भारतीय टीम ने इंग्लिश खाड़ी में दो तरफ से तैरकर बनाया नया रिकॉर्ड

भारतीय टीम ने इंग्लिश खाड़ी में दो तरफ से तैरकर बनाया नया रिकॉर्ड
अंतरराष्ट्रीय समुद्री तैराकी में नाम दर्ज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर के 22 वर्षीय अंतरराष्ट्रीय समुद्री तैराक जयंत दुबले ने अपनी रिले टीम के साथ इंग्लिश खाड़ी (दो तरफा) तैरकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इंग्लैंड से फ्रांस और वापस फ्रांस से इंग्लैंड तक 70 किमी की समुद्री दूरी 31 घंटे 29 मिनट में तय कर टीम ने एशियाई महाद्वीप की पहली टीम बनने का गौरव हासिल किया। 18 और 19 जुलाई के बीच जयंत ने अपनी टीम के साथ साहसिक तैराकी के माउंट एवरेस्ट माने जाने वाले इंग्लिश चैनल को तैरकर रिकॉर्ड बनाया है। इस कीर्तिमान के साथ न केवल नागपुर (महाराष्ट्र) बल्कि भारत का नाम भी अंतरराष्ट्रीय समुद्री तैराकीमें दर्ज हो गया है। उल्लेखनीय है कि जयंत दुबले हनुमान नगर, नागपुर के निवासी हैं।

ऊंची लहरों का किया सामना : 18 जुलाई को सुबह 3:15 बजे जयंत ने शेक्सपीयर बीच, डोवर से अटलांटिक महासागर में इस साहसिक समुद्री तैराकी अभियान की शुरुआत की। फ्रांस में विंसेंट बीच पर पहुंचने के बाद वापसी की तैराकी शुरू की। जयंत और उनकी टीम ने पूरी रात तैरकर 19 जुलाई की दोपहर लंदन के डोवर में ह्वाइट क्लिप्स बीच पर पहुंचकर एक नया एशियाई रिकॉर्ड बनाया। इंग्लिश खाड़ी में 13 से 15 डिग्री सेल्सियस के बर्फीले पानी, तीव्र हवाओं द्वारा बनाई गई ऊंची लहरें और तैरते जेलीफिश के झुंडों का सामना करते हुए टीम के सदस्यों ने अपना लक्ष्य तय किया। पिता और अंतरराष्ट्रीय कोच डॉ. जयप्रकाश दुबले एवं डाॅ. संभाजी भोसले के मार्गदर्शन में तैराकी का अभ्यास करने वाले जयंत को 10 घंटे से अधिक समय तक बर्फीले पानी में तैरने के लिए अपना वजन 85 किलो से बढ़ाकर 113 किलो करना पड़ा। 2028 लॉस एंजिल्स ओलिंपिक में 10 किमी ओपन तैराकी स्पर्धा को शामिल किया गया है। जयंत का लक्ष्य इसमें भारत का प्रतिनिधित्व करना है।

दृढ़ संकल्प से मिली कामयाबी : अपना अनुभव सांझा करते हुए जयंत ने कहा कि दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और उचित मार्गदर्शन के कारण मैं यह कीर्तिमान स्थापित कर सका। जीवन में कठिनाइयां आती हैं, लेकिन उसका सामना करने का साहस हो, तब कुछ भी असंभव नहीं है। पिछले 3 साल से मैं इंग्लिश चैनल में तैरने का सपना देख रहा था। आज यह सच हो गया है। जयंत ने कहा कि एक दिन जब अभ्यास के लिए लंदन के डोवर बीच पर पहुंचा, तो मुझ पर जेलिफिश ने हमला कर दिया। बावजूद इसके मैंने प्रशिक्षण जारी रखा। मेरे साहस और अभ्यास को देखने के बाद जेनिफर और जेफ ने मुझे विश्वास दिलाया कि मैं ब्रिटिश खाड़ी को डबल क्रॉस कर सकता हूं। मेरा आत्मविश्वास बढ़ गया और मैंने मेरी टीम के साथ यह साहसिक कारनामा कर दिखाया।

Created On :   21 July 2023 12:49 PM IST

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