Nagpur News: किसान आंदोलन से ट्रेनों की रफ्तार पर लगी ब्रेक, बुटीबोरी से खापरी तक कॉशन पर ट्रेनें

किसान आंदोलन से ट्रेनों की रफ्तार पर लगी ब्रेक, बुटीबोरी से खापरी तक कॉशन पर ट्रेनें
  • किसान आंदोलन का असर
  • बच्चू कडू के नेतृत्व में मंगलवार से शुरू आंदोलन
  • किसान आंदोलन से ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लगी

Nagpur News. जिले में बुटीबोरी से खापरी तक मुंबई रेल लाइन पर चल रहे किसान आंदोलन का असर अब रेल परिचालन पर भी दिखने लगा है। प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष बच्चू कडू के नेतृत्व में मंगलवार से शुरू हुए इस आंदोलन के चलते रेलवे प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए सभी ट्रेनों को कॉशन मोड में चलाने का निर्णय लिया है। दोपहर 12 बजे से इस खंड में कोई भी ट्रेन 30 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से नहीं चल रही है। इसके चलते मुंबई-नागपुर रूट की कई महत्वपूर्ण ट्रेनें देर से स्टेशनों पर पहुंच रही हैं, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा हो रही है।

आंदोलन की शुरुआत मंगलवार को हुई, जब सैकड़ों किसान वर्धा रोड पर अपनी फसल बीमा, कर्ज माफी और उचित समर्थन मूल्य जैसी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने लगे। बच्चू कडू ने धरना स्थल पर घोषणा की कि जब तक सरकार लिखित आश्वासन नहीं देती, आंदोलन जारी रहेगा।

वर्धा रोड पर भारी जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसके चलते पुलिस को ट्रकों और बसों को वैकल्पिक मार्गों से डायवर्ट करना पड़ा। नागपुर से वर्धा, अमरावती और मुंबई की ओर जाने वाले वाहन घंटों तक फंसे रहे। चूंकि यह महामार्ग रेलवे ट्रैक के समानांतर चलता है, इसलिए आंदोलनकारियों के रेल पटरियों पर उतरने की आशंका से रेलवे प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है।

मुंबई-नागपुर रेल लाइन को नागपुर डिवीजन की लाइफलाइन माना जाता है, जिस पर प्रतिदिन 65 से 75 यात्री और मालगाड़ियां गुजरती हैं। इनमें विदर्भ एक्सप्रेस, सेवाग्राम एक्सप्रेस, दुरंतो एक्सप्रेस और गोंदिया-मुंबई विदर्भ समर एक्सप्रेस जैसी सुपरफास्ट ट्रेनें शामिल हैं, जिनकी सामान्य गति 90 से 110 किमी प्रति घंटा रहती है।

कॉशन ऑर्डर लागू होने के बाद अब सभी गाड़ियां 30 किलोमीटर घंटा की रफ्तार से चल रही हैं। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बुटीबोरी, खापरी और गोदनी स्टेशनों के बीच ट्रैक पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। हर आधे घंटे में पटरियों की निगरानी की जा रही है ताकि कोई आंदोलनकारी वहां तक न पहुंचे।

कॉशन लागू होने से ट्रेनों का संचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उदाहरण के तौर पर, मुंबई से नागपुर आने वाली विदर्भ एक्सप्रेस को सामान्यतः 12 घंटे लगते हैं, लेकिन अब इसमें देरी हो रही है। इसी तरह सेवाग्राम एक्सप्रेस और दुरंतो एक्सप्रेस भी निर्धारित समय से पीछे चल रही हैं।

इधर स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ बढ़ती जा रही है। पहले से ही दीवाली और छठ पर्व की भीड़ के बीच ट्रेनों की देरी से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

आंदोलन फिलहाल शांतिपूर्ण बताया जा रहा है। आंदोलनकारियों का कहना है कि उनका उद्देश्य रेलवे को नुकसान पहुंचाना नहीं है, बल्कि सरकार की उदासीनता के खिलाफ आवाज उठाना है। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने आंदोलनकारियों से वार्ता की कोशिश की, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है।

प्रशासन के अनुसार, सुरक्षा के मद्देनजर कॉशन लागू रखना अनिवार्य है। यदि आंदोलन लंबा खिंचता है, तो इसका असर पूरे सेंट्रल रेलवे के शेड्यूल पर पड़ सकता है। फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है। रेलवे और पुलिस टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

Created On :   29 Oct 2025 5:58 PM IST

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