कस्टम कमिश्नरेट बने एक साल हो गया, 40 फीसदी खाली पड़े हैं पद

40 percent post are still vacant in custom commissionerate after 1 year
कस्टम कमिश्नरेट बने एक साल हो गया, 40 फीसदी खाली पड़े हैं पद
कस्टम कमिश्नरेट बने एक साल हो गया, 40 फीसदी खाली पड़े हैं पद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने स्वतंत्र रूप से कस्टम कमिश्नरेट का निर्माण किया। नागपुर में कस्टम कमिश्नरेट बने एक साल पूरा हुआ, लेकिन अभी भी यहां अधिकारी-कर्मचारियों का भयंकर सूखा बना हुआ है। यहां 40 फीसदी पद अभी भी खाली पड़े हुए हैं। कस्टम का मुखिया (कमिश्नर) भी अस्थायी तौर पर सेंट्रल एक्साइज से ही दिया गया है। केंद्र सरकार ने देश भर में जीएसटी लागू करने के बाद 15 जनवरी 2018 को स्वतंत्ररूप से कस्टम कमिश्नरेट का निर्माण हुआ। नागपुर कमिश्नरेट के तहत विदर्भ, मराठवाडा व नाशिक विभाग ऐसे 24 जिले आते हैं। सेंट्रल एक्साइज के कमिश्नर आशीष चंदन को कस्टम कमिश्नर का अतिरिक्त चार्ज दिया गया। 

उधार के अधिकारी-कर्मचारियों के भरोसे चल रहा हैं काम 
एक साल बाद भी कस्टम को फुलटाइम (स्थायी) कमिश्नर नहीं मिला। कमिश्नर, एडिशनल कमिश्नर, चीफ अकाउंट आफिसर, स्टेनो, हवलदार नहीं मिल सके हैं। कस्टम कमिश्नरेट में दो दर्जन से ज्यादा अलग-अलग ओहदे के पद खाली पड़े हुए हैं। नागपुर कमिश्नरेट का औरंगाबाद व नाशिक में भी विभागीय कार्यालय है। नागपुर कमिश्नरेट में 217 पद मंजूर हैं, जिसमें से 123 पद भरे गए हैं और 94 पद अभी भी खाली पड़े हुए हैं। कमिश्नरेट की तरफ से हर माह सेंट्रल बोर्ड आफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एण्ड कस्टम को रिपोर्ट भेजी जाती है। यहां का कामकाज कब तक उधार के अधिकारी व कर्मचारियों के भरोसे चलेगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। 

जब आवश्यकता पड़ेगी, तब वैकेंसी भरी जाएगी 
हर महीने बोर्ड को रिपोर्ट भेजी जाती है। बोर्ड को जब आवश्यकता होगी, तब वैकेंसी भरी जाएगी। जगह खाली होने के बावजूद कोई वर्क लोड नहीं है। काम भी प्रभावित नहीं हो रहा। प्रशासनिक कामकाज बखूभी चल रहा है। कम स्टाफ के बावजूद राजस्व 640 करोड़ से बढ़कर 1350 करोड़ तक पहुंचा है। जरूरत पड़ेगी तो बोर्ड स्थायीरूप से पोस्ट भरेगा। जितने लोग है, उसमें अच्छा काम हो रहा है। हर कमिश्नरेट में जगह खाली है।
- आशीष चंदन, प्रभारी कस्टम कमिश्नर कमिश्नरेट नागपुर

Created On :   2 Feb 2019 6:01 PM GMT

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