6 निकायों में पार्षदों की 99 में से 52 सीटों पर भाजपा का कब्जा

-28 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर कांग्रेस 6 निकायों में पार्षदों की 99 में से 52 सीटों पर भाजपा का कब्जा

डिजिटल डेस्क सतना। नगरीय निकाय निर्वाचन के दूसरे चरण में शामिल जिले के 6 निकायों की पार्षद पद की 99 में से 52 सीटों पर सत्तारुढ़ भाजपा को कामयाबी मिली है। जबकि 28 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर है। अबकि 15 निर्दलीय दावेदारों का सफलता मिली है,जबकि बसपा को पार्षद के सिर्फ 4 पद मिले हैं। उल्लेखनीय है, दूसरे चरण में मैहर नगरपालिका के अलावा नगर परिषद रामपुरबघेलान, कोटर, नागौद,अमरपाटन और न्यू नगर परिषद शामिल हैं। मैहर की 24 और अन्य नगर परिषदों के 15-15 वार्डों के लिए 13 जुलाई को ईवीएम से मतदान हुआ था। बुधवार को निकाय मुख्यालयों में मतों की गिनती के बाद परिणामों की घोषणा की गई।
 100 के पार भाजपा- निकाय चुनावों में सबसे बड़ा दल, फिर भी सतना नगर
 निगम और मैहर नगर पालिका समेत 7 निकायों में बहुमत के लिए जद्दोजहद
सिर्फ 5 नगर परिषदों में पूर्ण बहुमत  
जिले के 12 नगरीय निकायों के 219 में से सबसे ज्यादा 109 पार्षद पद जीत कर यंू तो भाजपा सबसे बड़ा दल बन कर उभरा है, लेकिन 7 परिषदों में उसके पास पूर्ण बहुमत नहीं है। इनमें नगर निगम सतना, नगर पालिका मैहर के साथ-साथ नगर परिषद चित्रकूट, बिरसिंहपुर, जैतवारा, नागौद और अमरपाटन नगर परिषद शामिल हैं। जबकि रामनगर, रामपुर बघेलान , कोटर, कोठी और उचेहरा में नगर परिषद के लिए भाजपा को पूर्ण बहुमत का जनादेश मिला है। राजनीतिक मामलों के जानकारों की राय में जिन नगर परिषदों में भाजपा बहुमत में नहीं है, वहां भाजपा को अध्यक्षी और उपाध्यक्षी के लिए बड़ी जद्दोजहद करनी होगी।
भाजपा : सतना-मैहर में कड़ी चुनौती-
45 पार्षदों वाली सतना नगर निगम में भाजपा के 20 पार्षद हैं। जबकि 19 पार्षदों के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर है। यहां 5 निर्दलीय अहम भूमिका में हैं। इनमें से 3 भाजपा के ही बागी हैं। फिलहाल तीनों पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित हैं। बसपा का सिर्फ एक पार्षद है। नगर निगम परिषद के अध्यक्ष पद के लिए सीधे मुकाबले की स्थिति में बीजेपी को 23 पार्षदों का समर्थन चाहिए। अध्यक्ष पद के लिए त्रिकोणीय दावा मुश्किलें और भी बढ़ा सकता है। भाजपा का यही हाल जिले की इकलौती नगर पालिका मैहर की नगर परिषद में भी है। मैहर की कुल 24 सीटों के मुकाबले भाजपा के पास 11 पार्षद हैं। जबकि कांग्रेस के पास महज  6 पार्षद हैं। यहां भी 6 निर्दलीय पार्षदों की भूमिका महत्वपूर्ण है। बसपा के पास महज एक वोट है। यहां भाजपा के लिए अध्यक्ष के साथ उपाध्यक्ष के पद पर अपनों की ताजपोशी टेढ़ी खीर है।
कांग्रेस: सिर्फ अमरपाटन में कब्जा  -
अमरपाटन नगर परिषद के लिए कांग्रेस अपना दबदबा बनाने में कामयाब रही है। यहां 8 पार्षदों के साथ कांग्रेस पूर्ण बहुमत में है। भाजपा के 6 और बसपा के एक दावेदार को सफलता मिली है। कुल 15 वार्ड हैं। जिले के 12 नगरीय निकायों में अमरपाटन इकलौती नगर परिषद है, जहां प्रमुख प्रतिपक्ष कांग्रेस को पूर्ण बहुमत का जनादेश मिला है।
भाजपा बनाम कांग्रेस: नागौद में करीबी मामला -
  अध्यक्षी के लिए 2 बहुएं दावेदार
भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री नागेन्द्र सिंह के गृह नगर  नागौद में भाजपा और कांग्रेस के बीच मामला करीबी हो गया है। 15 पार्षदों वाली नागौद नगर परिषद में  अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए दोनों दलों के पास बहुमत नहीं है। यद्यपि 6 पार्षदों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ा दल है। भाजपा एक वोट से पीछे लगी है। कांग्रेस को बहुमत जुटाने के लिए 2 और भाजपा को 3 पार्षद चाहिए। इन दोनों के बीच 3 निर्दलीय पार्षदों का ही विकल्प है। नागौद नगर परिषद से भाजपा विधायक नागेन्द्र सिंह की अनुज वधु कामाक्षा सिंह और कांगे्रस के पूर्व विधायक यादवेन्द्र सिंह की बहू प्रतिभा सिंह, अध्यक्ष पद की प्रबलतम दावेदार हैं। कामाक्षा इससे पहले भी नगर  परिषद की अध्यक्ष रह चुकी हैं, जबकि प्रतिभा के लिए यह पहला चांस है।
 अजब-गजब-
 बिरसिंहपुर में निर्दलियों का दबदबा  
बिरसिंहपुर नगर परिषद जिले का इकलौता ऐसा निकाय है, जहां अबकि निर्दलियों का बोलबाला है। सबसे ज्यादा 8 निर्दलीय पार्षद चुने गए हैं।  इन स्वतंत्र दावेदारों ने भाजपा और कांग्रेस को भी पीछे छोड़ दिया है। भाजपा के 4,कांग्रेस 2 और बसपा के एक पार्षद को सफलता मिली है। यहां निर्दलीय अपनी दम पर अपना अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाने की स्थिति में हैं। अन्यथा भाजपा को 4 निर्दलियों  के समर्थन की जरुरत होगी।
  ऐसा पहली बार :  5 निकायों में कांग्रेस से आगे निकले निर्दलीय
 अध्यक्ष-उपाध्यक्षों की ताजपोशी में है निर्णायक भूमिका
 जिले के निकाय चुनावों में संभवत: ऐसा पहली बार है, जब निर्दलीय प्रत्याशियों ने कांग्रेस जैसे बड़े राजनीतिक दल को भी पीछे छोड़ दिया है। मिसाल के तौर पर प्रथम चरण में शामिल बिरसिंहपुर, चित्रकूट , उचेहरा ,जैतवारा और कोठी नगर परिषद के लिए कुल 20 निर्दलीय पार्षद चुने गए हैं। जबकि इन्हीं निकायों में कांग्रेस के महज 16 पार्षदों को सफलता मिली। दोनों चरण के 12 निकाय के चुनावों में कुल 40  स्वतंत्र प्रत्याशियों को जनादेश मिला है। जिन भी नगर परिषदों में भाजपा और कांगे्रस के पास पूर्ण बहुमत नहीं, वहां ये बड़े दल पूर्ण बहुमत के लिए निर्दलियों की ही कृपा के मोहताज हैं।

Created On :   20 July 2022 10:06 PM IST

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