नाव पर ही हो जाता है प्रसव, 14 माह से गांव में नहीं हुआ टीकाकरण

Delivery takes place on boat, vaccination has not been done in the village since 14 months
नाव पर ही हो जाता है प्रसव, 14 माह से गांव में नहीं हुआ टीकाकरण
नाव पर ही हो जाता है प्रसव, 14 माह से गांव में नहीं हुआ टीकाकरण


 डिजिटल डेस्क जबलपुर। बारिश के दौरान डूब क्षेत्र में नाव पर डिलीवरी होने की घटनाएं तो आपने बहुत सुनी होंगी, लेकिन हम ऐसे गांवों का यहां पर जिक्र कर रहे हैं, जहां के लोगों के लिए यह आम बात है। बरगी बांध के डूब  क्षेत्र में बसे मिढ़की, कठौतिया व बढ़इया खेड़ा गांव के ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हैं। गांव के वांशिदे प्रसव पीड़ा होने पर गर्भवती महिलओं को प्रसव के लिए बरगी नगर नाव से लाते हैं। कई बार हिचकोले खाती लहरों के बीच नाव में ही प्रसव हो जाता है। इससे कई बार नवजात शिशुओं की मौत भी हो चुकी है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि गांव में पिछले महीनों से टीकाकरण तक नहीं हुआ है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में दिसंबर 2019 में टीकाकरण किया गया था, तब से लेकर अब तक गांव में टीकाकरण नहीं हुआ है। आशा कार्यकर्ता रेखा पटेल ने बताया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम महीने में एक बार विजिट करने के लिए गांव आती थी। कुछ समय बाद 3 महीने में एक बार स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव आने लगी। इसके बाद कोरोना संक्रमण के चलते पिछले १४ महीने से स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव नहीं पहुंची है। इससे यहां गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं को टीका भी नहीं लग पाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि आवागमन सुलभ नहीं होने के कारण उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परेशानी उठानी पड़ रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी नाव के सहारे ही गांव तक पहुंची है।
नाव पर ही हो गए प्रसव
केस- १
आशा कार्यकर्ता ने बताया कि वे ट्रेनिंग कर रहीं थीं, उसी दौरान चंद्रवती पटेल पति रविशंकर पटेल की पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई। ग्रामीण महिला को नाव में लेकर स्वास्थ्य केन्द्र जा रहे थे। रास्ते में ही महिला ने शिशु को जन्म दिया। इस दौरान महिला की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसे बड़ी मुश्किल से बचाया जा सका।
केस- २
करीब ४ वर्ष पहले कठौतिया ग्राम निवासी चमरी बाई पति राकेश को प्रसव पीड़ा हुई। उसे नाव से स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया जा रहा था। इसी दौरान महिला ने नाव में ही तीन बच्चों को जन्म दिया। तत्काल स्वास्थ्य लाभ नहीं मिलने से तीनों बच्चों की मौत हो गई थी।
केस-३
पूर्व सरपंच सीताराम कोकड़े ने बताया कि उनके कार्यकाल में संध्या बाई पति ओंकार बर्मन को प्रसव पीड़ा हुई। जिसे टीन की कश्ती से ग्रामीण बरगी स्वास्थ्य केन्द्र ले जा रहे थे। महिला ने नाव में ही शिशु को जन्म दिया। महिला अस्पताल तक नहीं पहुंच पाई थी।
नहीं मिल पाता इलाज
ग्रामीणों ने बताया कि इलाज के लिए उन्हें बरगी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जाना पड़ता है, जिसके लिए वे नाव से २० किलोमीटर का सफर दो से तीन घंटे में नाव से करते हैं। गंभीर हालत में मरीज कई बार तो अस्पताल तक भी नहीं पहुंच पाते। यदि रात में कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाए तो उसका भगवान ही मालिक है। मरीज को सुबह तक इंतजार करना पड़ता है। इसके बाद उसे नाव से ही आगे की यात्रा करनी पड़ती है।
अधूरे पड़े हैं आवास व शौचालय
कठौतिया ग्राम के नर्मदा यादव, विजय गौड़, कलीराम व मिढ़की ग्राम के बबली प्रसाद, उमा सिंह तथा दुबे सिंह गोंड का कहना है कि गांव में कई प्रधानमंत्री आवास आज भी अधूरे पड़े हैं। शौचालय अधूरे पड़े हैं। स्कूल भवन जर्जर हालत में है। आंगनबाड़ी भवन नहीं है। पेयजल की भी समस्या बनी हुई है। ग्राम बढ़ैया खेड़ा के लेख राम, पंजी लाल, रूपराम गौड़ ने बताया कि सड़क मार्ग ना होना यहां की सबसे बड़ी समस्या है, जिसकी वजह से निर्माण सामग्री गांव तक नहीं पहुंच पाती है।
शिक्षा से हैं वंचित
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के बच्चे पांचवी और आठवीं के बाद आगे की शिक्षा लेने से अकसर वंचित रह जाते हैं। यहां कठौतिया ग्राम में मिडिल स्कूल है, इसलिए बढ़ैया खेड़ा तथा मिढ़की के बच्चों को नाव पर कठौतिया स्कूल आना पड़ता है। वहीं बढ़ैया खेड़ा में प्राइमरी स्कूल है। यहां पर मिढ़की तथा कठौतिया के बच्चों को नाव पर आना पड़ता है। मिडिल स्कूल के बाद आगे की पढ़ाई के लिए बच्चों को अन्य स्थानों पर जाना पड़ता है। इसलिए यहां के अधिकांश बच्चे आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं।
बरगी नगर ही जाना पड़ता है
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरिता यादव ने बताया कि बरगी स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ताओं द्वारा ग्रामीणों को बरगी नगर ही बुलाया जाता है। चाहे छोटे बच्चों का टीकाकरण हो या गर्भवती महिला की एएनसी या पीएनसी जांच हो इसके लिए बरगी नगर जाना पड़ता है। नाव का साधन मिलता है तब ही ग्रामीण जा पाते हैं।  
इनका कहना है
ग्रामों में जून 2019 में पिछला टीकाकरण हुआ था, मैंने कई बार बीएमओ को टीकाकरण के लिए बोला लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
दिलीप खरे, प्रभारी सेक्टर सुपरवाइजर, स्वास्थ्य केंद्र बरगी
गांव में टीकाकरण नहीं हुआ है, इसकी जांच कराई जाएगी। एक टीम को जल्द ही गांव भेजा जाएगा। इस संबंध जिम्मेदार अधिकारियों से भी बात करता हूं।
डॉ. शत्रुघन दहिया, जिला टीकाकरण अधिकारी

 

Created On :   7 Feb 2021 4:49 PM GMT

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