मेडिकल: दो महत्वपूर्ण उपलब्धियों ने चिकित्सा क्षेत्र को दी नई पहचान, स्वदेशी रोबोटिक सर्जरी सिस्टम स्थापित

दो महत्वपूर्ण उपलब्धियों ने चिकित्सा क्षेत्र को दी नई पहचान, स्वदेशी रोबोटिक सर्जरी सिस्टम स्थापित
  • देश का पहला संस्थान, जहां स्थापित हुआ स्वदेशी रोबोटिक सर्जरी सिस्टम
  • नागपुर पहुंची रोबोटिक सर्जरी सिस्टम बस एसएसआई मंत्रा थ्री से परिपूर्ण
  • एमयूएचएस से संलग्न रोबोटिक सर्जरी फेलोशिप कार्यक्रम की शुरुआत

Nagpur News. स्वास्थ्य व चिकित्सा क्षेत्र में संतरानगरी ने नया इतिहास रचा है। दो उपलब्धियों ने विदर्भ के चिकित्सा क्षेत्र को नई पहचान दी है। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) ने अपने नाम दो अध्याय लिख दिए हैं। यह देश का पहला ऐसा संस्थान बन चुका है, जहां स्वदेशी रोबोटिक सर्जरी सिस्टम स्थापित किया गया है। साथ ही एमयूएचएस से संलग्न रोबोटिक सर्जरी फेलोशिप प्रोग्राम की शुरुआत की गई है। रोबोटिक सर्जरी के मामले में नागपुर का मेडिकल बड़ा केंद्र बन रहा है। अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये के नेतृत्व में भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए रोबोटिक सर्जरी की दिशा में बड़े कदम उठाए गए हैं। देश में पहली बार तीन दिवसीय रोबोटिक सर्जरी परिषद ‘रोबोसर्ज’ का आयोजन मेडिकल में किया गया। जनरल सर्जरी विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय परिषद ने भारत में रोबोटिक सर्जरी, टेलीसर्जरी और स्वदेशी मेडिकल टेक्नोलॉजी को नई दिशा दी है। परिषद में देशभर से आए करीब 500 रोबोटिक सर्जन्स और प्रशिक्षणार्थियों ने तीन दिनों तक वैज्ञानिक चर्चा, लाइव रोबोटिक सर्जरी और हाई एंड वर्कशॉप्स के माध्यम से अत्याधुनिक व उभरती तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव लिया। परिषद में स्वदेशी रोबोटिक सर्जरी सिस्टम के संस्थापक व अध्यक्ष डॉ. सुधीर श्रीवास्तव ने ‘ट्रांसफॉर्मिंग विजन इन टू रियलिटी-इंडियाज इंडिजिनस रोबोटिक सर्जरी जर्नी’ विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। उनके विचारों ने स्वदेशी रोबोटिक सर्जरी सिस्टम को लेकर डॉक्टरों में उत्साह भर दिया।

डॉक्टरों ने दिखाया प्रात्याक्षिक

परिषद में देशभर के दिग्गज रोबोटिक सर्जन्स ने भाग लिया। इनमें डॉ. विजय बड़ा, डॉ. शैलेश पुणतांबेकर, डॉ. मुफ्फजल लकड़ावाला, डॉ. मगन मेहरोत्रा, डॉ. निधि नैयर, डॉ. प्रिया भवे, डॉ. अजय भंडारवार, डॉ. टी. बी. युवराजा, डॉ. सरवन राजामणिकम, डॉ. चंद्रमोहन वड्डी, डॉ. सुधीर रावल, डॉ. सुरेंद्र दब्बास, डॉ. गिरीश बख्शी, डॉ. अंशुमाला कुलकर्णी, डॉ. ललित मलिक, डॉ. हरीश बदामी, डॉ. हिमांशु शुक्ला आदि शामिल थे। लाइव रोबोटिक सर्जरी में देशभर के डॉक्टरों ने हिस्सा लेकर प्रात्याक्षिक कर दिखाया।

