आंदोलन से पहले ही रेलवे ने खोल दिया दो वर्ष से बंद फुट ओवर ब्रिज

‌Before agitation railways opened foot over bridge which had been closed for two years
आंदोलन से पहले ही रेलवे ने खोल दिया दो वर्ष से बंद फुट ओवर ब्रिज
गोंदिया आंदोलन से पहले ही रेलवे ने खोल दिया दो वर्ष से बंद फुट ओवर ब्रिज

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. शहर के दो हिस्सों को जोड़ने वाला रेलवे का फुट ओवर ब्रिज जो पिछले दो वर्ष पूर्व कोरोना संक्रमण के दौरान यातायात के लिए बंद कर दिया गया था। उसे 11 अप्रैल, सोमवार की शाम नागरिकों के आवागमन के लिए खोल दिया गया। इस खबर से शहर के नागरिकों में काफी खुशी एवं उत्साह का माहौल देखा गया। उल्लेखनीय है कि इस ओवर ब्रिज को खोले जाने की मांग को लेकर डेली रेलवे मुवर्स एसोसिएशन (ड्रामा) की ओर से 12 अप्रैल को शाम 6 बजे कुडवा लाइन में रेलवे पुलिया के सामने सड़क पर मोमबत्ती जलाकर रेल प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने की घोषणा की गई थी। लेकिन 11 अप्रैल को ही यह ओवर ब्रिज नागरिकों के आवागमन के लिए रेल प्रशासन द्वारा खोल दिए जाने के कारण अब उन्हें इस तरह का प्रदर्शन करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। 

गौरतलब है कि कुड़वा लाइन दक्षिण गोंदिया को राजलक्ष्मी चौक उत्तर गोंदिया से जोड़नेवाला यह पुल पिछले दो वर्षों से आवागमन के लिए बंद कर दिया गया था। उसे प्रारंभ करने के लिए नागरिकों ने सांसद, विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों को भी अवगत करवाया था। लेकिन रेलवे प्रशासन ने जनप्रतिनिधियों की बातों को भी अनसुना कर दिया। जिसके बाद शहर की जनता ने स्वयं ही आगे आकर अपने अधिकार एवं सुविधा के लिए प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। 

इसी श्रृंखला में 12 अप्रैल को शाम 6 बजे कुड़वा लाइन में रेलवे पुलिया के पास मोमबत्ती हाथों में लेकर प्रदर्शन करने का निश्चय किया गया था। 

किंतु ओवर ब्रिज को रेल प्रशासन द्वारा आम लोगों के लिए खोल दिया गया। इस ब्रिज को खोल देने से रामनगर, रेलटोली, टीबी टोली, सूर्याटोला, कुड़वा आदि क्षेत्र के नागरिकों को काफी राहत मिलेगी। रेल विभाग के एक अधिकारी ने भी दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान इस ब्रिज को आम नागरिकों के लिए खोले जाने की पुष्टि की है। 

गोपाल अग्रवाल, अध्यक्ष, डेली रेलवे मूवर्स एसोसिएशन (ड्रामा) के मुताबिक पिछले दो वर्षों से शहर के दो हिस्सों को जोड़ने वाले फुट ओवर ब्रिज के बंद होने से शहर के नागरिकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही थी। उन्हें एक ओर से दूसरी ओर आने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती था। जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रयास किए जाने के बाद भी यह ब्रिज नहीं खोला गया। अब जब सामान्य नागरिकों ने स्वयं आगे आकर संघर्ष करने का निर्णय लिया तब कहीं जाकर रेल प्रशासन की नींद खुली एवं यह ब्रिज सोमवार को आवागमन के लिए खोल दिया गया। यह बेहद खुशी की बात है। यह जनता की जीत है। 


 

Created On :   12 April 2022 7:00 PM IST

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