कोरोना में माता-पिता को खो चुके जिले के 11 बच्चों को मिला सरकार से सहारा

11 children of the district who lost their parents in Corona got support from the government
कोरोना में माता-पिता को खो चुके जिले के 11 बच्चों को मिला सरकार से सहारा
गोंदिया कोरोना में माता-पिता को खो चुके जिले के 11 बच्चों को मिला सरकार से सहारा

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। कोरोनाकाल में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है। ऐसे अनाथ बच्चों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मई को एक विशेष कार्यक्रम में ऑनलाइन संवाद किया। गोंदिया जिले में दोनों पालकों को गंवा देने वाले बच्चों की संख्या 11 है। जिन्हें सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में 15 लाख रुपए का पैकेज हस्तांतरित किया गया। प्रधानमंत्री ने ऑनलाइन संवाद में बच्चों से कहा कि कोरोना महामारी का प्रभाव दुनिया के प्रत्येक देश पर पड़ा है। संकट की घड़ी में केंद्र सरकार देशवासियों के साथ मजबूती के साथ खड़ी रही। उन्होंने कहा कि आपके सपने पूरे करने के लिए देश आपके साथ खड़ा है। आप सभी का भविष्य उज्ज्वल होगा। कार्यक्रम मंे जिलाधिकारी नयना गुंडे, जिला सूचना अधिकारी रवि गीते, सहायक प्रकल्प अधिकारी समा मिश्रा, बाल न्याय मंडल की सदस्य अधि. मेघना भंगने, जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजानन गोबाडे, रेखा बघेले, मुकेश पटले, रवींद्र टेंभुर्णे जिलाधिकारी कार्यालय में उपस्थित थे। केंद्र एवं राज्य के महिला एवं बाल कल्याण विभाग द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। स्थानीय जिलाधिकारी कार्यालय में जिलाधिकारी नयना गुंडे की उपस्थिति में उपस्थित बच्चों को सहायता के दस्तावेज प्रदान किए गए। इनमंे पीएम केअर फॉर चिल्ड्रन फंड योजना से 10 लाख ररुपए एवं 5 लाख रुपए मूल्य के हेल्थ कार्ड का समावेश है। महाराष्ट्र सरकार ने इन बच्चों के नाम से इससे पूर्व ही 5 लाख रुपए की एफडी कर उन्हें प्रमाणपत्र वितरित किए हैं। 30 मई को सुबह जिलाधिकारी कार्यालय में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रारंभ में केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी ने नई दिल्ली से उपस्थितों को संबोधित किया। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपस्थित बच्चों से ऑनलाइन संवाद किया। प्रधानमंत्री ने अनाथ बच्चों के लिए चल रही प्रयोजकता योजना निधी जो प्रतिमाह 2 हजार रुपए है। उसे बढ़ाकर 4 हजार रुपए करने की घोषणा की। कोरोना महामारी से अपने माता-पिता को गंवाने वाले बच्चों को पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन फंड से 10 लाख रुपए की मदद दी जा रही है। इन बच्चों को उम्र के 23 वर्ष तक मासिक स्टायफंड देने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा आयुष्यमान भारत योजना से इन बच्चों को 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। जिसका प्रीमियम भी पीएम केयर फंड से भरा जाएगा।  

केवल अपने करियर पर लक्ष्य केंद्रित करें 

नयना गुंडे, जिलाधिकारी, गोंदिया के मुताबिक अपने दोनों पालकों को गवा देने वाले बच्चे इस संकट के समय में अकेले नहीं है। केंद्र एवं राज्य सरकार उनके साथ है। उन्हें शासन की विविध योजनाओं का लाभ प्राथमिकता से दिया जाएगा। उन्हंे केवल अपने कैरियर पर ध्यान केंद्रित करना है। उनके सपने पुरे करने के लिए प्रशासन की आेर से हर संभव मदद की जाएगी। राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा दी गई मदद राशि का उपयोग वे अपनी प्रगती एवं विकास के लिए करें। प्रशासन हमेशा उनके साथ है। 

भंडारा जिले के भी 14 अनाथ बच्चों को बांटे हेल्थ कार्ड  

उधर भंडारा में भी कोरोनाकाल में माता-पिता को गंवाने वाले अनाथ बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय स्तर पर पीएम केयर फाॅर चिल्ड्रेन इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत विविध लाभ देने की घोषणा की। इसके तहत 30 मई की सुबह 9.45 बजे केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्रालय केंद्र सरकार की ओर से एक समय में सभी जिलों में जिला स्तर पर सभा का आयोजन किया गया था। इस समय प्रधानमंत्री ने अनाथ बच्चों के साथ संवाद साधा। सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में 14 अनाथ बच्चों को पीएम – जेएमवाय हेल्थ कार्ड वितरित किया गया। जिलाधिकारी भंडारा व संबधित बच्चों के डाक कार्यालय में संयुक्त खाते खोले गए। बच्चे 18 वर्ष के होने पर उनके खाते में दस लाख रुपए जमा होंगे। बच्चों को आयु के 23 वर्ष तक प्रतिमाह पांच हजार रुपए छात्रवृत्ति मिलेगी। पीड़ित बच्चों को 23 वर्ष आयु पूर्ण के पश्चात दस लाख रुपए मिलेंगे। इस प्रकार की योजना कोविड 19 के चलते अनाथ हुए भंडारा के 14 बच्चों को दी जाएगी। जिलाधिकारी संदीप कदम तथा बालक के संयुक्त खाते की पास बुक रहेंगी। बच्चों को पांच लाख रुपए का नि:शुल्क स्वास्थ्य बीमा मिलेगा। इस कार्यक्रम में जिलाधिकारी संदीप कदम, जिला महिला व बाल विकास अधिकारी तुषार पौनिकर उपस्थित थे। साथ ही बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष भीमराव मेश्राम मेश्राम,अवचट, जिला बाल संरक्षण अधिकारी नितिनकुमार साठवने, परिविक्षा अधिकारी अरूण बांदुरकर, विजय नंदागवली, सविता सोनकुसरे, सरिता रहांगडाले, अजीत नागोसे, सुधीर सरादे, जयश्री मेश्राम, निलय बंदेलवार, डिंपल बडवाईक व जिला बाल संरक्षण कक्ष के कर्मचारी उपस्थित थे। 

 

Created On :   31 May 2022 7:13 PM IST

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