प्रशिक्षण से बारीकियां समझने का अवसर परिषद के दौरान हुए रेसिप्रोकल टेलिसर्जरी सत्र और लाइव सर्जरी वर्कशॉप्स का आयोजन किया गया। इसमें देशभर के विविध चिकित्सा संस्थानों के बीच समन्वय व रियल टाइम रोबोटिक सर्जरी का प्रात्याक्षिक कर दिखाया गया। युवा सर्जन्स को अत्याधुनिक रोबोटिक सिस्टम्स पर हैंडस् ऑन प्रशिक्षण से सर्जरी की बारीकियां समझने का अवसर मिला। अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये के मार्गदर्शन में परिषद की टीम डॉ. भूपेश तिरपुडे, डॉ. गायत्री देशपांडे, डॉ. हेमंत भनारकर, डॉ. विक्रांत आकुलवार, डॉ. गिरीश कोडापे और डॉ. आशुतोष जाधव का विशेष योगदान मिला। इस परिषद के लिए चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे का विशेष सहयोग रहा है।

बस में डेमो व ट्रेनिंग यूनिट विद्यार्थी डॉक्टर्स व सर्जन्स के लिए नया अनुभव

चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हो रही है। जटिल सर्जरी के बाद अब रोबोटिक सर्जरी का दौर आ रहा है। मेडिकल में दो दिवसीय रोबोसर्ज नामक परिषद हुई जिसमें देशभर के डॉक्टर्स, विशेषज्ञ व सर्जन्स शामिल हुए है। उन्हें मेडिकल परिसर में देश का पहला स्वदेशी रोबोटिक सर्जरी सिस्टम एसएसआई मंत्रा थ्री करीब से देखने का मौका मिला है। यह सब एक चलती-फिरती बस में देखने मिल रहा है। एसएसआई मंत्रा थ्री और एसएस इनोवेशन्स की यह अत्याधुनिक विशेष बस है। इसे रोबोटिक सर्जरी की डेमो बस बताया गया है। देश में पहली बार चिकित्सा क्षेत्र की अत्याधुनिक तकनीक की शुरुआत के प्रति जागरूकता व प्रचार करने विशेष बस तैयार की गई है। बस को बनाने के बाद इसे देशभर में ले जाया जा रहा है। इसे ‘मंत्रा एम यात्रा’ कहा जाता है। इसी साल बस के भ्रमण की शुरुआत गुरुग्राम हरियाणा से की गई थी। यह बस गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा आदि राज्यो में सफर कर चुकी है। अब यह बस नागपुर में लाई गई है। बस में डेमो व ट्रेनिंग यूनिट लगाया गया है। यह बस अस्पतालों, क्लीनिक, मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों, मेडिकल स्टूडेंट्स और स्थानीय लोगों को रोबोटिक सर्जरी सिस्टम एसएसआई मंत्रा थ्री की क्षमताओं का प्रत्यक्ष अनुभव कराती है।

टेलिसर्जरी विकसित करने किया जा रहा काम

वर्तमान में इस बस में सर्जरी नहीं की जाती, लेकिन टेलीसर्जरी विकसित करने काम किया जा रहा है। भविष्य में ऐसी सुविधा भी विकसित करने की योजना है। पूरी प्रणाली देश में विकसित की गई है, विदेशी निर्भरता कम करते हुए। रोबोटिक सर्जरी सिस्टम एसएसआई मंत्रा थ्री 5 रोबोटिक हाथ, थ्रीडी-एचडी हेडसेट, थ्रीडी फोर के विजन कार्ट जैसे आधुनिक फीचर्स हैं। रोबोटिक सर्जरी में छोटे छेद के माध्यम से सर्जरी होती है। इसमें जटिलताएं कम, तेज रिकवरी, कम रक्तस्त्राव, जल्दी डिस्चार्ज होने से मरीजों के लिए लाभदायी है। बस के माध्यम से आम जनता, मरीज, उनके परिजन, स्थानीय डॉक्टर को रोबोटिक सर्जरी की जानकारी मिलती है।

Created On :   1 Dec 2025 7:59 PM IST

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