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डायल 112 पर किए 110 कॉल, महिला पहुंची जेल, गुमराह करना पड़ा महंगा

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. पुलिस विभाग की डायल 112 प्रणाली यह नागरिकों की सुविधा के लिए है। लेकिन एक महिला ने इस प्रणाली का दुरुपयोग करते हुए 112 क्रमांक पर तकरीबन 110 मर्तबा कॉल कर मर्डर होने की झूठी जानकारी देकर पुलिस को गुमराह किया। इस गैरकानूनी कृत्य के लिए न्यायालय ने महिला आरोपी महागांव निवासी शिल्पा महेंद्र डोंगरवार को 6 माह की जेल और 500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार अर्जुनी मोरगांव थाना अंतर्गत विगत 12 से 21 जुलाई की अवधि में अज्ञात मोबाइल क्रमांक से डायल 112 क्रमांक पर बार-बार कॉल कर एक छोटे बच्चे का मर्डर होने की जानकारी देते हुए पुलिस से मदद की गुहार लगाई जा रही थी। एक बार नहीं तो 110 मर्तबा कॉल किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए थानेदार सोमनाथ कदम ने तुरंत जांच शुरू कर घटनास्थल पर तीन बार जांच के लिए पुलिस दल भेजे गए, लेकिन क्षेत्र में ऐसी कोई घटना घटित न होने की जानकारी मिली। पुलिस बार-बार गलत जानकारी देकर गुमराह करने के चलते थानेदार ने अज्ञात मोबाइल धारक के खिलाफ भादंवि की धारा 177 के तहत मामला दर्ज किया तथा न्यायालय से इस प्रकरण की जांच की अनुमति ली। मामले की जांच दौरान पुलिस ने सभी तकनीकी सबूतों के आधार पर उक्त महिला को खोज निकाला। पूछताछ करने पर पता चला कि डायल 112 प्रणाली पर 12 से 21 जुलाई की अवधि में कुल 110 मर्तबा कॉल किए गए तथा पुलिस को बच्चे का मर्डर होने की झूठी जानकारी देकर गुमराह किया गया। जिसके बाद अर्जुनी मोरगांव पुलिस ने उक्त महिला आरोपी को आरोपपत्र के साथ न्यायालय में पेश किया। जहां अर्जुनी मोरगांव न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी मनोद तोकले ने संपूर्ण सबूतों एवं गवाहों की जांच कर महिला आरोपी को 6 माह की सश्रम कारावास व 500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इस प्रकरण में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने उपरोक्त मामले की घटना को ध्यान मंे रखते हुए इस बात को भुलाना उचित नहीं होगा कि आरोपी ने 110 बार पुलिस को 112 प्रणाली पर फोन कर दिशाभूल करनेवाली जानकारी दी। जिससे पुलिस को बार-बार घटनास्थल पर जाने से शारीरिक एवं मानसिक परेशानी हुई है। डायल 112 प्रणाली यह नागरिकों की सुविधा के लिए बनाई गई है। लेकिन उसका दुरुपयोग कर इस तरह पुलिस को गुमराह करना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके कारण आरोपी के खिलाफ सजा निश्चित करते समय उस पर रहम करना उचित नहीं होगा।
इस प्रकरण में सरकारी वकील सारिका कातेखाई ने कामकाज देखा। इस मामले की जांच पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे एवं उपविभागीय पुलिस अधिकारी विजय भिसे के मार्गदर्शन में अर्जुनी मोर के थानेदार सोमनाथ कदम, सहायक पुलिस निरीक्षक संभाजी तागड़, पुलिस हवलदार प्रल्हाद खोटेले, नायक खुशाल आरसोडे, राहुल चिचमलकर, प्रवीण बेहरे, श्रीकांत मेश्राम, आनंद भोयर आदि ने की है।
Created On :   13 Aug 2022 7:04 PM IST