झारखंड के गढ़वा में दलित लड़की को किडनैप कर किया बलात्कार, आरोपी फरार

Dalit girl kidnapped and raped in Jharkhands Garhwa, accused absconding
झारखंड के गढ़वा में दलित लड़की को किडनैप कर किया बलात्कार, आरोपी फरार
बलात्कार झारखंड के गढ़वा में दलित लड़की को किडनैप कर किया बलात्कार, आरोपी फरार

डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड के गढ़वा में एक दलित नाबालिग लड़की को इरशाद खान नामक एक शख्स ने किडनैप कर दो दिनों तक कई बार उसका बलात्कार किया। बाद में उसे इस धमकी के साथ मुक्त किया गया कि अगर पुलिस में शिकायत की गई तो उसे और उसकी मां दोनों को मौत के घाट उतार दिया जायेगा। खौफ की वजह से दस दिनों तक उसने जुबान नहीं खोली। रविवार को पीड़िता और उसकी मां हिम्मत कर मंझियांव थाने पहुंची और एफआईआर दर्ज कराई। इरशाद खान इलाके का दबंग शख्स बताया जा रहा है।

गढ़वा के बरडीहा इलाके की रहने वाली पीड़िता ने एफआईआर में बताया है कि बीते छह सितंबर की शाम इरशाद और उसके एक साथी ने उसे बाइक से अगवा किया। उसे कोई नशीला पदार्थ सुंघाकर बेहोश कर दिया गया। होश में आने पर उसने खुद को एक कमरे में बंद पाया। यहां इरशाद ने बंदूक दिखाकर कई बार उसका बलात्कार किया। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट भी की गई। पीड़िता ने बार-बार छोड़ने की गुहार लगाई।

दो दिन बाद आरोपी ने उसकी मां को फोन कर मझियांव बुलाया और उसके बाद उसे लाल रंग की एक कार से मंझियांव लाकर मां के पास छोड़ दिया गया। कार में मौजूद लोगों के पास भी बंदूक थी। उन्होंने उसे छोड़ते हुए धमकी दी कि मुंह खोलने का अंजाम बुरा होगा। थाना प्रभारी ने बताया कि शिकायत की जांच की जा रही है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही है।

इस वारदात को लेकर भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर झारखंड सरकार पर हमलावर है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लगातार हो रही ऐसी घटनाओं का जिक्र करते हुए राज्य की विधि-व्यवस्था पर सवाल खड़े किये हैं। बाबूलाल मरांडी ने सीधे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट करते हुए लिखा कि, आपको और आपके विधायकों की हवाई सैर और रिजॉर्ट वाली छुट्टियां खत्म हो गईं हो, तो राज्य की बदतर हो चुकी कानून व्यवस्था पर भी नजरें घुमाइए।

गढ़वा के इरशाद ने तीन दिनों तक दलित किशोरी को बंधक बना अपनी हवस का शिकार बनाया, शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। रोज घट रही ऐसी घटनाएं क्या लचर कानून व्यवस्था का परिचायक नहीं है? क्या सरकार की संवेदनशीलता सिर्फ चुनावी वादों और बयानों तक ही सीमित है? इन घटनाओं से राज्य की क्या छवि बन रही है? जरा इस पर गंभीरता से विचार करिए। अपराधियों की बढ़ती हिम्मत के आगे क्या सरकार ने घुटने टेक दिए है?

इधर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है कि एक समुदाय बिशेष द्वारा राज्य की बहन-बेटियों की आबरू लूटकर धर्मांतरण किया जा रहा है और राज्य की सरकार मौन है।

सोर्सः आईएएनएस

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Created On :   19 Sep 2022 9:31 AM GMT

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