जल्दबाजी में नहीं ले सकते पुरानी पेंशन योजना लागू करने का फैसला
डिजिटल डेस्क, मुंबई. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि राज्य में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के बारे में फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया जा सकता है। सरकार को काफी विचार पूर्वक फैसला लेना पड़ेगा। सरकार पुरानी पेंशन योजना को लागू करने को लेकर नकारात्मक नहीं है। फडणवीस ने कहा कि मैं अगला विधानसभा चुनाव जीतने के लिए लोकप्रिय फैसला ले सकता हूं लेकिन किसी भी सरकार को भविष्य का भी विचार करना चाहिए। यदि पुरानी पेंशन योजना लागू किया गया तो अभी सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन साल 2030 में तत्कालीन सरकार पर भारी आर्थिक बोझ पड़ेगा।
शुक्रवार को विधान परिषद में जेडीयू के सदस्य कपिल पाटील ने अल्पकालीन चर्चा के जरिए पुरानी पेंशन लागू करने का मुद्दा उठाया। इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नई पेंशन योजना और पुरानी पेंशन योजना के बीच मध्य मार्ग हो सकता है। इसलिए दूसरे विकल्पों पर भी विचार किया जा सकता है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुझसे कई कर्मचारी संगठनों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए उपाय सुझाने का आग्रह किया है। मैं बजट सत्र खत्म होने के बाद कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक करूंगा। यदि कोई अच्छा सुझाव आएगा तो सरकार इसको स्वीकार कर सकती है।
बजट का 56 फीसदी हिस्सा वेतन,पेंशन व ब्याज में होता है खर्च
फडणवीस ने कहा कि राज्य के कुल बजट की 56 प्रतिशत राशि वेतन, पेंशन और ब्याज भरने पर खर्च होती है। यदि सरकार ने एक भी नई भर्ती नहीं की तब पर भी आगामी समय में वेतन, पेंशन और ब्याज पर 83 प्रतिशत राशि खर्च होगी।फडणवीस ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा सरकार के लिए अहंकार का विषय नहीं है। विपक्ष को भी इसको अहंकार का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। सरकार पुरानी पेंशन योजना को लेकर सभी लोगों से चर्चा के लिए तैयार है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने भी कहा है कि पुरानी पेंशन योजना लागू करना घातक होगा। उन्होंने कहा कि जिन सरकारों ने फिलहाल पुरानी पेंशन योजना को लागू किया है, वह भविष्य की सरकारों पर देनदारी डाल रही हैं।
हड़ताल वापस लेने करेंगे अपील
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कर्मचारी संगठनों ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग को लेकर 14 मार्च से बेमियादी हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। मैं कर्मचारी संगठनों से हड़ताल पर जाने के बजाय चर्चा के जरिए समाधान निकालने का आग्रह करूंगा। राज्य के मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव ने कर्मचारी संगठन के साथ एक बैठक भी की है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के हड़ताल से यदि विपक्ष खुश हो रहा होगा तो यह लोकतंत्र में उचित नहीं है। क्योंकि प्रदेश सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों का है।
Created On :   11 March 2023 5:57 PM IST