Nagpur News: विद्यार्थियों का बदल रहा रुझान, भा रहा है एआई और डेटा साइंस

विद्यार्थियों का बदल रहा रुझान, भा रहा है एआई और डेटा साइंस
  • नागपुर यूनिवर्सिटी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नए कोर्सेस
  • शैक्षणिक सत्र 2024-25 में दाखिले 80% बढ़े

Nagpur News जैसे-जैसे दुनिया डिजिटल युग की ओर अग्रसर हो रही है, युवाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों के प्रति आकर्षण तेजी से बढ़ता जा रहा है। नागपुर विश्वविद्यालय के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 2-3 वर्षों में एआई और डेटा साइंस जैसे तकनीकी कोर्सों में छात्रों की रुचि में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है।

एआई कोर्सेस में छात्रों का रुझान : नागपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध इंजीनियरिंग और विज्ञान महाविद्यालयों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, और डेटा साइंस जैसे विषयों में बीटेक, एमटेक, और डिप्लोमा स्तर पर कोर्सेस संचालित किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, 2022 की तुलना में 2024-25 सत्र में इन कोर्सेस में दाखिले 80% तक बढ़े हैं।

नई क्रांति का सूत्रपात...युवा टेक्नोलॉजी के इस नए युग में खुद को एक बेहतर और स्मार्ट करियर की दिशा में अग्रसर कर रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब केवल एक विषय नहीं, बल्कि एक क्रांति बन चुकी है, जिसमें नागपुर के छात्र सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।

छात्रों की बदलती सोच : नागपुर के स्थानीय छात्र, विशेष रूप से इंजीनियरिंग और विज्ञान पृष्ठभूमि से आने वाले युवा, अब पारंपरिक सॉफ्टवेयर डेवलपर बनने की बजाय एआई इंजीनियर, डेटा एनालिस्ट या रिसर्च साइंटिस्ट बनने की दिशा में सोच रहे हैं। पहले छात्र कंप्यूटर साइंस को प्राथमिकता देते थे, लेकिन अब एआई में करियर की व्यापक संभावनाएं और वैश्विक अवसरों को देखते हुए इस क्षेत्र की ओर रुझान बढ़ा है। कई छात्र एआई में पीएचडी करने का भी विचार कर रहे हैं।

विश्वविद्यालय का सक्रिय सहयोग : नागपुर विश्वविद्यालय ने छात्रों की बढ़ती रुचि और बदलते युग की मांग को ध्यान में रखते हुए मुख्य रूप से इंजीनियरिंग क्षेत्र में नए कोर्सेस शुरू किए हैं। बीएससी स्तर पर फिलहाल डेटा साइंस का कोर्स छात्रों के लिए उपलब्ध है।

एआई में कर सकेंगे पीएचडी : विश्वविद्यालय एआई में बीएससी और इंजीनियरिंग से जुड़े हुए नए कोर्सेस लाने का प्रयास कर रहा है। साथ ही, छात्रों को एआई में पीएचडी की सुविधा उपलब्ध हो, इसके लिए भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन का विश्वास है कि आने वाले समय में छात्र इस क्षेत्र में पीएचडी भी कर सकेंगे।

भविष्य में एआई की बढ़ेगी मांग : छात्र अब पारंपरिक कोर्सेस की बजाय ऐसे फ्यूचर-ओरिएंटेड कोर्सेस की मांग कर रहे हैं, जो उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार कर सकें। एआई और डेटा साइंस आज की सबसे अधिक मांग वाली स्किल्स में शामिल हैं। पहले जैसे बेसिक कंप्यूटिंग आवश्यक मानी जाती थी, उसी तरह आने वाले समय में एआई भी मूलभूत आवश्यकता बनेगा। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने विश्वविद्यालय में बेसिक एआई कोर्सेस की शुरुआत की है।’ -डॉ. देवाशीष भौमिक, असिस्टेंट डीन, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, नागपुर विश्वविद्यालय


Created On :   18 Jun 2025 3:39 PM IST

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