शहर को मिला बहादुर, जामदार 44 हजार से हारे

City got brave, Jamdar lost by 44 thousand
शहर को मिला बहादुर, जामदार 44 हजार से हारे
शहर की सभी विधानसभाओं में भाजपा का पलड़ा रहा भारी शहर को मिला बहादुर, जामदार 44 हजार से हारे

डिजिटल डेस्क जबलपुर। आखिरकार लम्बे इंतजार के बाद कांग्रेस को महापौर का पद दिलाया जगत बहादुर सिंह अन्नू ने। जगत ने भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. जितेन्द्र जामदार को 44339 मतों से पराजित किया। एमएलबी स्कूल में हुई मतगणना में सुबह जैसे ही काउंटिंग शुरू हुई, अन्नू ने डॉ. जामदार पर बढ़त बनानी शुरू कर दी और यह बढ़त अंत तक कायम रही। यह भी चौंकाने वाली बात है िक कांग्रेस को महापौर का पद मिला तो पार्षदों की संख्या कम हो गई। सुबह से चालू हुई मतगणना शाम तक चलती रही लेकिन दोपहर 1 बजे के बाद से ही पार्षदों के जीतने का सिलसिला शुरू हो गया और शाम को ऐसा लगा कि जैसे पूरा शहर झूम रहा हो। हर तरफ ढोल-नगाड़े और जुलूसों की धूम रही। लोग जाम में फँसे लेकिन उसके बाद भी मुस्कुराते हुए निकले क्योंकि उन्हें पता था कि यह नगर सरकार का जश्न है।
एमएलबी स्कूल परिसर में सुबह 8.30 बजे जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, उप निर्वाचन अधिकारी नम: शिवाय अरजरिया, एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा सहित प्रत्याशियों के सामने स्ट्रॉन्ग रूम खोला गया और उसके बाद ईवीएम को मतगणना कक्षों में भेजा गया। इस बीच इलेक्शन ड्यूटी बैलेट बॉक्स के ताले की चाबी को लेकर हो हल्ला हो गया और दोनों पक्ष नारेबाजी करने लगे। बाद में ताला खुलने के बाद मामला शांत हो गया। इसके बाद ईवीएम ने परिणाम जाहिर करना शुरू िकया तो वार्डों में पार्षद पद के प्रत्याशियों के चेहरों के रंग बदलने लगे। कोई खुश हो गया तो कोई गुमसुम। वहीं महापौर पद प्रत्याशी अन्नू ने पहले दौर से ही बढ़त बना ली।
फिर से कड़े पहरे में ईवीएम-
मतगणना पूरी होने के साथ ही ईवीएम को फिर वैसे ही कड़े सुरक्षा इंतजाम के साथ स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया और पहरेदारी भी बैठा दी गई। जानकारों का कहना है कि यहाँ से सभी मशीनों को जल्द ही इंजीनियरिंग कॉलेज में शिफ्ट कराया जाएगा। नियमों के तहत अगले कुछ महीनों तक इनका पूरा डाटा सुरक्षित रखने का भी प्रावधान है।
पहला परिणाम कस्तूरबा गांधी वार्ड का-
मतगणना में सबसे पहला परिणाम कस्तूरबा गांधी वार्ड का रहा। जहाँ के कांग्रेसी प्रत्याशी राम विशाल उर्फ संतोष पंडा ने विजय दर्ज की। वहीं सबसे आखिर में वार्ड नंबर 78 का नतीजा आया। यहाँ निर्दलीय प्रत्याशी मथुरा प्रसाद चौधरी ने जीत हासिल की।
उमस ने किया हलाकान-
राजनीतिक सरगर्मी के बीच मौसम में भी गर्माहट महसूस हुई। मतगणना स्थल पर पूरे समय उमस ने हलाकान किया। हालाँकि प्रशासनिक तौर पर काफी कुछ इंतजाम किए गए थे लेकिन बीच-बीच में हुई बूँदाबाँदी और धूप की वजह से सभी नकाफी साबित हुए।
नगरीय निकाय के चुनावों को लेकर पिछले एक माह से चल रही हलचल मतगणना के साथ ही थम गई। जो नतीजे सामने आए हैं उनमें शहर की चारों विधानसभाओं में कांग्रेस के महापौर प्रत्याशियों की जरूर बढ़त रही है लेकिन वार्डों में भाजपा का पलड़ा भारी रहा। चुनाव में सबसे चौंकाने वाले परिणाम पूर्व विधानसभा के रहे। यहाँ पर पहली बार असाउद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का खाता खुला। वहीं कैंट में कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया हो गया और उसका खाता नहीं खुल पाया।
उत्तर-मध्य विधानसभा -
