Nagpur News: हर विश्वविद्यालय में जल अध्ययन केंद्र पर विशेषज्ञों ने दिया जोर

हर विश्वविद्यालय में जल अध्ययन केंद्र पर विशेषज्ञों ने दिया जोर
  • विदर्भ जल परिषद का समापन, विशेषज्ञों ने रखे विचार
  • उभरकर आईं 12 मांगें, मसौदा शासन को भेजा जाएगा
  • तीन दिवसीय विदर्भ जल परिषद का धरमपेठ के वनामती सभागृह में आयोजन

Nagpur News राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना विभाग और जनकल्याणकारी समिति नागपुर के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय विदर्भ जल परिषद का धरमपेठ के वनामती सभागृह में आयोजन किया गया था। सोमवार को संपन्न हुए जल परिषद के समापन कार्यक्रम में तीन दिन तक चले मंथन के बाद 12 मांगों का मसौदा प्रस्तुत किया गया। इसमें राज्य के प्रत्येक विश्वविद्यालय में जल अध्यासन स्थापित करने और कक्षा 5 से 10वीं तक पाठ्यक्रम में जल संरक्षण विषय शामिल करने की मांग की है। यह मसौदा जल्द ही शासन को दिया जाने वाला है, ताकि जल संरक्षण की दिशा में और बेहतर काम किया जा सके। मुख्य अतिथि पद्मश्री चैतराम पवार ने जल संरक्षण में जनसहभागिता पर जोर दिया।

महत्वपूर्ण विषयों को उठाया : इस जल परिषद में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने प्रमुखता से उपस्थिति दर्ज करते हुए जल संरक्षण को लेकर अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किए थे। जल परिषद में "विदर्भ में पेयजल समस्या, चुनौतियां और समाधान', "विदर्भ में कृषि योग्य जल की वर्तमान स्थिति, समस्या और समाधान' और "औद्योगिक क्षेत्र में जल की समस्या, चुनौतियां और समाधान' इन महत्वपूर्ण विषयों पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। इस मंथन के बाद जनकल्याणकारी समिति के अध्यक्ष सुमंत पुणतांबेकर ने 14 मांगों का मसौदा समापन समारोह में प्रस्तुत किया।

कुलगुरु ने कहा- नागरी जल प्रबंधन पर करें शोध : प्रभारी कुलगुरु डॉ. माधवी खोडे चवरे ने शोधकर्ताओं और शोधार्थी छात्रों से पेयजल, कृषि, औद्योगिक उपयोग के साथ-साथ नागरी जल नियोजन के लिए नागरी जल प्रबंधन पर शोध करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नागरी जल प्रबंधन को कैसे लागू किया जा सकता है, इसका समाधान खोज कर विश्वविद्यालय को सूचित करें। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन हो गया है, लेकिन राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से जल संरक्षण के विभिन्न कार्यों के जरिए विदर्भ जल परिषद प्रवाहित रहेगी, ऐसा विश्वास डॉ. माधवी खोडे चवरे ने व्यक्त किया।

दो समझौता ज्ञापन किए गए : इस कार्यक्रम में नागपुर विश्वविद्यालय ने जल संरक्षण के दृष्टिकोण से दो समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किए गए। जनकल्याणकारी समिति, नागपुर के अध्यक्ष सुमंत पुणतांबेकर और एसडीएफ के निलय बोंते के साथ प्रभारी कुलसचिव हरीश पालीवाल ने समझौता ज्ञापन का हस्तांतरण किया। इसी कार्यक्रम में डॉ. कैलास निखाडे द्वारा लिखित "पाणी व्यवस्थापन' नामक पुस्तक का विमोचन मुख्य अतिथियों के हाथों किया गया।

प्रतियोगिता के विजेता सम्मानित : समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता नागपुर विश्वविद्यालय की प्रभारी कुलगुरु डॉ. माधवी खोडे चवरे ने की। मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री चैतराम पवार, प्रभारी प्र-कुलगुरु डॉ. सुभाष कोंडावार, प्रभारी कुलसचिव हरीश पालीवाल, राज्यपाल द्वारा नामित प्रबंधन परिषद सदस्य डॉ. समय बनसोड, परिषद की संयोजक तथा अधिसभा सदस्य शुभांगी नक्षीने उंबरकर, अधिसभा सदस्य डॉ. विजय इलोरकर, डॉ. राज मदनकर और राष्ट्रीय सेवा योजना के संचालक डॉ. सोपानदेव पिसे उपस्थित थे। इस जल परिषद पर के अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को मान्यवरों के हाथों से पुरस्कार वितरित किए गए।

Created On :   10 Jun 2025 3:20 PM IST

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