यवतमाल में 679 किसान दवा छिड़कने से हुए फूड प्वाइजनिंग का शिकार, चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने

679 farmers becomes victims of food poisoning due to spraying chemical
यवतमाल में 679 किसान दवा छिड़कने से हुए फूड प्वाइजनिंग का शिकार, चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने
यवतमाल में 679 किसान दवा छिड़कने से हुए फूड प्वाइजनिंग का शिकार, चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने

डिजिटल डेस्क, यवतमाल। बीते दो वर्ष में जिले में बड़ी संख्या में किसान, खेत मजदूर कीटनाशक छिड़काव के दौरान  फूड प्वाइजनिंग  से गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं। खरीफ फसल 2017  में जिले में विषबाधा से 23  किसान, खेतमजदूरों की मौत हो गई थी। जिसकी जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी। वहीं मरीजों की संख्या सैंकड़ों में हैं। इसके बावजूद विषबाधा से बीमार मरीज आज तक पूर्ण रूप से ठीक नहीं हो पाए हैं। उन्हें बार-बार उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है। ऐसे विषबाधितों की पहचान कर उनके संपूर्ण उपचार का निर्णय जिला अस्पताल प्रशासन ने लिया है। जिसके लिए इन मरीजों की जानकारी जुटाने और उन्हे आवश्यक उपचार कराने के लिए पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ अकोला के विद्यार्थी विषबाधा से पीडि़तों की जानकारी जुटाकर उन्हे उपचार के लिए शिविर तक लेकर आएंगे। ऐसी जानकारी जिला अस्पताल के अधिष्ठाता डा. मनिष श्रीगिरिवार ने दी है।

पीड़ित किसानों की तैयार की लिस्ट
खेत में छिड़काव के दौरान विषबाधा के मरीजों के साथ ही कई किसानों द्वारा आर्थिक बदहाली या कर्ज से तंग आकर जहर पीने के मामले भी बड़ी संख्या में सामने आए हैं। इन सभी विषबाधितों का पूर्ण रूप से उपचार कराने की योजना प्रशासन द्वारा बनाई जा रही है। कुछ किसान फसल में कीटनाशक का छिड़काव करते समय विषबाधित हो जाते हैं। मगर इन विषबाधितों को शिविर के माध्यम से  उचित उपचार देने की बात जिलाधिकारी डा. राजेश देशमुख ने जिला अस्पताल के अधिष्ठाता डा. मनिष श्रीगिरिवार से बीते कुछ दिन पहले कही थी। इस बात को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल के अधिष्ठाता ने बीते 2 वर्ष में जिला अस्पताल में आए गंभीर विषबाधित मरीजों की लिस्ट तैयार की है। जिसमें जुलाई 2017 से जून  2018  तक कुल 507  विषबाधित मरीज पाए गए तो जुलाई 2018  से अब तक 179 विषबाधित मरीज मिले हैं। इन मरीजों की उचित जानकारी देकर उपचार कराने के लिए इन 679  मरीजों की सूची बनाकर इसकी जांच करने के लिए पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ अकोला भेजी गई है।

इस विद्यालय के विद्यार्थी मरीज के घर में जाकर मरीजों की जांच करेंगे। साथ ही संबंधित मरीजों को संपूर्ण जानकारी देकर शिविर में बुनाएंगे। इसके बाद शिविर की तारीख निश्चित कर सभी मरीजों का विशेषज्ञों द्वारा इलाज किया जायेगा। ऐसी जानकारी जिला अस्पताल विभाग से प्राप्त हुई है।

Created On :   5 Feb 2019 2:31 PM IST

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