बड़वानी: एक परिसर एक शाला के नियम से कोई पूर्व संचालित संस्था प्रभावित नहीं होगी - सहायक आयुक्त

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बड़वानी: एक परिसर एक शाला के नियम से कोई पूर्व संचालित संस्था प्रभावित नहीं होगी - सहायक आयुक्त

डिजिटल डेस्क, बड़वानी। बड़वानी राज्य शासन द्वारा घोषित एक परिसर एक शाला के दिशा-निर्देशानुसार जिले में विभिन्न विद्यालयो में उपलब्ध मानवीय एवं भौतिक संसाधनो का अधिकतम एवं प्रभावी उपयोग किया जाना है। इस नियम से जिले में पूर्व से संचालित कोई भी संस्था प्रभावित नहीं होगी । सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री विवेक पाण्डेय ने बताया कि शासन के एक परिसर, एक शाला के निर्देश से जिले में पूर्व से संचालित कोई भी संस्था प्रभावित नहीं होगी । क्योंकि इस नियम का उपदेश विद्यालयों में उपलब्ध मानवीय एवं भौतिक संसाधनो का अधिक उपयोग किया जाना है। उन्होने बताया कि इस नियम अनुसार जिले में कार्यवाही सुनिश्चित कराने के लिये कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है। इसमें सदस्य के रूप में जिला पंचायत सीईओ, प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र सम्मिलित किये गये है। जबकि सदस्य सचिव के रूप में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सम्मिलित किये गये है। राज्य शासन द्वारा जारी एक परिसर, एक शाला के दिशा निर्देश ‘‘ एक परिसर एक शाला‘‘ का तात्पर्य है कि 150 मीटर की परिधि में एक ही परिसर मे सम्मिलित आश्रम शाला, प्राथमिक शाला, माघ्यमिक शाला, हाईस्कूल एव हायर सेकेन्ड्री शालाओ को पृथक-पृथक ईकाई के रूप में संचालित से है तथा उक्त विद्यालयो को शैक्षणिक एवं प्रशासकीय नियंत्रण अलग-अलग प्रधानाध्यापक/प्राचार्य के द्वारा किया जा रहा है को एक परिसर मे स्थित विभिन्न विद्यालयो में उपलब्ध मानवीय एवं भौतिक संसाधनो को अधिकतम और प्रभावी उपयोग एवं एक ही परिसर में संचालित आश्रम शालाओ/प्राथमिक/माध्यमिक/हाईस्कूल/हायर सेकेन्ड्री को एकीकृत विद्यालय के रूप में संचालित किया जाना है। पूर्व में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित ‘‘एक परिसर एक शाला के अनुरूप ही आदिम जाति कल्याण विभाग के एक ही परिसर में सचंालित स्कूलो को एकीकृत शाला के रूप में ही संचालन किया जावेगा। एक परिसर में संचालित विभिन्न स्तर की शालाओ विभिन्न स्तर की शालाओं के एकीकरण उपरांत एकीकृत शाला का नाम वरिष्ठ स्तर की शाला के नाम से जाना जावेगा। यदि किसी शाला परिसर में वर्तमान में कोई शाला किसी महापुरूष/विभूति के नाम से संचालित है तो एकीकृत शाला का भी वही नाम रखा जावेगा। एक ही परिसर में संचालित शालाए यदि एक से अधिक पाली मे संचालित हो रही है तो इन शालाओ का सहायक आयुक्त के भौतिक सत्यापन उपरांत उपयुक्त पाये जाने पर जिला स्तरीय समिति के द्वारा एक परिसर एक शाला के रूप में संचालित करने हेतु निर्णय लिया जा सकेगा, साथ ही एक परिसर एक शाला के चिन्हाकंन के उपरांत पूर्व से संचालित विद्यालय के अमले के रूप में माना जाकर यथावत कार्य करता रहेगा एवं एकीकृत शाला के प्राचार्य/प्रधानाध्यापक में प्रशासकीय नियंत्रण में कार्य करेगा। ‘‘एक परिसर एक शाला‘‘ के क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय समिति में जिला कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग, प्राचार्य डाईट एवं जिला परियोजना समन्वयक सम्मिलित होगे। समिति के सदस्य सचिव सहायक आयुक्त आदिवासी विकास रहेगे। ‘‘एक परिसर एक शाला‘‘ का मुख्य उद्देश्य 150 मीटर की परिधि मे एक ही परिसर मे विभिन्न विद्यालयो में उपलब्ध मानवीय एंव भौतिक संसाधनो का अधिकतम एवं प्रभावी उपयोग किया जाना है इससे पूर्व संचालित कोई भी संस्था प्रभावित नही होगी।

Created On :   30 Dec 2020 8:28 AM GMT

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