आस्था की डुबकी पर कोरोना का प्रतिबंध

Coronas ban on the dip of faith
आस्था की डुबकी पर कोरोना का प्रतिबंध
गोंदिया आस्था की डुबकी पर कोरोना का प्रतिबंध

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। जिले में मकर संक्रांति का पर्व 14 व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। 14 जनवरी को परंपरानुसार महाराष्ट्रीयन समाज की ओर से तथा 15 जनवरी को हिंदी पंचांग के अनुसार यह त्यौहार मनाया जाएगा। मकर संक्रांति के लिए इस वर्ष बाजार में हमेशा की तरह रौनक नजर नहीं आ रही हंै। लेकिन पिछले दो वर्ष की तरह इस बार भी इस मकर संक्रांति पर्व पर कोरोना का साया मंडराया है। इसके साथ महंगाई की मार पड़ी है। शहर में कुछ स्थानों पर ग्रामीण क्षेत्रों से प्रतिवर्ष तिल व गुड़ की बिक्री करनेवाले व्यवसायी इस वर्ष भी आए हुए हैं। तिल 150 से लेकर 170 रुपए प्रति किलो तक बेची जा रही है। जबकि गुड़ 60 रुपए किलो की दर से बिक रहा है। नगर परिषद के सामने तिल गुड़ का व्यवसाय करनेवाली महिला दुकानदार ने बताया कि वे प्रतिवर्ष काटीनगर से यहां व्यवसाय के लिए आती है। लेकिन इस वर्ष तिल गुड़ की मांग हर साल की तुलना में कम दिखाई पड़ रही है। उसी प्रकार गोंदिया शहर में वैसे तो कभी भी सार्वजनिक रूप से किसी स्थान पर मकर संक्रांति के अवसर पर पतंगोत्सव का आयोजन नहीं किया जाता। शौकिन बच्चे अथवा युवा अपनी-अपनी घरों की छतों से ही पतंग उड़ाने का आनंद लेते हैं। इस वर्ष पतंग एवं मांजे की दुकान भी नहीं के बराबर ही नजर आ रही है। बाजार क्षेत्र के चना लाइन में एक पतंग व्यवसायी ने बताया कि नायलोन मांजे पर सरकार की पाबंदी के कारण शहर के बाजार में यह मांजा पूरी तरह नदारद है। वे 10 से 25 रुपए प्रति नगद की दर से पतंगों की बिक्री कर रहे हैं। साथ ही 10 रुपए बंडल के हिसाब से धागा बेच रहे हैं। लेकिन इस वर्ष खरीददारों मंे वह उत्साह दिखाई नहीं पड़ रहा है। जो हर वर्ष दिखता था। इसका एक कारण पिछले एक सप्ताह से होनेवाली बारिश एवं मौसम पर उसका असर होना भी है। लेकिन सीमित संख्या में ही सही, ग्राहक पतंगें खरीद रहे हैं। इससे ऐसा लगता है कि परंपरा चल रही है।

नदी, तालाबों पर नहीं लगेगा मेला

जिला प्रशासन द्वारा दिन में जमावबंदी एवं रात मंे कर्फ्यू लागू कर दिए जाने के कारण इस वर्ष प्रतिवर्षानुसार मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर प्रमुख मंदिरों एवं पवित्र नदियों तथा तालाबों में स्नान के लिए लोग एकत्रित नहीं हो पाएंगे। जिला प्रशासन ने नववर्ष के प्रारंभ में ही एक आदेश जारी कर सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस वर्ष नदी, तालाबों व तीर्थ स्थलों पर मकर संक्रांति को लगनेवाले मेले नहीं लगेंगे। गौरतलब है कि सामान्य स्थिति में प्रतिवर्ष गोंदिया तहसील के काटीनगर में स्थित संगम घाट पर बड़ी संख्या में लोग पूजा पाठ एवं पवित्र स्नान के लिए पहुंचते थे। इसके अलावा पिंडकेपार, गोरेगांव तहसील के मांडोदेवी एवं आमगांव तहसील के ननसरी घाट पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान व पूजा अर्चना के लि पहुंचते थे। लेकिन इस वर्ष प्रशासनिक आदेशों के चलते यह स्थान सुनसान नजर आएंगे। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी राजन चौबे ने बताया कि जिलाधिकारी ने अपने आदेश में पहले ही सभी प्रकार के धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजनों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। हालांकि इसके लिए अलग से कोई विशेष आदेश जारी नहीं किए गए हैं। लेकिन पहले से ही लागू प्रतिबंधों के कारण इस वर्ष मकर संक्रांति के पर्व पर कहीं भी धार्मिक स्थलों पर सार्वजनिक रूप से स्नान अथवा पूजा पाठ का आयोजन बड़ी संख्या में लोगांे की उपस्थिति में नहीं किया जा सकेगा।

 

Created On :   14 Jan 2022 6:06 PM IST

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