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Nagpur News: विद्यार्थियों की उम्मीदें टूटीं, पाठ्य पुस्तकों की अब अतिरिक्त डिमांड पूरी होने की आस धूमिल

- भरपाई करने की सूचना
- प्राथमिक शिक्षण परिषद प्रकल्प संचालक के पत्र से शिक्षा विभाग की नींद उड़ी
Nagpur News नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक योजना से वंचित विद्यार्थियों के लिए पुस्तकों की अतिरिक्त डिमांड पूरी होने की आशा धूमिल हो गई है। महाराष्ट्र प्राथमिक शिक्षण परिषद प्रकल्प संचालक कार्यालय ने जिला परिषद शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर स्थानीय स्तर पर पुस्तकों का समायोजन कर पुस्तकों से वंचित विद्यार्थियों के पुस्तकों की भरपाई करने की सूचना दी है। इस पत्र से साफ संकेत मिले हैं कि पुस्तकों की अतिरिक्त डिमांड पूरी नहीं होने वाली है। प्रकल्प संचालक का पत्र मिलने पर जिला परिषद के शिक्षा विभाग की नींद उड़ गई है। स्थानीय स्तर पर पुस्तकों की जोड़-तोड़ करने की कवायद शुरू हो गई है। सभी पंचायत समितियाें को पत्र भेजकर बचे हुए पुस्तक जहां कम पड़ गए, उन्हें हस्तांतरण करने की सूचना दी जाने वाली है।
विद्यार्थी घटे फिर भी पुस्तक कम पड़ी : पत्र में स्पष्ट किया गया है कि साल 2023-2024 के मुकाबले साल 2024-2025 में नि:शुल्क शालेय पाठ्यपुस्तक योजना के लिए पात्र विद्यार्थी संख्या साढ़े 9 हजार घटी है। साल 2023-2024 की विद्यार्थी संख्या के आधार पर पाठ्यपुस्तकों की आपूर्ति की गई। उसके बावजूद पुस्तक कम पड़ना समझ के बाहर है। शिक्षा विभाग की मानें तो पुस्तकों की आपूर्ति यू-डायस पर दर्ज विद्यार्थी संख्या के आधार पर की जाती है, जबकि डिमांड स्कूल में दाखिल विद्यार्थी संख्या के आधार पर की जाती है। तकनीकी कारण से सभी विद्यार्थी यू-डायस पर दर्ज नहीं होते हैं। लिहाजा प्रत्यक्ष विद्यार्थी संख्या और यू-डायस पर दर्ज विद्यार्थी संख्या में अंतर रह जाता है। दो साल में विद्यार्थियों का स्कूल अदला-बदली हो जाने पर भी संख्या में अंतर आ जाता है। पुस्तकें कम पड़ने का यह भी एक बड़ा कारण है।
पुरानी पुस्तकों का सहारा : सरकार स्कूल खुलने पर पहले ही दिन विद्यार्थियों को नए कोरे पाठ्यपुस्तक देने का दावा करती है। पुस्तकों की िवतरण व्यवस्था में सही तालमेल नहीं रहने से हर साल हजारों विद्यार्थी पुस्तकों से वंचित रहते हैं। अतिरिक्त डिमांड पूरी करने में लेटलतीफी या हाथ खड़े कर दिए जाते हैं। ऐसी स्थिति में पुराने पुस्तकों का सहारा लेना पड़ता है। इस साल प्राथमिक शिक्षण परिषद प्रकल्प संचालक ने विद्यार्थी संख्या घटने पर भी पुस्तक कम कैसे पड़े, यह सवाल कर अप्रत्यक्ष रूप से अतिरिक्त िडमांड पूरी करने से मना कर दिया है। जिप शिक्षा विभाग ने पंचायत समितियों को पत्र भेजकर बचे हुए पुस्तक जहां कम पड़ गए, वहां भेजने की सूचना दी है। उसमें भी भरपाई नहीं होने पर विद्यार्थियों से पुराने पुस्तक वापस लेकर पुस्तकों से वंचित विद्यार्थियों को उपलब्ध कराने की कवायद कर रहा है।
Created On :   16 July 2025 11:39 AM IST