भाजपा के राहुल नार्वेकर ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए किया नामांकन

BJPs Rahul Narvekar nominated for the post of Speaker
भाजपा के राहुल नार्वेकर ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए किया नामांकन
पहली बार मौका भाजपा के राहुल नार्वेकर ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए किया नामांकन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद देने के बाद भाजपा ने एक और चौंकाने वाला फैसला किया है। भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अपने युवा विधायक को चुना है। पहली बार विधानसभा में पहुंचे भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया।  इस मौके पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील मौजूद थे। विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 2 जुलाई को दोपहर 12 बजे तक दाखिल किया जा सकता है। विधानसभा के विशेष अधिवेशन में 3 जुलाई को नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। भाजपा के विधानसभा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार नार्वेकर मुंबई की कोलाबा सीट से विधायक हैं। नार्वेकर साल 2019 के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले राकांपा के विधान परिषद सदस्य पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे। नार्वेकर राकांपा से पहले शिवसेना में थे। 

अब राज्यपाल ने कैसे दे दी विस अध्यक्ष चुनाव की अनुमतिः थोरात 

दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री बालासाहब थोरात ने विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव घोषित किए जाने को लेकर राज्यपाल भगत सिंह पर निशाना साधा है। थोरात ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार ने राज्यपाल से विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव कराने के लिए मंजूरी मांगी थी। बीते बजट सत्र के दौरान 25 मार्च को राज्यपाल को चुनाव के लिए पत्र भी दिया था। जिस पर राज्यपाल ने कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष पद का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। इसलिए मैं विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए मंजूरी नहीं दे सकता हूं। अब राज्यपाल ने चुनाव कराने की अनुमति कैसे दी है इसका जवाब मिलना चाहिए। थोरात ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव गुप्त मतदान के जरिए होगा अथवा महाविकास आघाड़ी सरकार द्वारा नियमों में किए गए बदलाव के अनुसार खुले मतदान के जरिए होगा। इसको लेकर हमारे मन में आशंका है। 

ससुर और दामाद चलाएंगे दोनों सदन! 

भाजपा के विधानसभा अध्यक्ष पद के प्रत्याशी नार्वेकर महाराष्ट्र विधान परिषद के सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर के दामाद हैं। नाईक-निंबालकर का कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो जाएगा। विधान परिषद चुनाव में राकांपा के टिकट पर नाईक-निंबालकर दोबारा निर्वाचित हो चुके हैं। यदि विधान परिषद के सभापति पद पर राकांपा नाईक-निंलाबकर को दोबारा मौका देती है और भाजपा के उम्मीदवार नार्वेकर विधानसभा अध्यक्ष बन जाते हैं तो विधानमंडल में एक अनूठा संयोग देखने को मिलेगा। विधानसभा और विधान परिषद की कमान ससुर और दामाद के हाथों में होगी। 

Created On :   1 July 2022 9:08 PM IST

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