गांवों में ही नहीं, शहर में भी गरमाया चुनावी चर्चाओंं का माहौल

Election discussions heated up not only in villages but also in cities
गांवों में ही नहीं, शहर में भी गरमाया चुनावी चर्चाओंं का माहौल
गोंदिया गांवों में ही नहीं, शहर में भी गरमाया चुनावी चर्चाओंं का माहौल

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. जिले में अगले माह होनेवाले ग्राम पंचायत चुनाव के लिए 28 नवंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जिले में कुल 348 ग्राम पंचायतों के चुनाव होने हैं। जिसमें सभी तहसीलों की ग्राम पंचायतों का समावेश हैं। इस बार सरपंच का चुनाव सीधे जनता द्वारा ही किए जाने से इस पद को अत्याधिक महत्व प्राप्त हो गया है एवं ग्रामीण क्षेत्रों में हर राजनीतिक दल का प्रमुख कार्यकर्ता सरपंच पद के लिए अपना दावा कर रहा है। जिसके कारण ठंड के इस मौसम में भी गांव-गांव में राजनीतिक वातावरण गरमाया हुआ है। गांव के पानठेलें, चौपाल या चबुतरे हर जगह केवल चुनाव की ही चर्चा चल रही है। मजे की बात तो यह है कि सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता एवं जनप्रतिनिधि जिला मुख्यालय में अथवा तहसील मुख्यालयों में रहते हैं। इसलिए इन चुनावों की चर्चा न केवल गांवों में बल्कि शहरों में भी जोर-शोर से की जा रही है। 

अक्टूबर से दिसंबर 2022 के बीच जिन ग्राम पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, वहां चुनाव का बिगुल बज चुका है। अब ग्राम पंचायतों को शासन द्वारा वित्त आयोगों के माध्यम से भारी भरकम राशि विकास कार्यों के लिए उपलब्ध कराई जाती है। इसे देखते हुए भी सरपंच पद के दावेदारों की संख्या बढ़ने के साथ ही लड़ने के लिए कश्मकश भी तेज हो गई है। विशेष बात यह देखी जा रही है कि प्रस्थापित नेताओं के बजाय अब हर ग्राम पंचायत में बड़ी संख्या में युवावर्ग भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में उतरने की इच्छा प्रदर्शित कर रहा है और राजनीतिक दलों द्वारा भी भावी चुनाव को देखते हुए उन्हें खासा महत्व भी दिया जा रहा है। यह निश्चित है कि इन चुनावों में बड़ी संख्या में सभी राजनीतिक दलों के समर्थन से युवा वर्ग उम्मीदवारों के रूप मंे मैदान में दिखाई देंगे। क्योकि आगामी चुनाव में यही वर्ग हारजीत का फैसला करने में अहम रोल अदा करेगा। अनेक युवाओं ने तो यह चुनाव राजनीतिक दलों के चुनाव चिह्न पर नहीं होने के कारण स्थानीय स्तर पर ही अपने संबंधों का उपयोग करते हुए स्वयं ही अपनी उम्मीदवारी घोषित कर दी है एवं जनसंपर्क में भी जुट गए हैं। पार्टी समर्थन दें तो बहुत अच्छा और न दें तो भी चुनाव तो लड़ना ही है। ऐसी मानसिकता युवाओं में दिखाई पड़ रही है। 

आला नेताओं के घरों पर लग रहा जमघट 

लोकतंत्र में पंचायत राज प्रणाली का अत्यधिक महत्व है एवं ग्राम पंचायत चुनाव सार्वजनिक जीवन में उतरने की पहली सीढी है तथा यही से राजनीतिक भविष्य को मजबूती भी मिलती है। जिसे देखते हुए अपनी पार्टी समर्थित पैनल के माध्यम से चुनाव मैदान में उतरकर अपनी किस्मत आजमाने एवं इसके लिए पार्टी का समर्थन प्राप्त करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के नेताओं एवं कार्यकर्ताआंे का जमघट हर राजनीतिक दल के जनप्रतिनिधि एवं नेताओं के घरों पर जुटना शुरु हो गया है। नेता भी अपने स्तर पर गांवों में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए पार्टी में गुटबाजी न करते हुए एकमत से चुनाव मैदान में उतरने के लिए कार्यकर्ताओं का समुपदेशन कर रहे हैं। अब किस राजनीतिक दल को इसमें कितनी सफलता मिलेगी? यह तो नामांकन के बाद ही स्पष्ट होगा। दलगत राजनीति से हटकर भी अनेक समीकरण स्थानीय स्तर पर ग्राम पंचायत चुनाव में देखने को मिलेगे। यह बात भी निश्चित दिखाई पड़ रही है। 
 

Created On :   24 Nov 2022 7:43 PM IST

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