पहली बार 6 हजार से अधिक शिकायतें लंबित, प्रदेश में 44 वें स्थान पर जिला

6 thousand complaints are pending, the district ranked 44th in the state
पहली बार 6 हजार से अधिक शिकायतें लंबित, प्रदेश में 44 वें स्थान पर जिला
शहडोल पहली बार 6 हजार से अधिक शिकायतें लंबित, प्रदेश में 44 वें स्थान पर जिला

डिजिटल डेस्क , शहडोल जिले के आम जनमानस को मुख्यमंत्री (सीएम) हेल्पलाइन सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। निराकरण तो दूर अधिकारी शिकायतों को देखते तक नहीं हैं। जिले मेें वर्तमान में सीएम हेल्पलाइन में लंबित शिकायतों की संख्या ६ हजार से अधिक हो गई है। यह पहली बार है जब लंबित शिकायतों का आंकड़ा ६ हजार के ऊपर पहुंचा है। कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लिया है। लापरवाह अधिकारियों-कर्मचारियों का फरवरी माह का वेतन रोकने के निर्देश जारी किए हैं। 
   सीएम हेल्पलाइन की लंबित शिकायतों का निराकरण नहीं होने के कारण प्रदेश स्तर भी जिले की किरकिरी हो रही है। प्रदेश स्तर पर जिला ४४वें स्थान पर पहुंच गया है। वहीं कुछ विभाग तो अंतिम पायदान पर पहुंच चुके हैं। प्रदेश स्तर विभागों को देखा जाए तो उच्च शिक्षा विभाग शून्य फीसदी निराकरण के साथ प्रदेश में सबसे पीछे ५२वें स्थान पर है। विभाग की २५ शिकायतों में से एक का भी निराकरण नहीं हो सका है। इसी तरह पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ५१वें स्थान पर, लोक निर्माण विभाग ५०वें स्थान पर है। खनिज साधन व जनजातीय कार्य विभाग ४९वें, फूड विभाग ४७वें तथा सहकारिता विभाग ५६वें स्थान पर पहुंच गया है।
कलेक्टर ने जारी किया पत्र, १३ फरवरी तक दिया गया समय
सीएम हेल्पलाइन की लंबित शिकायतों को लेकर कलेक्टर वंदना वैद्य सख्त हो गई हैं। उन्होंने बुधवार को जिले के सभी विभागीय अधिकारियों को पत्र जारी किया है। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि १३ फरवरी तक अगर ७५ फीसदी शिकायतों का निराकरण नहीं किया गया तो संबंधित विभागीय अधिकारी एवं विभाग के लेवल वन अधिकारी का फरवरी माह का वेतन जारी नहीं किया जाएगा। पत्र में कहा गया है कि बैठकों में लगातार निर्देश देने तथा समय-समय पर पत्र जारी करने के बाद भी विभाग प्रमुखों एवं अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा शिकायतों के निराकरण में रुचि नहीं ली जा रही है। इससे शासन की मंशा के अनुरूप आम लोगों को लाभ नहीं मिल रहा है और वे परेशान हो रहे हैं। वहीं जिले की छवि भी खराब हो रही है। प्रदेश स्तर पर जिला अंतिम १० जिलों में पहुंच गया है। सीएम हेल्पलाइन की लंबित शिकायतों का १३ फरवरी तक संतुष्टिपूर्वक निराकरण हो जाना चाहिए। जिस विभाग का निराकरण ७५ फीसदी से कम पाया जाएगा उसके लेवल १ अधिकारी एवं जिला कार्यालय प्रमुख का फरवरी का वेतन आहरण बिना अनुमति के नहीं होगा।
जनवरी में दर्ज हुईं ५ हजार शिकायतें
जिले में जनवरी माह में ही सीएम हेल्पलाइन में ५ हजार से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। जनवरी में कुल ५१९८ शिकायतें दर्ज हुई हैं। इनमें सबसे अधिक ८८५ शिकायतें खाद्य विभाग, ७०६ शिकायतें पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, ६०९ शिकायतें ऊर्जा विभाग जबकि २७५ शिकायतें नगरीय विकास विभाग और २७० शिकायतें स्वास्थ्य विभाग की दर्ज कराई गई हैं। ९ फरवरी की स्थिति में जिले में सीएम हेल्पलाइन की ६१०० से अधिक शिकायतें लंबित हैं। सबसे अधिक १००० से अधिक शिकायतें खाद्य विभाग की हैं। इसके अलावा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ९२३ शिकायतें, ऊर्जा विभाग की ४३३ शिकायतें, नगरीय विकास विभाग की ३४८ शिकायतें और वित्त विभाग की २२५ शिकायतें शामिल हैं। 
जबरन बंद कराई जा रहीं शिकायतें 
अधिकारी पूरे माह शिकायतों को देखते तक नहीं है, अंतिम दिनों में विभाग की रैंङ्क्षकग सुधारने के लिए शिकायतों को फोर्स क्लोज (जबरन बंद) कराया जाता है। इस तरह की शिकायतें भी लगातार मिल रही हैं। हाल ही ब्यौहारी जनपद के ग्राम बिजही निवासी स्वामीदीन साहू (६८) ने तहसीलदार, एसडीएम और थाना प्रभारी को लिखित में आवेदन दिया है। इसमें उन्होंने बताया है कि गांव में उनके घर व खेत को जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया गया है। दबंग उन्हें झूठे केस में फंसाने व मारपीट धमकी देता है। उन्होंने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में भी की थी, लेकिन उसे बंद करा दिया गया। हल्का पटवारी 5 फरवरी को आया और बोला कि रास्ता खुलवाना है। इसी बीच फोन नंबर लेकर बिना बताए ही शिकायत को बंद करा दिया।
निराकरण में सबसे पीछे खाद्य विभाग
विभाग           लंबित शिकायतें 
खाद्य विभाग     १००६
पंचायत, ग्रामीण विकास    ९२३
ऊर्जा विभाग    ४३३
नगरीय विकास     ३४८
स्वास्थ्य विभाग    ३१०
वित्त विभाग        २२५
श्रम विभाग        १७७
खनिज साधन विभाग    १४६
स्कूल शिक्षा विभाग    १३४
सामाजिक न्याय    ८८
सहकारिता विभाग    ६६
लोक निर्माण विभाग    ५४
ट्राइबल विभाग    ४८
उच्च शिक्षा विभाग    २५
इनका कहना है
सीएम हेल्पलाइन में शिकायतें बढ़ रही हैं। सभी विभागीय अधिकारियों को शिकायतों का संतुष्टिपूर्ण निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं। अगर शिकायतों का संतुष्टिपूर्ण निराकरण नहीं किया जाएगा तो इस माह वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी। 
 

Created On :   10 Feb 2022 3:07 PM IST

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