Nagpur News: सुरक्षित यात्रा पर उठ रहे सवाल, एसटी की एक तो बसें कम और दुर्घटनाओं का भी है गम

सुरक्षित यात्रा पर उठ रहे सवाल, एसटी की एक तो बसें कम और दुर्घटनाओं का भी है गम
  • आरटीआई में हुआ खुलासा
  • हर साल बढ़ रहे एक्सीडेंट

Nagpur News कभी सुरक्षित समझी जाने वाली एसटी बसें लगातार दुर्घटनाओं का शिकार बन रही हैं। गत 3 साल में कुल 9958 बार एसटी बस दुर्घटना का शिकार बनी है। इसमें 8492 यात्री गंभीर जख्मी हुए हैं। इन हादसों में 1234 यात्रियों की जान भी गई है। आरटीआई एक्टीविस्ट अभय कोलारकर की ओर से हाल ही में आरटीआई के माध्यम से यह जानकारी निकाली गई है। इसमें हर साल एसटी बसों के एक्सीडेंट बढ़ने की बात सामने आ रही है।

लगातार खराब हो रही बसें : रख-रखाव के अभाव में एसटी महामंडल की बसें आए दिन खराब हो जाती हैं। 3 साल में लगभग 2 लाख बसों ने सफर के बीच में ही दम तोड़ा है। वर्ष 2023 में 64 हजार से ज्यादा वर्ष 2024 में 67 हजार से ज्यादा, वहीं वर्ष 2025 में 66500 से ज्यादा बसें आधे सफर में ही हांफ गईं।

5 साल में 2433 बसें कम हुई : राज्य मार्ग परिवहन महामंडल के पास बसों की कमी लगातार बढ़ती जा रही है। मिले आंकड़ों अनुसार गत पांच साल में राज्य भर में 2433 बसें कम हुई हैं। वर्ष 2020 में 180161 बसें थीं। वर्ष 2025 में इनकी संख्या 15728 रह गई।

नागपुर विभाग में भी कमी : नागपुर विभाग में भी बसों की कमी है। वर्ष 2017 में नागपुर विभाग के पास 700 बसें थीं, और उस समय यात्रियों को सभी दिशाओं में बसें आसानी से उपलब्ध हो जाती थीं। इसके बाद बसों की संख्या लगातार कम होती गई। कोरोना महामारी के दौरान रख-रखाव की कमी के कारण कई बसें खराब हो गईं, क्योंकि ये महीनों तक नहीं चलाई जा सकीं। तब से अब तक यह कमी पूरी नहीं हो सकी है। नई बसों की अनुपस्थिति ने इस समस्या को और गहरा दिया है। धीरे धीरे बसे स्क्रैप भी होने लगी। वर्तमान में केवल 431 बसें नागपुर विभाग में हैं। इनमें भी आधी बसों की हालत इतनी खराब है, कि यह गंतव्य तक पहुंचने में दिक्कतें होती हैं। बावजूद इसके कमाई के मामले में नागपुर की एसटी राज्य में नंबर-1 है। केन्द्रीय कार्यालय की ओर से राज्य के सभी विभाग को प्रति दिन कमाई का लक्ष्य दिया गया है। इसमें नागपुर विभाग को 83 लाख 96 हजार रुपये का लक्ष्य दिया था। 1 से 13 मई तक आंकड़ों में प्रति दिन नागपुर में 86 लाख 82 हजार का राजस्व हासिल किया जा रहा है। यानी 103 प्रतिशत अचीवमेंट है।

आंकड़ों में दुर्घटनाएं : समझा जाता है कि खराब बसें व चालकों में प्रशिक्षण का अभाव होने के कारण एसटी महामंडल की बसें दुर्घटनाओं का शिकार हो रही हैं।

2023

3014 दुर्घटनाएं

2450 यात्री गंभीर जख्मी

343 यात्रियों की मौत

2024

3381 दुर्घटनाएं

2818 यात्री गंभीर जख्मी

421 यात्रियों की मौत

2025

3563 दुर्घटनाएं

3234 यात्री जख्मी

470 यात्रियों की मौत


Created On :   16 July 2025 11:33 AM IST

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