Arni News: जल संकट हैंडपंप और कुएं सूखने से उत्पन्न पानी की समस्या, घर-घर नल योजना नाकाम

जल संकट हैंडपंप और कुएं सूखने से उत्पन्न पानी की समस्या, घर-घर नल योजना नाकाम
  • भीषण गर्मी में पानी के लिए दर-दर भटक रहे ग्रामीण
  • ग्रामीण अंचल के ग्रामवासी परेशान
  • 7 ग्रामोंं में टैंकर से जलापूर्ती, 46 ग्रामोंं में निजी कुएं अधिग्रहित

Arni News. राजेश माहेश्वरी। भीषण गर्मी में आर्णी तहसील के 7 ग्रामों मे टैंकर से पानी पहुंचाने और 46 गांवों में कुएं अधिग्रहित कर जलापूर्ती की जा रही है। ग्रामीण अंचल में जलसंकट निर्माण होने से नागरिकों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है, जबकि कई लोग टैंकर पर निर्भर हैं। जिससे आए दिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सर्वाधिक परेशानी महिलाओं को हो रही है। क्षेत्र के हैंडपंप और कुएं सूखने से पानी की भीषण समस्या उत्पन्न हो गई है। यहां से जीवनदायनी अरुणावती नदी, अडाण नदी एव पैनगंगा नदी बहती है। इस वर्ष अप्रैल में ही तापमान 45 डिग्री पार करने से जलस्तर नीचे जाने से कूएं सूख चुके हैं। शहर में 200 से 500 फीट बोरवेल किए गए, उनमें भी कहीं कहीं ही पानी आ रहा है।

1995 में सभी कुओं में पर्याप्त पानी था। वर्ष 2000 से कई लोगों ने बोरवेल खुदवाए। 2015 से कई लोगों ने रेन वॉटर हार्वेस्टिंग किया। बताया गया कि घरों के छतों का पानी कुंए में छोड़ने ने इसका अच्छा परिणाम हुआ। लेकिन अब वर्ष 2025 में 100, 150, 200 फीट ड्रिल करवाए। नदी समीप परिसर होने के बावजूद यहां का जलस्तर तेजी से घट रहा। लोगों के 250 फीट बोरवेल भी नाकाम साबित हो रही है। नपा द्वारा जलापूर्ति के माध्यम से 6 दिन मे एकबार में जलापूर्ति की जा रही है, लेकिन पर्याप्त जलापूर्ति नहीं होने से लोग पानी से वंचित है।

ग्रामिण अंचल में अडान अरुणावती पैनगंगा नदी बहती है। इस वर्ष तापमान मे वृद्धि होने से अप्रैल माह मे ही जलस्तर बेहद नीचे जाने से भीषण पेयजल संकट गहरा गया है। जनवरी में उमरी पठार ग्रामपंचायत ने टैंकर से जलापूर्ती करने के लिए पंचायत समिति को प्रस्ताव दिया था। वर्तमान में तहसिल के 7 ग्राम इचोरा, देवगांव, पालोदी, सुधाकर नगर (पलशी), उमरी पठार, चिमटा, दहेली इन ग्रामों मे सभी नाले कुएं सूख जाने जाने से टैंकर से जलापूर्ती की जा रही है। यहां के नागरिक पानी के लिए दर-दर भटक रहे थे. इनमें कुछ गांवों में जलजीवन के तहत जलापूर्ती होने की बात कही जाती थी।

ग्रामीण अंचल के 46 गांवो मेवरुड भक्त, चिंचबर्डी, अंजनखेड, नवनगर, बोरगाव दा.अंबोडा, बीड, अकोला, केलझरा और कृष्णनगर, सुभाषनगर, लोणबेहल, सुकली, तरोडा, येरमल हेटी, दहेली, आंबोडा, कुऱ्हा डु., धनसिंग हेटी, भानसरा, घोनसरा, हेटी (जवला), कवठा बाजार, खंडाला, शिवर (भ.) इन ग्रामों मे जलापूर्ती योजना के स्त्रोत सुख जाने से निजी कुओं का अधिग्रहण कर जलापूर्ती की जा रही है। इनमें कुछ गांवों के निजी कुंए अधिग्रहित किए हैं, कुछ ग्रामों मे कुएं अधिग्रहित होना बाकी है। नदी समीप क्षेत्र रहने के बावजूद इलाके का जलस्तर तेजी से कम होने लगा, जिससे ग्रामवासी परेशान नजर आ रहे हैं।

पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। शहर एवं ग्रामीण अंचल के कई क्षेत्र के जलस्त्रोत सूखने से ग्रीष्मकाल के पूर्व ही जलसंकट की स्थिती निर्माण हो गई। कई हिस्सों में कुएं व बोरवेल जैसे जल स्रोत सूख गए, जिससे जलसंकट की स्थिति निर्माण हुई है।

Created On :   6 May 2025 5:06 PM IST

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