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दैनिक भास्कर हिंदी: जब कोरोना के डर पर मुफलिसी पड़ी भारी- कोई साइकिल तो कई पैदल ही निकल गया अपने गांव

डिजिटल डेस्क, वर्धा। विदर्भ में अब कोरोना वायरस के संदिग्धों की संख्या कम होती जा रही है। लेकिन कामधंधे बंद हो जाने के कारण मजदूरों का पलायन बकायदा जारी है। इस बीच वर्धा जिला प्रशासन ने करीब 60 मजदूरों का पलायन रोकने में सफलता हासिल की है। यह मजदूर उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों से समृद्धि महामार्ग का निर्माण करने के लिए आए थे। लॉकडाउन होने के बाद यह लोग बेरोजगार होने के डर से पैदल ही अपने घर जा रहे थे। शनिवार की रात इन मजदूरों को सेलू के पास पैदल जाते देख कुछ लोगों ने इसकी सूचना प्रशासन को दी। इसके बाद उन्हें समझाबुझाकर उनके रहने व खाने की व्यवस्था सेलू के बच्छराज धर्मशाला में की गई है।
इधर गड़चिरोली तहसील के नहरपायली गांव के 14 मजदूर तेलंगाना राज्य के खमम जिले के पिंजरमलगु गांव में फंसे हुए हैं। यह लोग मिर्च तुड़ाई के लिए तेलंगाना गए हुए थे और अब लॉकडाउन की अवधि खत्म होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
उधर गोंदिया में 62 परप्रांतीयों को आश्रय दिया गया। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते अन्य प्रांतो के जो लोग शहर में रह गए थे, तथा 71 बेघर और गरीब जिनके पास रहने का ठिकाना नहीं था, ऐसे कुल 133 नागरिकों को नगर परिषद द्वारा मनोहर म्यूनिसिपल हाईस्कूल में आश्रय दिया गया। जहां उनके भोजन व अन्य जरुरतों की व्यवस्था विभिन्न सामाजिक संगठन कर रहे हैं।
15 मजदूर साइकिल से पहुंचे गोंदिया
वहीं नागपुर में मजदूरी करनेवाले 15 मजदूर साइकिल से गोंदिया पहुंचे। लॉक डाउन के बाद जिले में सभी प्रकार के साधनो को बंद कर दिया गया था। ऐसे में मजदूरी करनेवाले नागरिकों पर रहने व खाने का संकट मंडराने लगा था। इसी के चलते गोंदिया तहसील के ग्राम बनाथर के करीब 15 मजदूर 5-5 का ग्रुप बनाकर नागपुर से साइकिल से 26 मार्च को रवाना हुए। 170 किलोमीटर यात्रा कर वें रात 8 बजे यहां पहुंच गए।
जिलाधीश व्यवस्था नहीं करते तो 11 युवकों को 200 किलोमीचर पैदल करनी पड़ती यात्रा
उधर धामणगांव में 11 युवकों को प्रशासन द्वारा वाहन से भेजा गया। हैद्राबाद और वर्धा जिले के समुद्रपुर में मजदूरी करने गए आदिवासी युवक जब 461 किमी का लंबा सफर पैदल ही पूरा कर धामणगांव पहुंचे। तो जानकारी जिलाधीश दी गई, जिसके बाद उन्होंने आगे का सफर पूरा करने के लिए युवकों को वाहन की व्यवस्था कराई। साथ ही तलेगांव दशासर के थानेदार रिता उईके ने भोजन की व्यवस्था भी करा दी।
सांगवा ग्राम में फंसे 60 मजदूर
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए फर्फ्यू लगाया। जिसके चलते जिले की यातायात बंद कर दिया गया। किसी भी प्रकार का वाहन उपलब्ध न रहने से दर्यापुर तहसील के सांगवा ग्राम में मजदूर वाहन न मिलने से वहीं अटके हुए है। यह सभी मजदूर आदिवासी बहुल इलाके के बताए जा रहे हैं।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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