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Nagpur News: मेयो-मेडिकल अस्पताल में प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहे डायरिया के मरीज

- पीडियाट्रिक ओपीडी में 30% उल्टी-दस्त से पीड़ित
- बदलते मौसम का असर, सावधानी बरतने की दी जा रही सलाह
Nagpur News शहर के सरकारी व निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वायरल से पीड़ितों के अलावा डायरिया के मरीजों की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की जा रही है। मेयो व मेडिकल के पीडियाट्रिक ओपीडी में आने वाले कुल मरीजों में 30 फीसदी मरीज डायरिया से पीड़ित मिल रहे हैं। दोनों अस्पतालों में रोज औसत 190 मरीज आ रहे हैं।
निजी अस्पतालों में 2000 से अधिक मरीज : शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) की कुल औसत ओपीडी संख्या 2200 है। इनमें से 20 फीसदी यानी 440 मरीज पीडियाट्रिक ओपीडी के होते हैं। इनमें सभी तरह की बीमारियों के मरीजों का समावेश होता है। उनमें 25 फीसदी यानी 110 मरीज डायरिया के पीड़ित बताए जा रहे हैं। इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेयो) में भी यही हाल है। सूत्रों के अनुसार यहां की 1600 की ओपीडी में 80 मरीज डायरिया पीड़ित पाए जा रहे हैं। वहीं शहर भर के निजी क्लीनिकों में 2000 से अधिक मरीज आने का अनुमान है।
मौसम बिगड़ने से सेहत पर असर : पिछले कुछ दिन से शहर का मौसम बिगड़ चुका है। तीन दिन लगातार बारिश के बाद अचानक मौसम में गर्माहट महसूस की जाने लगी है। बारिश के मौसम में डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ती है। तेज बारिश के कारण कई बस्तियों में पानी भर गया था। पीने का पानी दूषित होने से भी विविध बीमारियों की समस्या पैदा हुई है। बाहरी खानपान के शौकीनों पर इसका अधिक असर हो रहा है। डायरिया के लक्षणों में बार-बार दस्त आना, उल्टियां होना, बुखार आदि शामिल है।
दूषित पानी व खुली खाद्य सामग्री से नुकसान : मेडिकल के चिकित्सा अधीक्षक व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अविनाश गावंडे के अनुसार, बारिश के चलते पानी, खाद्य पदार्थ और सब्जियों के दूषित होने का खतरा अधिक होता है। इसलिए खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए। बाजार से लाई गई सब्जियों को अच्छे से धोकर ही उपयोग में लेना चाहिए। स्वच्छता की कमी ही डायरिया के फैलने का प्रमुख कारण बन रही है। इन दिनों उबला हुआ पानी पीना सर्वाधिक लाभदायी है। पानीपुरी के शौकीनों का डायरिया का खतरा अधिक होता है। डायरिया दवाओं से ठीक हो सकता है, लेकिन हालत गंभीर होने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती करना पड़ सकता है। स्कूल खुलने के बाद बच्चों में आपसी संक्रमण के कारण वायरल बुखार भी तेजी से फैल रहा है।
Created On :   16 July 2025 12:10 PM IST