उत्तर मध्य विधानसभा के अंतर्गत कुल 20 वार्ड आते हैं, इनमें से कई वार्डों में भाजपा-कांग्रेस के बीच काँटे की टक्कर रही। अंतत: भाजपा ने बाजी मारी और उसके 11 प्रत्याशी विजयी रहे। वहीं कांग्रेस के खाते में कुल सात पार्षद ही जीत कर आए। वहीं दो निर्दलीय पार्षदों के सिर जीत का सेहरा बँधा।
कैंट विधानसभा -
कैंट विधानसभा के तहत कुल 11 वार्ड नगर निगम में आते हैं। यहाँ पर भाजपा केे 9 पार्षद जीत कर आए। यह पार्टी की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। वहीं कैंट में कांग्रेस का एक भी पार्षद नहीं जीता। इससे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में निराशा है। इस विधानसभा में जो दो पार्षद निर्दलीय जीते हैं उनमें खास बात यह है कि एक पार्षद ने कांग्रेस से बगावत की थी, वहीं दूसरा भाजपा से बगावत कर जीत का परचम लहराने में कामयाब रहा। यहाँ पर दोनों पार्टियों में टिकट वितरण को लेकर कार्यकर्ताओं में असंतोष था।
पूर्व विधानसभा -
पूर्व विधानसभा में सबसे अधिक 22 वार्ड हैं। इनमें आधे वार्डों पर भाजपा ने अपना कब्जा जमाया। भाजपा के जहाँ 10 प्रत्याशी जीत कर आए, वहीं कांग्रेस को 7 पार्षदों की जीत पर संतोष करना पड़ा। यहाँ पर दोनों पार्टियों को सबसे ज्यादा नुकसान मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के कारण हुआ। ओवैसी की पार्टी के दो सदस्य चुनकर आए और कुछ प्रत्याशी काफी कम अंतरों से हारे हैं। विधानसभा में दो निर्दलीय प्रत्याशी भी चुने गए हैं। इसका सीधा नुकसान भाजपा और कांग्रेस को हुआ है।
पश्चिम विधानसभा -
पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल 18 वार्ड आते हैं। यहाँ पर कांग्रेस एवं भाजपा के जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों का अच्छा-खासा प्रभाव है और वे अपनी-अपनी जीत का दावा भी कर रहे थे लेकिन परिणाम इसके इतर रहे। यहाँ पर भाजपा के 10 पार्षद जीते और कांग्रेस को 8 से संतोष करना पड़ा। जो परिणाम घोषित हुए उनमें कुछ दिग्गज चुनाव हार गए हैं। इस विधानसभा में लंबे समय बाद शिव सेना खाता भी नहीं खोल सकी। कांग्रेस के कई दिग्गज पार्षद अपने गढ़ को बचाने में असफल रहे।
पनागर विधानसभा -
पनागर विधानसभा में शहरी क्षेत्र के 8 वार्ड शामिल हैं। ग्रामीण क्षेत्र में आने वाली इस विधानसभा में आने वाले वार्डों में चार भाजपा और तीन कांग्रेस के पार्षद जीते हैं। एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी की जीत हुई है। निर्दलीय कांग्रेस का बागी बताया जा रहा है। वहीं बरगी विधानसभा का एक वार्ड कांग्रेस के खाते में गया है। पनागर विधानसभा के नए वार्डों में दूसरी बार नगर निगम के चुनाव हुए हैं। इसके पहले ये वार्ड पंचायतों में शामिल थे।पी-2
कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह
मतगणना के दौरान एमएलबी स्कूल के चारों तरफ राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं का हुजूम लगा था और उनमें गजब का उत्साह था। परिणाम की घोषणा होने पर समर्थक विजयी रथ व झंडे, बैनरों के साथ अपने प्रत्याशी को लेने के लिए ढोल-ढमाकों के साथ पहुँचे और विजयी प्रत्याशी के बाहर निकलते ही फूल-मालाओं से लाद दिया।
आतिशबाजी कर जश्न मनाया
मतगणना स्थल के बाहर सभी राजनैतिक दलों के समर्थक टोलियाँ बनाकर खड़े थे और अपने प्रत्याशी की बढ़त पर व विजय होने पर आतिशबाजी कर जश्न मना रहे थे। समर्थकों की भीड़ के कारण पुराने बस स्टैंड से स्टेडियम, गौमाता चौक व आसपास की सड़कों पर पैदल चलना दूभर था।
परिणाम जानने रही उत्सुकता
ननि चुनाव के रुझान व परिणाम जानने के लिए लोगों में काफी उत्सुकता दिखाई दी। मतगणना स्थल के आसपास तो यही नजारा रहा, वहीं सोशल मीडिया पर भी राजनैतिक दल के नेता व कार्यकर्ता पल-पल की खबर जानने आतुर रहे।

 

 

Created On :   17 July 2022 11:15 PM IST

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