Nagpur News: बच्चा तस्करी गिरोह के दलाल को लगा झटका

बच्चा तस्करी गिरोह के दलाल को लगा झटका
हाई कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

Nagpur News बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने बच्चा तस्करी के संगठित अपराध में आरोपी सचिन पाटिल की जमानत याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति वृषाली जोशी ने यह फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि, आरोपी का संबंध गिरोह की सरगना आयशा मकबूल खान से प्रत्यक्ष है और उसके खिलाफ समान प्रकृति के सात मामले दर्ज हैं। ऐसे में उसकी रिहाई पर दोबारा अपराध करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

यह है मामला : मार्च 2023 में कोराडी पुलिस ने सचिन को गिरफ्तार किया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार उसने एक गर्भवती महिला को आयशा से मिलवाया, जिसके बाद उस महिला के नवजात शिशु को संतोष और मीना गंगुर्डे दंपति को बेच दिया गया। यह दंपति बच्चे को गोद लेने के नाम पर शामिल था। जांच में खुलासा हुआ कि, गिरोह पिछले तीन वर्षों से अधिक समय से बच्चों की खरीद-फरोख्त कर पैसा कमा रहा था और स्थानीय स्तर पर भय का माहौल बना हुआ था। सचिन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 370 (मानव तस्करी), धारा 369 (अपहरण), जालसाजी, साजिश, महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) और किशोर न्याय अधिनियम की धाराओं के तहत अपराध दर्ज हैं। उसके खिलाफ कुल सात मामले लंबित हैं, जिनमें से छह मामलों में वह आयशा के साथ सह-आरोपी है और सभी मामलों की कार्यप्रणाली एक जैसी है।

तर्क-वितर्क : -आरोपी के वकील श्रीरंग भांडारकर ने तर्क दिया कि, सचिन दो साल से अधिक समय से जेल में है। मुकदमे की कार्यवाही धीमी है, 49 गवाहों की गवाही अभी बाकी है और सुनवाई पूरी होने में समय लगेगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कुछ निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि, मुकदमे में देरी के कारण जमानत दी जानी चाहिए। राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ और मुख्य सरकारी वकील देवेंद्र चौहान ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि, सचिन गिरोह का दलाल था, जो पीड़ित महिलाओं को मुख्य आरोपी तक पहुंचाता था और गिरोह की सरगना से लगातार संपर्क में था। अदालत ने पाया कि, उपलब्ध सबूत आरोपी के गिरोह से प्रत्यक्ष संबंध और साजिश को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं, इसलिए अदालत ने उक्त आदेश जारी किए।


Created On :   29 Oct 2025 1:47 PM IST

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