Nagpur News: स्टेशन पर ढूंढ़ते रह जाओगे स्वच्छ महिला टॉयलेट, यात्रियों को हो रहीं भारी दिक्कतें

स्टेशन पर ढूंढ़ते रह जाओगे स्वच्छ महिला टॉयलेट, यात्रियों को हो रहीं भारी दिक्कतें
  • दादर हादसा बना चेतावनी की घंटी
  • महिलाओं के लिए बड़ी समस्या न दरवाजा, न स्वच्छता
  • बुनियादी जरूरतें पूरी करने में विफल

Nagpur News. नागपुर रेलवे स्टेशन शहर का सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त स्टेशन है, जहां प्रतिदिन लाखों यात्री आते-जाते हैं। इसके बावजूद मुख्य स्टेशन में एक भी स्वच्छ टॉयलेट नहीं है। प्लेटफॉर्म्स पर 1-1 टॉयलेट बनाए गए हैं, लेकिन स्टेशन के भीतर यात्रियों, खासकर महिलाओं के लिए सुविधाएं न के बराबर हैं। मुख्य परिसर में सिर्फ यूरिनल ही उपलब्ध हैं, जिनकी स्थिति बेहद खराब है।

महिलाओं के लिए बड़ी समस्या न दरवाजा, न स्वच्छता

प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर स्थित एकमात्र शौचालय में टॉयलेट और यूरिनल दोनों हैं, पर पूरी तरह स्वच्छ नहीं है। अन्य प्लेटफॉर्म्स पर बने सभी यूरिनलों में दरवाजे तक नहीं हैं, जिससे महिलाओं को उपयोग करने में भारी असहजता होती है। कई बार इमरजेंसी में महिलाएं अपनी परेशानी किसी को नहीं बता पातीं, क्योंकि कोई विकल्प ही नहीं है। अधिकारियों का दावा है कि स्वच्छता रखी जाती हैं। हालांकि वास्तविक स्थिति प्रशासन के दावों से उलट दिखाई देती है।

एलिवेटर चमक रहे, पर टॉयलेट कहां?

कई वर्ष पहले महिलाओं ने खुले में शौच की समस्या से मुक्ति पाने के लिए संघर्ष किया था। इसके परिणामस्वरूप आज लगभग हर गांव में सार्वजनिक शौचालय बनाए जा रहे हैं, लेकिन अब फिर से हमें सार्वजनिक स्थानों पर शौचालयों की बदहाल स्थिति और उनकी अनुपस्थिति के खिलाफ आवाज़ उठानी पड़ रही है। नागपुर रेल्वे स्टेशन इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जहां यात्रियों की सुविधा के लिए एलिवेटर जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं, वहीं पांच से अधिक प्लेटफॉर्म होने के बावजूद टॉयलेट ही नहीं हैं। टॉयलेट के नाम पर यूरिनल हैं जो सुरक्षित और स्वच्छ भी नहीं हैं। यह स्थिति बेहद शर्मनाक है और प्रशासन की व्यवस्थाओं पर कई गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े करती है।

बुनियादी जरूरतें पूरी करने में विफल

यात्रियों का मानना है कि नागपुर जैसे प्रमुख स्टेशन पर शौचालयों पर दरवाजे लगाए जाए और स्वच्छता व्यवस्था में सुधार किया जाए। महिलाओं के लिए अलग से सुरक्षित एवं स्वच्छ टॉयलेट की आवश्यकता है। दादर हादसे के बाद यह सवाल फिर खड़ा हो गया है। क्या देश के बड़े रेल्वे स्टेशन यात्रियों की बुनियादी जरूरतें पूरी करने में विफल हैं? समय रहते कदम न उठाए गए तो ऐसी स्थितियों से और गंभीर समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।

पर्याप्त स्टाफ, दिन में तीन बार सफाई

अमन मित्तल, सीनियर डीसीएम, सेंट्रल रेलवे नागपुर डिवीजन के मुताबिक रेल्वे नॉर्म्स के अनुसार हर प्लेटफॉर्म पर यूरिनल की व्यवस्था है। शौचालयों की सफाई का कॉन्ट्रैक्ट मैकेनिकल विभाग को दिया गया है और पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मचारी तैनात हैं। दिन में तीन बार सफाई होती है। फुटफॉल ज्यादा होने के कारण कभी-कभी शौचालय गंदा मिल सकता है।

दादर हादसा बना चेतावनी की घंटी

गुरुवार को मध्य रेल्वे के दादर स्टेशन पर टॉयलेट न मिलने के चलते लंदन से आई एक एनआरआई महिला की मौत हो गई। इस घटना ने रेल्वे स्टेशनों पर बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी को उजागर कर दिया है। नागपुर जैसे बड़े जंक्शन पर भी ऐसी स्थिति किसी बड़ी समस्या का कारण बन सकती है।


Created On :   1 Dec 2025 7:36 PM IST

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