Nagpur News: उपविभागीय अभियंता उपाध्ये ने ताला खोलकर लिया चार्ज

उपविभागीय अभियंता उपाध्ये ने ताला खोलकर लिया चार्ज
  • केबिन से अवार्ड, शर्ट, शूज गायब होने का लगाया आरोप
  • विभाग के इतिहास में पहली बार हुई ऐसी घटना

Nagpur News लोक कर्म विभाग के डिवीजन 1 में दो उपविभागीय अभियंताआें के बीच जारी शीत युद्ध सोमवार को महाभारत में तब्दील हो गया। उपविभागीय अभियंता संजय उपाध्ये ने सब डिवीजन अंतर्गत सभी शाखा अभियंताआें के साथ बैठक की आैर शाम को शाखा अभियंताआें की मौजूदगी में कर्मचारी के हाथ से केबिन का ताला खोलकर चार्ज संभाला। उपाध्ये ने केबिन से अवार्ड, शर्ट आैर शूज गायब होने का आरोप लगाया।

राजधानी तक घटना की गूंज : शाखा अभियंताआें व स्टॉफ की मौजूदगी में अलमारी खोलकर दस्तावेजों को देखा गया। उपाध्ये ने दावा किया कि मैट से स्टे मिलने के बाद भी उपविभागीय अभियंता अजय पाटील (घाटे) ने उन्हें चार्ज नहीं सौंपा। उल्टे केबिन को ताला लगाकर गायब हो गए। शाम को किसी के हाथ से ऑफिस में चाभी भेजी गई। इसके बाद केबिन खोलकर ताला खोलकर चार्ज लिया। कार्यालय परिसर में दोपहर तक बैठा सुरक्षा रक्षक दोपहर 3 बजे के बाद गायब हो गया था। दो अभियंताआें के बीच जारी संघर्ष से विभाग की छवि खराब हो रही है। शीत सत्र सिर पर है आैर उसके ठीक पहले हुए इस धमाकेदार घटना की गूंज नागपुर से लेकर मुंबई तक हो रही है। जानकारों ने बताया कि पीडब्ल्यूडी के इतिहास में नागपुर में पहली बार इस तरह की घटना हुई है।

12 मिनट का हाई वोल्टेज ड्रामा : उपविभागीय अभियंता उपाध्ये ने शाम 6.50 बजे शाखा अभियंताआें व बड़े बाबू के साथ बैठक की आैर कार्यालय में जारी टकराव की जानकारी दी। बैठक 6.59 बजे तक चली। शाम 7.00 बजे सभी की मौजूदगी में कर्मचारी के हाथ से केबिन का ताला खोला गया। शाम 7.00 बजकर 1 मिनट पर वे केबिन में अपनी कुर्सी पर बैठे। शाम 7.00 बजकर 2 मिनट पर केबिन में रखी अलमारी को खोलकर दस्तावेजों को देखा गया।

विवाद की पृष्ठभूमि : याद रहे उपविभागीय अभियंता संजय उपाध्ये का तबादला मुख्य अभियंता कार्यालय हुआ था। 30 अक्टूबर को उपविभागीय अभियंता अजय पाटील (घाटे) कार्यालय पहुंचे आैर सीधे चार्ज ले लिया। इसके बाद कार्यालय पहुंचे उपाध्ये को इसकी सूचना मिली तो वे वापस लौटे आैर चिकित्सकीय अवकाश पर चले गए। शुक्रवार 7 नवंबर को मैट से राहत मिलते ही शाम को ही उपाध्ये कार्यालय पहुंचे। चूंकि केबिन को ताला लगा था, इसलिए उन्होंने रवि भवन के शाखा अभियंता की केबिन से ही अपना कामकाज शुरू किया। शनिवार व रविवार को भी उन्होंने यहीं से काम किया। सोमवार को रवि भवन में कार्यालय पहुंचे, तो केबिन को ताला लगा था आैर बाहर सुरक्षा रक्षक बैठा था। उन्होंने दोपहर में इसकी सूचना मोबाइल से कार्यकारी अभियंता लक्ष्मीकांत राउलकर को दी। यह भी जानकारी दी कि अजय पाटील केबिन को लॉक करके चाभी लेकर गया है, इसलिए पुलिस बुलाकर ताला तोड़ा जाएगा।

चाबी ड्राइवर के माध्यम से कार्यालय पहुंचने की सूचना मिलने के बाद उपाध्ये ने सभी शाखा अभियंताआें के साथ शाम को बैठक की आैर ताला खोलकर चार्ज लेने का निर्णय लिया। बैठक में उपाध्ये ने स्पष्ट किया कि अजय पाटील किसी की शह पर यह कर रहा है आैर सभी को कोर्ट में जवाब देना होगा। मैट के आदेश के बाद भी चार्ज नहीं सौंपना, ताला लगाना आैर चाभी लेकर जाना सरासर गलत है आैर ये सारी बातें कोर्ट के ध्यान में लाने की चेतावनी दी।

यथोचित संवाद नहीं : इस संबंध में उपविभागीय अभियंता अजय पाटील का पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन फोन पर संपर्क नहीं हो सका। उन्होंने मैसेज भेजा कि अदालती मामलों के कारण मैं आपसे तब तक बात नहीं कर सकता, जब तक मुझे अंतिम फैसला नहीं मिल जाता। पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता संभाजी माने को फोन किया, लेकिन प्रतिसाद नहीं मिला। डिवीजन 1 के कार्यकारी अभियंता लक्ष्मीकांत राउलकर से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि यह उनका (अधिकारी) व्यक्तिगत मामला है आैर फोन कट कर दिया। इसके बाद फोन किया तो प्रतिसाद नहीं मिला। केबिन की दीवार पर अजय पाटील की नामपट्टी अभी भी लगी हुई है।

Created On :   11 Nov 2025 12:33 PM IST

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