- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- रोबोटिक सर्जरी को चिकित्सा शिक्षा...
Nagpur News,: रोबोटिक सर्जरी को चिकित्सा शिक्षा में शामिल करने सरकार उदासीन, सीखने के लिए विदेशों पर निर्भर विद्यार्थी

- मेडिकल में रोबोसर्ज परिषद में वैश्विक रोबोटिक सर्जरी के प्रणेता डॉ. सुधीर श्रीवास्तव ने कहा
- स्वास्थ्य योजनाओं में रोबोटिक सर्जरी का शामिल करना जरूरी
Nagpur News. प्रगत देशों में चिकित्सा क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। जटिल सर्जरी अब अधिक सटीक, सुरक्षित और कम दर्दनाक हो रही है। मानव हाथ से होने वाली अनजानी गलतियां भी रोबोटिक तकनीक के कारण बेहद कम हो गई हैं। रोबोट आधारित सर्जरी इस परिवर्तन का बड़ा कारण है, लेकिन भारत में चिकित्सा शिक्षा में इस आधुनिक तकनीक को शामिल करने में सरकारी नीतियां अब भी उदासीन हैं। ऐसा वैश्विक रोबोटिक सर्जरी के प्रणेता माने जाने वाले डॉ. सुधीर श्रीवास्तव ने कहा। रविवार को मेडिकल में आयोजित रोबोसर्ज परिषद के दौरान उन्होंने भारत की चिकित्सा पद्धतियों, सरकार के नीति-नियमों पर अपने विचार रखें।
डॉ. श्रीवास्तव को एसएसआई मंत्रा थ्री भारत का सबसे अत्याधुनिक स्वदेशी रोबोटिक सर्जरी सिस्टम का प्रणेता माना जाता है। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) में आयोजित रोबोटिक सर्जरी परिषद रोबोसर्ज में हिस्सा लेने नागपुर पहुंचं डॉ. श्रीवास्तव ने अनेक विषयों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दुनिया इस बात को मान रही है कि भारत विश्व में सबसे बड़े चिकित्सा मानव संसाधन आपूर्तिकर्ता देश है। गंभीर बीमारियों के उपचार में सर्जरी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आने वाला दौर सूक्ष्म छिद्रों के माध्यम से रोबोटिक तकनीक से होने वाली सर्जरी का है। इसलिए दुनियाभर में रोबोटिक सर्जरी की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। यहां तक कि जटिल एवं जोखिमपूर्ण अंग प्रत्यारोपण सर्जरी भी अब रोबोट की मदद से की जा रही है। लेकिन भारत में इन सर्जरी की संख्या बहुत कम है।
यह भी पढ़े -डॉ. भागवत ने कहा - भारत में एकता में ही विविधता है, श्री ज्ञानेश्वरी के अंग्रेजी संस्करण का विमोचन
विद्यार्थियों को सीखने के लिए विदेशों पर निर्भर
डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि देश में 750 से अधिक मेडिकल कॉलेज हैं। लाखों स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं, लेकिन अगर उन्हें रोबोटिक सर्जरी सीखनी हो, तो विदेशी तकनीक और केंद्रों पर निर्भर रहना पड़ता है, इसलिए पीजी मेडिकल कोर्स में रोबोटिक सर्जरी को शामिल करना समय की मांग है। लेकिन सरकार इस दिशा में गंभीर नहीं दिखती। उन्होंने कहा कि अगर देश में पीजी स्तर पर ही रोबोटिक सर्जरी प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए तो यहां रोबोटिक सर्जरी के विशेषज्ञ तैयार होंगे, वहीं आम लोगों को सस्ती और अत्याधुनिक चिकित्सा व सर्जरी सेवाएं मिल सकेंगी।
स्वास्थ्य योजनाओं में रोबोटिक सर्जरी का शामिल करना जरूरी
डॉ. श्रीवास्तव ने आयुष्मान भारत सहित सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य योजनाओं अंतर्गत करोड़ों गरीब परिवारों को उपचार का सुरक्षा कवच मिलता है। लेकिन योजनाओं में रोबोटिक सर्जरी शामिल नहीं है, जिससे गरीब मरीज इसका लाभ नहीं उठा पाते। अगर रोबोटिक सर्जरी को सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं में शामिल किया जाए, तो लाखों मरीजों को जटिल और गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधा मिल सकती है।
Created On :   1 Dec 2025 7:08 PM IST














