Nagpur News: स्मार्ट मीटर लगते ही जोर का झटका, बढ़ा बिल, ‘वायरस’ पर ठीकरा

स्मार्ट मीटर लगते ही जोर का झटका, बढ़ा बिल, ‘वायरस’ पर ठीकरा
महावितरण मुख्यालय के दखल के बाद हो रही समीक्षा

Nagpur News स्मार्ट मीटर लगने के बाद भारी भरकम बिल से नाराज बिजली उपभोक्ता शिकायत लेकर मंडल कार्यालय पहुंच रहे हैं, तो बिजली अभियंता उन्हें राहत देने की बात कर रहे हैं। स्मार्ट मीटर लगने के बाद पुराने मीटर की रीडिंग व नए मीटर की रीडिंग लेकर सिस्टम में अपलोड की गई। पुराने मीटर की रीडिंग सिस्टम से गायब हो गई आैर यहीं से बिलिंग में भारी गड़बड़ी हो गई। महावितरण मुख्यालय ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए संबंधित बिजली मंडलों से वेरिफिकेशन रिपोर्ट मांगी है। महावितरण इस पूरी ‘फसाद’ के लिए ‘बग’ के जिम्मेदार होने की आंशका जता रहा है। ऑनलाइन सिस्टम जब ठीक से काम नहीं करता तो उसमें ‘बग’आने की आशंका बढ़ जाती है। ‘बग’ को एक तरह का वायरस माना जाता है, जो सिस्टम को सुचारू काम करने नहीं देता।

एवरेज-असेसमेंट बिल को ऐसे समझें : अगर आपका मीटर फाल्टी है या किसी कारणवश रीडिंग नहीं हो पाया, तो महावितरण की तरफ से संबंधित उपभोक्ता को एवरेज बिल भेजा जाता है। तीन महीने के बिल को तीन से भाग किया जाता है। जैसे तीन महीने का बिल 6000 रुपए आ रहा है, तो उसे तीन से भाग करके 2 हजार रुपए का एवरेज बिल भेजा जाता है। महावितरण ने जो असेसमेंट बिल भेजे, उसमें हुआ यूं कि एवरेज बिल के साथ असेसमेंट बिल भी जोड़ दिए गए, जिससे बिल की राशि एकदम से बढ़ गई।

इसलिए किया असेसमेंट : महावितरण ने महीने के शुरू या मध्य में प्री-पेड मीटर लगाए। पुराने मीटर का रीडिंग लिया। इसके बाद तय तारीख पर जाकर नए मीटर की भी रीडिंग ली। दोनों रीडिंग सिस्टम में अपलोड करके बिलिंग सेक्शन को भेजा। सिस्टम में पुरानी रीडिंग गायब हो गई। इसके बाद एवरेज बिल बनाया आैर उसमें नए मीटर की रीडिंग जोड़ दी। जिन्होंने पुराना मीटर महीने के केवल 7 या 10 दिन ही इस्तेमाल किया, उन्हें एवरेज के नाम पर पूरे एक महीने का बिल आैर उसमें असेसमेंट के नाम पर नए मीटर की यूनिट भी जोड़ दी। इस तरह उपभोक्ताआें को उम्मीद से ज्यादा बिल आ गया।

हजारों शिकायतें पहुंच गई हैं : नागपुर शहर में 4 आैर ग्रामीण में 5 ऐसे जिले में कुल 9 मंडल कार्यालय हैं। एक मंडल कार्यालय के अंतर्गत 4 से 5 उपकेंद्र आते हैं। एक-एक उपकेंद्र में इस तरह की 50-100 शिकायतें पहंुची हैं। यानी नागपुर शहर की ही बात करेें तो लिखित व मौखिक तौर पर अभी तक भारी-भरकम बिल की हजारों शिकायतें पहुंच गई हैं। महावितरण अब यह समझाने में लगा है कि मुख्यालय खुद समीक्षा कर रहा है आैर अगले बिल में अतिरिक्त बिल कम करके मिल जाएगा।

मुख्यालय भेज रहे वेरीफिकेशन रिपोर्ट :.महावितरण के वरिष्ठ सूत्रों ने बताया कि सितंबर व अक्टूबर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए। पुराने आैर नए दोनों मीटर की रीडिंग सिस्टम में अपलोड की। पुराने मीटर की रीडिंग गायब होने के बाद एवरेज बिल के साथ असेसमेंट बिल भेजे गए। जिन्होंने केवल 5-10 दिन ही पुराना मीटर इस्तेमाल किया, उसके लिए एवरेज बिल (एक महीना) लगाना सही नहीं है। स्थानीय स्तर पर बिल में सुधार किया जा सकता था, लेकिन मुख्यालय मुंबई के आईटी सेक्शन ने संज्ञान लेने से अब सारा सुधार वहीं से किया जा रहा है। यहां से वेरीफिकेशन रिपोर्ट भेजी जा रही है। जिन्हें ज्यादा बिल आए, उनके बिल में निश्चित ही सुधार होगा। पुराने मीटर की रीडिंग कैसे गायब हुई यह पहेली बना हुआ है।


Created On :   29 Oct 2025 11:59 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story