दिल्ली के पोल्यूशन ने बढ़ाई चिंता , सरकार ने मांगी नागपुर के विश्वनाथ की मदद

Delhi pollution increased, government sought help
दिल्ली के पोल्यूशन ने बढ़ाई चिंता , सरकार ने मांगी नागपुर के विश्वनाथ की मदद
दिल्ली के पोल्यूशन ने बढ़ाई चिंता , सरकार ने मांगी नागपुर के विश्वनाथ की मदद

डिजिटल  डेस्क,नागपुर। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से आम जनजीवन के साथ राज्य और केंद्र सरकार की चिंता बढ़ी हुई है। समाधान के लिए केंद्र सरकार अब हमारे शहर के निवासी विश्वनाथ राघवेंद्र जोशी की मदद मांग रही है। 22 वर्षीय विश्वनाथ जापान के क्यूश्यू यूनिवर्सिटी के "इंटरनेशनल रिसर्च सेंटर फॉर हाइड्रोजन एनर्जी" के शोधार्थी हैं। वे वर्तमान में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए जरूरी आविष्कार में जुटे हैं। हाल ही में वायु प्रदूषण के विषय पर देश की सर्वोच्च अदालत में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जानकारी दी कि वायु प्रदूषण के समाधान के लिए जापान में दमदार रिसर्च होती है और वहां इसके लिए जरूरी टेक्नोलॉजी उपलब्ध है। केंद्र सरकार इस संबंध में विश्वनाथ से एक बार चर्चा कर चुकी है। सुनवाई में विश्वनाथ खुद उपस्थित थे। उन्हें उम्मीद है कि जापान और विश्वनाथ निश्चित तौर से इस समस्या को हल करने में सरकार की मदद करेंगे। जल्द ही सरकार का काेई उच्च अधिकारी विश्वनाथ से मिल कर समस्या से निपटने पर बातचीत आगे बढ़ाएगा। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को इसके लिए 3 दिसंबर तक का वक्त दिया है। 

शहर के बाशिंदे हैं
शहर के नरेंद्र नगर निवासी विश्वनाथ ने सिविल लाइंस स्थित भारतीय विद्या भवन्स स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा पूरी की और फिर अमेरिका के ब्राउन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की। हाइड्रोजन एनर्जी सिस्टम और अल्टरनेट एनर्जी सिस्टम में खासा अध्ययन रखने वाले विश्वनाथ को जापान के क्यूश्यू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ.हाय वेन ली ने "इंटरनेशनल रिसर्च सेंटर फॉर हाइड्रोजन एनर्जी" में आमंत्रित किया था। वे हाइड्रोजन आधारित कुछ ऐसी मशीनें बना चुके हैं, जिससे दिल्ली के वायु प्रदूषण की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। विश्वनाथ के पिता राघवेंद्र जोशी हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं।

हाइड्रोजन टेक्नॉलॉजी से जीरो प्रदूषण
भास्कर से बातचीत में विश्वनाथ ने बताया कि दिल्ली में सीएनजी बसों और पेट्रोल-डीजल वाहनों से बहुत प्रदूषण होता है। हालांकि वहां इलेक्ट्राॅनिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है, लेकिन उनकी बैट्री भी एक वक्त के बाद असर दिखाने लग जाएगी। ऐसी स्थिति में हाइड्रोजन जैसे जीरो प्रदूषण वाली तकनीक से वाहन चलाना ज्यादा कारगर है। दिल्ली की जनता को तकलीफ दिए बगैर धीरे-धीरे वाहनों को हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी आधारित बनाना होगा। अभी कुछ एडवांस मशीनों के सहारे प्रदूषण को कुछ हद तक किया जा सकता है, लेकिन पूरी तरह निपटने के लिए हम एक ठोस प्लान के तहत काम करेंगे। 

Created On :   18 Nov 2019 5:12 AM GMT

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