सुप्रीम कोर्ट: केंद्र-महाराष्ट्र सरकारों को फटकार....तो विचाराधीन कैदियों को करेंगे रिहा

केंद्र-महाराष्ट्र सरकारों को फटकार....तो विचाराधीन कैदियों को करेंगे रिहा
  • विशेष अदालतें नहीं बनी तो विचाराधीन कैदियों को करेंगे रिहा
  • सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को लगाई फटकार

New Delhi News. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने अपेक्षित विशेष अदालतें स्थापित करने पर जोर देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा आरोपित विचाराधीन कैदियों को रिहा कर देगा। जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की पीठ ने सवाल किया कि आखिर कब तक विचाराधीन कैदियों को हिरासत में रखा जाएगा। कोर्ट ने चेतावनी देते हुए केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को विशेष अदालतें स्थापित करने का अंतिम अवसर दिया। पीठ ने कहा कि यदि प्राधिकारी समयबद्ध सुनवाई के लिए अपेक्षित बुनियादी ढांचे के साथ विशेष अदालतें स्थापित करने में असफल रहते हैं, तो न्यायालयों के पास विचाराधीन कैदियों को जमानत पर रिहा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा, क्योंकि ऐसे संदिग्धों को कब तक सलाखों के पीछे रखा जा सकता है, जब त्वरित सुनवाई और समयबद्ध तरीके से सुनवाई पूरी करने की कोई व्यवस्था नहीं है।

अदालत ने यह टिप्पणी एनआईए के एक मामले में विचाराधीन कैदी कैलाश रामचंदानी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए की। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यदि भारत संघ और प्रतिवादी-राज्य सरकार विशेष अदालतें स्थापित करने में विफल रहती हैं, तो जमानत पर रिहाई के लिए याचिकाकर्ता की प्रार्थना पर अगली तारीख पर गुण-दोष के आधार पर विचार किया जाएगा।

Created On :   18 July 2025 8:35 PM IST

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