाहन यहां फंस जाते हैं। जो पर्यटकों के लिए परेशानी के साथ असुरक्षित भी साबित होता है। इन बातों का ध्यान रखते हुए मानसून में इनकी सैर बंद की जाती है। इस बार भी जून के 30 तक ही सफारी का लुत्फ उठाने मिलेगा।

Created On :   18 Jun 2025 3:30 PM IST

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