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Shahdol News: सीवर लाइन निर्माण में मनमानी, टाइम लिमिट के 14 माह बाद भी 40 प्रतिशत काम शेष

- काम के बाद रेस्टोरेशन में जमकर भर्राशाही
- शहर में 172 करोड़ रूपए का सीवर लाइन प्रोजेक्ट तीन साल से समस्या का प्रोजेक्ट बनकर रह गया है।
- काम के बाद रेस्टोरेशन में भर्राशाही के शहर में ऐसे कई उदाहरण हैं।
Shahdol News: वार्ड क्रमांक 15 मोदी नगर, कीचड़ में फंसी कार की यह तस्वीर शनिवार सुबह की है। इस गली में रहने वाले 50 से ज्यादा परिवार इस तरह की समस्या से चार दिन से परेशान हैं, कारण सीवर लाइन निर्माण में पाइप लाइन डालने के बाद सडक़ रेस्टोरेशन का काम ठीक से नहीं किया गया। काम के बाद रेस्टोरेशन में भर्राशाही के शहर में ऐसे कई उदाहरण हैं।
मध्यप्रदेश अर्बन डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीयूडीसी) की निगरानी में शहडोल शहर में 172 करोड़ रूपए का सीवर लाइन प्रोजेक्ट तीन साल से समस्या का प्रोजेक्ट बनकर रह गया है। सीवर लाइन का काम करने वाली ठेका कंपनी पीसी स्नेहल में जिस भी गली में काम किया तो रेस्टोरेशन का काम मानकों को ताक पर रखकर किया और सीधा खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है।
कार्य के दौरान ठेका कंपनी की मनमानी का आलम यह है कि मार्च 2024 में कार्य पूर्णता की अवधि समाप्त हो जाने और एक्सटेंशन के बाद जून 2025 का समय मिलने के बाद भी लगभग 40 प्रतिशत काम शेष है।
जहां भी की खुदाई वहां लोगों की आफत आई
स्टेशन मार्ग पर परमठ से पुराना गांधी चौक के बाद पाइप लाइन डालने के बाद सडक़ पहले जैसा नहीं किया और प्रमुख बाजार क्षेत्र में लोग कीचड़ से सनी सडक़ से परेशान हैं।
महात्मा गांधी स्टेडियम के बगल से डिग्री कॉलेज हॉस्टल पहुंच मार्ग पर मुख्य पाइप लाइन डालने के लिए डेढ़ माह का समय लिया पर तीन माह में भी काम पूरा नहीं हुआ। नतीजा वार्ड के सैकड़ों लोग आवागमन की समस्या से जूझ रहे हैं।
वल्र्ड बैंक ने एक्सटेंशन देने से मना किया अब चल रहा जुगाड़ का खेल
संभाग मुख्यालय शहडोल में सीवर लाइन का काम कर रही गुजरात की ठेका कंपनी पीसी स्नेहल ने जून 2025 तक चालीस प्रतिशत काम शेष रह जाने के बाद एक बार फिर से एक्सटेंशन मांगी पर वल्र्ड बैंक के अधिकारियों ने देने से मना कर दिया। इसके बाद से अब जुगाड़ का खेल चल रहा है।
इसी सिलसिले में 18 जून को भोपाल में बैठक हुई थी। इस बैठक में हुए निर्णय का एमपीयूडीसी के अधिकारियों को इंतजार है। विभाग के डीएम विजय सिंह ने बताया कि बैठक का विवरण प्राप्त होने के बाद स्पष्ट होगा कि जून 2025 के बाद कंपनी काम करेगी या नहीं।
ऐसे समझें लेटलतीफी
> शहर में 225 किलोमीटर सीवर लाइन पाइप लाइन बिछाई जानी है, इसमें अब तक लगभग 175 किलोमीटर बिछ सकी है। 50 किलोमीटर पाइप लाइन डालना शेष रह गया है।
> 40 किलोमीटर पाइप लाइन शहर में घनी आबादी में बिछाई जानी है, इसमें समय भी ज्यादा लगेगा। 10 किलोमीटर शहर के बाहरी हिस्से में बाकी है।
> 6 स्थानों पर आईपीएस (इंटरमीडियट पंपिंग स्टेशन) तैयार होना है। इसमें बाणगंगा मैदान के पीछे और उत्तर वनमंडल के समीप काम पूरा नहीं हुआ। मुडऩा नदी बूढ़ी माई मंदिर रोड, पांडवनगर में डाइट के पीछे, पॉलिटेक्निक हॉस्टल के पीछे और होमगार्ड कार्यालय के पीछे आईपीएस निर्माण में सिविल का काम हुआ अभी भी सभी प्वाइंट पर इलेक्ट्रोमैकेनिकल का काम शेष है।
> कोनी में मुख्य एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) इकाई स्थापित किया गया है। यहां भी दो बड़े ट्रांसफार्मर से लेकर इलेक्ट्रोमैकेनिकल कार्य सहित दूसरे बड़े काम पूरा होना बाकी।
करोड़ों रूपए का प्रोजेक्ट
> शहडोल शहर में सीवर लाइन का प्रोजेक्ट 172 करोड़ रूपए का है। इसमें पूरे कार्य के लिए 162 करोड़ रूपए और शेष 10 करोड़ रूपए काम पूरा होने के बाद आगामी 10 साल तक सर्विस के लिए है।
> एमपीयूडीसी ने 172 करोड़ रूपए में अब तक ठेका कंपनी पीसी स्नेहल को 53 करोड़ रूपए का भुगतान कर चुकी है। कंपनी ने काम के बाद फिर से राशि प्रदाय करने के लिए बिल लगाया है। जानकार बताते हैं कि ठेका कंपनी को ज्यादा राशि का भुगतान हुआ तो काम छोडक़र जा सकती है और दूसरी कंपनी भी कम राशि होने पर काम लेने में कदम पीछे हटाएगी। इसका नुकसान भी आमजनों को होगा।
Created On :   23 Jun 2025 6:23 PM IST