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Nagpur News: 100 एकड़ धरती पर उतरा स्वर्ग, 1.25 लाख पेड़ों से सजा है राजभवन

- प्रकृति और जीवन का अद्भुत संगम
- बायोडायवर्सिटी पार्क लगभग 100 एकड़ भूमि में फैला
Nagpur News पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नागपुर के राजभवन में विकसित किया गया ‘पर्यावरण रम्य बायोडायवर्सिटी पार्क’ पर्यावरणीय संतुलन और जैव विविधता के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बन चुका है। यह पार्क न केवल हरियाली से भरपूर है, बल्कि यह जैव विविधता, प्राकृतिक संरक्षण, और शहरी क्षेत्र में एक जीवंत जंगल के रूप में उभरा है। यहां पर सवा लाख पेड़ इस पार्क की शान बढ़ा रहें हैं।
नयनाभिराम दृश्य : राजभवन परिसर में बना यह बायोडायवर्सिटी पार्क लगभग 100 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। शुरू में यह भूमि बंजर और पेड़-पौधों से रहित थी, लेकिन एनएसएस के छात्रों और राज्यपाल के अतिरिक्त परिवार प्रबंधक रमेश येवले के प्रयासों से इस भूमि को हरियाली में बदला गया। पार्क में सागवान, बांस, पक्षियों को आकर्षित करने वाले पेड़, प्राकृतिक वायु शोधक (एयर प्यूरिफाइंग) वृक्ष तथा अनेक देशज और विशेष प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं।
जैव विविधता केन्द्र : इस पार्क की सबसे विशेष बात यह है कि यहां पर जो जैविक विविधता देखने को मिल रही है, वह पूरी तरह से प्राकृतिक रूप से विकसित हुई है। किसी भी पक्षी या जानवर को यहां पर लाकर बसाया नहीं गया। आज यह क्षेत्र 100 से अधिक मोर, 138 से अधिक पक्षी प्रजातियों और अनेक रंग-बिरंगी तितलियों का बसेरा बन चुका है। ये सभी जीव-जंतु स्वयं इस हरियाली और शांतिपूर्ण वातावरण की ओर आकर्षित हुए हैं। यह पार्क वास्तव में इस बात का प्रमाण है कि यदि हम प्रकृति को जगह दें, तो वह खुद अपना रास्ता बना लेती है।
वन्यजीवों का स्वाभाविक आवास : पार्क में कई प्रजातियों के सांप भी पाए जाते हैं। यह एक स्वतंत्र प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र है, जहां वन्यजीवों का आगमन और निवास पूर्णत: स्वाभाविक है। यह जैव संतुलन का जीता-जागता उदाहरण है।
जल संरक्षण की मिसाल : पार्क की सिंचाई के लिए किसी बाहरी स्रोत पर निर्भर न रहते हुए, यहाँ पर सॉइल वॉटर कंजर्वेशन तकनीक अपनाई गई है। एक छोटा तालाब भी बनाया गया है, जिसमें वर्षा का जल संचित किया जाता है और उसी का उपयोग पूरे पार्क की सिंचाई के लिए किया जाता है। यह जल संरक्षण की उत्कृष्ट मिसाल है और पर्यावरण संरक्षण में सामुदायिक भागीदारी का उत्तम उदाहरण भी।
पौधों की अनूठी विविधता : इस पार्क में कई प्रकार के विशेष पौधे लगाए गए हैं, जो पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। पारंपरिक औषधीय उपयोग वाले पौधे, खुशबूदार पौधे, धार्मिक महत्व के वृक्ष, सजावटी पत्तियों वाले पेड़, स्थानीय प्रजातियों के पौधे, ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित वन, तितलियों को आकर्षित करने वाला बाग, विभिन्न कैक्टस प्रजातियों का संग्राह, बांस की विभिन्न किस्मों का संग्रह, वायुप्रदूषण को कम करने वाले पौधे।
पर्यावरण दिवस पर प्रेरणा का स्रोत : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर यह बायोडायवर्सिटी पार्क एक प्रेरणा का स्रोत बन गया है। यह बताता है कि शहरी जीवनशैली के बीच भी हम प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाकर, जैव विविधता को बढ़ावा दे सकते हैं। यह परियोजना न सिर्फ हरियाली बढ़ाने की दिशा में सफल हुई है, बल्कि लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने का माध्यम भी बन रही है।
और कर्तव्य बोध भी : नागपुर का यह बायोडायवर्सिटी पार्क दिखाता है कि यदि समर्पण और दूरदृष्टि हो, तो बंजर ज़मीन भी हरे-भरे जंगल में तब्दील हो सकती है। यह पार्क न केवल पेड़-पौधों का संग्रह है, बल्कि यह एक आदर्श पर्यावरणीय मॉडल है, जिसे देश के अन्य हिस्सों में भी अपनाया जा सकता है। पर्यावरण दिवस के इस विशेष अवसर पर, यह संदेश हम सबको आत्मसात करना चाहिए। प्रकृति हमारी जिम्मेदारी है, इसे बचाना हमारा कर्तव्य है।
Created On :   5 Jun 2025 12:33 PM IST