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गोंदिया से भविष्य में शुरू होगी कार्गो सेवा, उठी नामकरण की मांग
डिजिटल डेस्क, गोंदिया.जिले के नागरिकों को हवाई सेवा उपलब्ध करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना से हवाई योजना कार्यान्वित हुई है। भविष्य में गोंदिया के बिरसी हवाई अडडे से कार्गों की सेवा शुरू की जाएगी। हवाई अड्डे से रविवार,13 मार्च को यात्रियों के लिए हवाई सेवा शुरू की गई है। गोंदिया जिला मध्यप्रदेश व तेलंगाना राज्य का केंद्रबिंदू बन चुका है। पूर्व केंद्रिय उड्डयनमंत्री प्रफुल पटेल के सकारात्मक विचारों से गोंदिया जैसे शहर में अंतराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा तैयार होने के साथ ही दो प्रशिक्षण केंद्र शुरू है। अाधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हवाई अड्डे का रविवार को शुभारंभ किया गया है। इसका श्रेय वर्तमान सांसद के साथ पूर्व उड्डयनमंत्री पटेल को भी जाता है। उक्ताशय के उद्गार केंद्रिय उड्डयनमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने व्यक्त किए। वे वर्च्युअल कार्यक्रम के माध्यम से बोल रहे थे। रविवार, 13 मार्च को जिले के बिरसी हवाई अडडे से पहले यात्री हवाई जहाज को हरी झंडी दिखाकर हवाई यात्रा का शुभारंभ किया गया। इस समय अतिथि के रूप में सांसद सुनील मेंेढे, सांसद अशोक नेते, बालाघाट के सांसद ढालसिंह बिसेन, विधायक विनोद अग्रवाल, विधायक विजय रहांगडाले, पूर्व विधायक राजेंद्र जैन, गोपालदास अग्रवाल, रमेश कुथे, जिलाधिकारी नयना गुंडे, पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे, अतिरिक्त जिलाधिकारी राजेश खवले आदि उपस्थित थे। पहले यात्री हवाई जहाज ने गोंदिया से हैदराबाद तक उड़ान भरी है। वर्षों पूर्व दूसरे महायुद्ध के दौरान ब्रिटिश सरकार ने ने 1942-43 में तहसील के बिरसी में हवाई अड्डा बनाया था। उसके बाद वर्ष 2005 में पूर्व केंद्रीय नागरी उडडयन मंत्री प्रफुल पटेल ने अंतराष्ट्रीय स्तर के हवाई अडडे का अाधुनिक तरीके से निर्माण किया गया है। शासन की उड़ान योजनाअंतर्गत यात्रियों की सेवा के लिए टेकऑफ किया है। जिसका शुभारंभ उडडयनमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथों हरी झंडी दिखाकर किया गया।
सेवा शुरू होते ही उठी नामकरण की मांग
उधर बिरसी हवाई अड्डे से 13 मार्च से यात्री उड़ान सेवा शुरू होने की घोषणा होते ही विभिन्न संगठनों के माध्यम से इस हवाई अड्डे के नामकरण करने की मांग उठने लगी है। हालांकि हर किसी को मांग रखने की स्वतंत्रता है। लेकिन प्रशासन इस पेंच में फंस जाता है कि आखिर इसे किसकी मांग के अनुसार नाम दिया जाए? बता दें कि गोंदिया से सटे बिरसी परिसर में ब्रिटिशकालीन हवाई अड्डा संचालित था। जिसका कायाकल्प सांसद प्रफुल पटेल के प्रयास से हुआ। इसके बाद इस हवाई अड्डे का उपयोग पायलट प्रशिक्षण के लिए शुरू किया गया। इस हवाई अड्डे से यात्री उड़ान सेवा शुरू करने की मांग की जा रही थी। जिसे लेकर सांसद सुनील मेंढे तथा अन्य प्रतिनिधियों की कोशिशों से यात्री उड़ान सेवा शुरू करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई थी। एक माह पूर्व से ही सूचना प्रसारित की गई थी कि बिरसी हवाई अड्डे से 13 मार्च से यात्री उड़ान सेवा शुरू की जाएगी। तब से जिले के कई संगठनों द्वारा इस हवाई अड्डे को नाम देने की मांग की जाने लगी। 9 मार्च को नेशनल आदिवासी महिला फेडरेशन गोंदिया द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मांग की गई कि इस हवाई अड्डे को बिरसा मुंडा विमानतल नाम दिया जाए। उसी प्रकार क्षत्रिय पोवार समाज संगठन गोरेगांव द्वारा भी मांग की गई कि बिरसी हवाई अड्डे को चक्रवर्ती सम्राट राजाभोज का नाम दिया जाए। goहालांकि हर किसी संगठन को या व्यक्ति को मांग रखने का पूरा अधिकार है। लेकिन मांग पूरी कराने में संबंधित प्रशासन को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अब देखना यह है कि प्रशासन इन मांगों को लेकर क्या कदम उठाता है।
Created On :   14 March 2022 7:59 PM IST