खास मौका: सौ साल का हो गया है अपने नागपुर का रेलवे स्टेशन, सावन की रिमझिम में रौशनी से जगमगा उठी भव्य इमारत

सौ साल का हो गया है अपने नागपुर का रेलवे स्टेशन, सावन की रिमझिम में रौशनी से जगमगा उठी भव्य इमारत
  • उपराजधानी को देशभर से जोड़ने वाला स्टेशन 100 बरस का हो गया
  • स्टेशन की स्थापना 15 जनवरी 1925 को तत्कालीन गवर्नर सर फ्रैंक ने की थी
  • सांस्कृतिक और आर्थिक योगदान

Nagpur News. ऑरेंज सिटी यानी नागपुर महानगर का रेलवे स्टेशन रंगीन रौशनी से जगमगा रहा है। कुछ देख की बारिश ने मानों स्टेशन की तस्वीर भी बदल दी और खूबसूरत इमारत की छवि जमीन पर बरसे पानी में भी नजर आने लगी। जो इस इतिहासिक दिन की बानगी भर रहा है। मौका भी खास है, दरअसल इस शानदार महानगर और राज्य की उपराजधानी को देशभर से जोड़ने वाला स्टेशन 100 बरस का हो गया है। इसका जश्न भी मनाया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर स्टेशन के पश्चिमी पोर्च परिसर में भव्य शताब्दी प्रदर्शनी लगाई गई। जो स्टेशन की वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक यात्रा को दर्शा रही है। गुरुवार को डीआरएम विनायक गर्ग के हाथों इसके उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी को अब यात्रियों के लिए शुरु किया गया है। जहां 10 दशकों के रेल इतिहास की झलक देख सकेंगे।


स्टेशन की स्थापना 15 जनवरी 1925 को तत्कालीन गवर्नर सर फ्रैंक ने की थी। करोड़ों का मूल्य रखनेवाली स्टेशन की जमीन खैरागड़ के राजा ने ब्रिटीश सरकार को 1 रुपए में बेची थी। स्टेशन की इमारत सावनेर के बलुआ पत्थर से बनाई गई है। इमारत की वैभव एवं विशिष्ट शिल्पकारी को बनाए रखने के लिए एलईडी से रौशन किया गया है।


तेजी से विकास के बाद आज स्टेशन से 92 मेल एक्सप्रेस व 200 मालगाडिय़ां रोज गुजरती हैं। एक सदी में नागपुर स्टेशन ने विकास की बयार देखी है। नैरोगेज लाइन से ब्रॉडगेज लाइन, 2 प्लेटफॉर्म से 8 प्लेटफॉर्म, देश को उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम को जोड़ने का गौरव प्राप्त किया।

100 वर्ष और उसका ऐतिहासिक महत्व

यह स्टेशन महानगर की प्रगति और विकास का गवाह भी है। इसकी स्थापना से लेकर अब तक इसने न केवल यात्रियों को जोड़ा है, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति में भी अहम भूमिका निभाई है। स्टेशन को ब्रिटिश काल में ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे (GIPR) के अंतर्गत बनाया गया था। शुरुआत में माल ढुलाई और लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए प्रमुख केंद्र था। धीरे-धीरे, यह मध्य भारत का एक महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन बन गया। अब देश के चारों दिशाओं में ट्रेनें जाती हैं, जिससे यह एक रणनीतिक केंद्र बन गया है।

स्टेशन उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम गलियारे के मध्य स्थित है, जिसे भारत का 'जीरो माइल' कहा जाता है। यहां से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई जैसे महानगरों केलिए ट्रेनें नियमित रूप से चलती हैं।


निरंतर होता विकास

स्टेशन आधुनिक सुविधाओं से लैस है। एस्केलेटर, एलिवेटेड वॉकवे, डिजिटल टिकटिंग, वातानुकूलित प्रतीक्षालय, स्वच्छता सुविधाएं और सुरक्षा की आधुनिक व्यवस्थाएं मौजूद हैं। इसके साथ ही प्लेटफॉर्मों का विस्तार और ट्रेनों की गति में भी सुधार हुआ है।


सांस्कृतिक और आर्थिक योगदान

यहां से नागपुर का संतरा व्यापार, कोल इंडस्ट्री और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है। स्टेशन के आसपास का क्षेत्र भी समय के साथ एक व्यावसायिक हब में बदल गया है।रेलवे स्टेशन के 100 वर्ष पूरे होना एक तारीख ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक उपलब्धि है। जो बीते युग की यादें और भविष्य की संभावनाएं समेटे है।


Created On :   17 July 2025 8:28 PM IST

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