डेटा लीक: साठगांठ की साजिश से बड़ा कांड - बार्टी व्यवस्थापक पिरामिड ट्यूटोरियल्स को नोटिस

साठगांठ की साजिश से बड़ा कांड - बार्टी व्यवस्थापक  पिरामिड ट्यूटोरियल्स  को नोटिस
  • पिरामिड पर आरोप- विद्यार्थियों को फोन कर लालच दिया
  • बार्टी व शासन के लोगो का दुरुपयोग, सेमिनार का भी किया आयोजन
  • परेशान पालकों ने की शिकायत

Nagpur News. जेईई-एनईईटी परीक्षा का प्रशिक्षण देने के लिए बार्टी द्वारा 150 विद्यार्थियों का चयन किया जाता है। इन्हें नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण के लिए शहर के नामी 6 कोचिंग संस्थाओं का चयन किया गया है। हालांकि यह विद्यार्थियों पर निर्भर है कि उन्हें किस कोचिंग में जाना है। किन्तु विद्यार्थियों के कोचिंग सिलेक्शन से पहले ही शहर के नामी संस्थान पिरामिड ट्यूटोरियल्स ने बार्टी के अधिकारियों से साठगांठ कर विद्यार्थियों का गोपनीय डाटा हासिल कर लिया। डेटा हासिल कर सभी 150 स्टूडेंट्स को फोन कर उन्हें पिरामिड में आने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन देने शुरू कर दिए। विद्यार्थियों को 5-5 हजार रुपए देने का भी लालच दिया। इतना ही नहीं, बार्टी और राज्य सरकार के नाम और लोगो का इस्तेमाल कर एक सेमिनार का आयोजन कर लिया।

परेशान पालकों ने की शिकायत

पिरामिड द्वारा बार-बार फोन करने से परेशान पालकों ने इसकी मानव अधिकार संरक्षण मंच के आशीष फुलझेले से शिकायत की। सवाल किया कि बार्टी कार्यालय में जमा उनका डेटा पिरामिड के पास कैसे पहुंचा? बार्टी के अधिकारियों पर विद्यार्थियों का डेटा बेचने का आरोप लगाया गया। आशीष फुलझेले ने इस मामले की बार्टी (डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर संशोधन व प्रशिक्षण संस्था, पुणे) के महासंचालक सुनील वारे से शिकायत की। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए महासंचालक ने अब पिरामिड ट्यूटोरियल्स के संचालक और बार्टी नागपुर के सहायक प्रकल्प व्यवस्थापक अनिल वालके को नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी कर पिरामिड संचालक और बार्टी के सहायक प्रकल्प व्यवस्थापक को त्वरित इस पर अपना खुलासा करने अन्यथा नियमानुसार कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई है। मामले को लेकर बार्टी के महासंचालक वारे से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे प्रतिसाद नहीं मिल पाया।

कैसे पहुंचा डाटा

इस नोटिस के बाद बार्टी के अधिकारियों को सवालों के कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। शिकायतकर्ताओं ने कहा कि विद्यार्थियों ने बार्टी में आवेदन किया था। आवेदन के बाद अपना शैक्षणिक व सामाजिक डाटा जमा किया था। यह डाटा गोपनीय तरह का माना जाता है। जिस कारण यह किसी अन्य संस्थान को नहीं जाना चाहिए। लेकिन बार्टी से यह डाटा पिरामिड ट्यूटोरियल्स को कैसे पहुंचा। इसे लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। अब अधिकारियों पर ही डेटा बेचने के आरोप लग रहे हैं। ऐसे में बार्टी के सहायक प्रकल्प व्यवस्थापक अनिल वालके को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। पिरामिड पर भी नियमों को ताक पर रखकर अपने फायदे के लिए विद्यार्थियों को परेशान करने का आरोप है।

पुलिस भर्ती में भी किया था परेशान

शिकायत में आरोप है कि पिछले साल पुलिस भर्ती प्रक्रिया में भी विद्यार्थियों को कोचिंग संस्थान का चयन करने के लिए 5-5 हजार रुपए का प्रलोभन देकर और कुछ विद्यार्थियों के आईडी-पासवर्ड बैक कर अपने इंस्टिट्यूट का चयन करने के लिए दबाव बनाया गया था। दोबारा इस घटना की पुनरावृत्ति करने का आरोप है। बार्टी का इसे समर्थन होने का संदेह है।


Created On :   9 Nov 2025 6:30 PM IST

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