रोबोटिक सर्जरी से नागपुर में हुआ 12 घुटनों का प्रत्यारोपण

12 knee transplant with the help of robotics surgery in Nagpur
रोबोटिक सर्जरी से नागपुर में हुआ 12 घुटनों का प्रत्यारोपण
रोबोटिक सर्जरी से नागपुर में हुआ 12 घुटनों का प्रत्यारोपण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदेशों में प्रचलित रोबोटिक सर्जरी का सिलसिला देश के मेट्रो सिटी में काफी पहले शुरू हो चुका है। यह सुविधा अब नागपुर शहर में भी उपलब्ध हुई है। शहर के धंतोली स्थित आरएनएच अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी से 12 घुटनों का प्रत्यारोपण कर नागपुर शहर इस तरह की सर्जरी करने वाला मध्य भारत का पहला अस्पताल बन गया है। ज्वाइंट रिप्लेसमेंट, स्पोर्ट्स मेडिसिन तथा आर्थोस्कोपी सर्जन डॉ. मुकेश लढ्ढा ने शनिवार को पत्र परिषद में यह दावा किया है। उन्होंने बताया कि रोबोटिक प्रणाली मरीज की शारीरिक रचना के अनुरूप घुटने के सर्वोत्तम अनुकूल फिट प्रत्यारोपण में काफी सहायता प्रदान करती है। इस सर्जरी के बाद आर्टिफिशयल घुटने से भी प्राकृतिक घुटने का एहसास हाेता है। 

जोड़ों के कोमल टिशू पूरी तरह सुरक्षित
रोबोटिक तकनीकी से सर्जरी हड्डियों को बचाने में सहायक है। पारंपारिक पद्धति से सर्जरी में एक घुटने के प्रत्याराेपण में 350 मिली खून की हानि होती है, जबकि रोबोटिक सर्जरी में मात्र 100 मिली खून जाता है। घुटने के जोड़ों के कोमल टिशू पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं। पारंपारिक सर्जरी के मुकाबले दर्द कम होता है। मरीज को ठीक होने में समय और फिजियोथेरपी की जरूरत भी कम पड़ती है। खास बात तो यह है कि एनेस्थेसिया की संभावना नहीं के बराबर रहती है। अलाइमेंट में सटिकता के चलते जोड़ का प्रत्यारोपण लंबे समय तक टिकाऊ है। पत्र परिषद में आरएनएच अस्पताल के निदेशक आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. दिलीप राठी उपस्थित थे।
 

Created On :   20 Jan 2019 10:55 AM GMT

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