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नदी संवर्धन को लेकर गंभीर नहीं प्रशासन, सूख गई जिले की जीवनदायिनी
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। जिले की जीवनदायीनी पांगोली नदी को कहा जाता है। लेकिन पांगोली नदी का अस्तित्व खतरे में आ गया है। संवर्धन नहीं होने के कारण पांगोली नदी नाले में तब्दील हो रही है। ग्रीष्मकाल में यह नदी जिले के लिए जीवनदायीनी साबित होती थी, लेकिन अब पूरी तरह से सूख चुकी है। जिला प्रशासन द्वारा नदी संवर्धन को गंभीरता नहीं लिया जा रहा हैं। यदि इसी तरह स्थिति बनी रही, तो पांगोली नदी नाले में तब्दील हो जाएगी। यहां बता दें कि गोंदिया जिले के गोरेगांव तहसील अंतर्गत तेढा-हलबीटोला के तालाब से पांगोली नदी का उगम हुआ है। यह नदी गोरेगांव, गोंदिया व आमगांव तहसील के ग्रामों से प्रवाहित होकर इन तीन तहसीलों के लाखों नागरिकों की प्यास बुझाती है। इतना ही नहीं तो सैकड़ों हेक्टेयर में लगी फसलों को जीवनदान देती है। बताया गया है कि गोरेगांव तहसील के 25 से अधिक ग्रामों से गुजरते हुए आमगांव तहसील के 30 से अधिक ग्रामों से प्रवाहित होकर आमगांव तहसील के 10 से अधिक ग्रामों से गुजरते हुए बाघ नदी जुड़ती है। लगभग 70 किलाेमीटर लंबी पांगोली नदी होने इसलिए इस नदी को गोंदिया की जीवनदायीनी कहा जाता है। लेकिन प्रशासन द्वारा नदी का संवर्धन नहीं किए जाने के कारण आज यह नदी नाले में तब्दील हो रही है। ग्रीष्मकाल के पूर्व से ही नदी का पानी दम तोड़ने लग जाता है। मई माह में तो नदी का जलपात्र सूख चुका है। यदि उचित कदम प्रशासन द्वारा उठाया नहीं गया तो भविष्य में नदी नामशेष हो जाएगी और जिले पर बड़ा जलसंकट आन पड़ेगा।
संवर्धन की आवश्यकता
इस संदर्भ में समाजोन्नति ग्रामीण व शहरी विकास संस्था द्वारा पांगोली नदी बचाओ-सिंचाई क्षमता बढ़ाओ, किसान, खेतमजदूर व पर्यावरण को सुरक्षित रखों, इस उद्देश्य को लेकर पिछले कई वर्षों से पांगोली नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए काम कर रही हंै। संस्था के तीर्थराज उके ने जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में नदी संवर्धन के लिए जिलाधिकारी को जानकारी देकर संवर्धन करने की मांग की है। यदि नदी का संवर्धन होता है तो पांगोली नदी को फिर से जीवित किया जा सकता है और भविष्य में गोंदिया को जलसंकट से रोका जा सकता हंै।
Created On :   6 May 2022 7:47 PM IST