12 घंटे में भर पाती है टंकी और बिजली मिल रही 8-10 घंटे

Electricity crisis in Jal Jeevan Mission, a victim of delay in the district, how every house gets water
12 घंटे में भर पाती है टंकी और बिजली मिल रही 8-10 घंटे
शहडोल 12 घंटे में भर पाती है टंकी और बिजली मिल रही 8-10 घंटे

डिजिटल डेस्क  शहडोल  । जल जीवन मिशन के तहत हर घर को पानी देने की योजना पहले से ही लेटलतीफी की शिकार है। उस पर से पर्याप्त बिजली नहीं मिलने से लोगों को समय पर पानी नशीब नहीं हो पा रहा है। जिले में चल रही डेढ़ अरब रुपए से अधिक की योजना को लेकर न तो विभाग और न ही विद्युत विभाग सजग नजर आ रहा है। योजना के तहत नाम मात्र की जो योजनाएं पूर्ण हुई हैं, तथा जो नल-जल योजनाएं पहले से संचालित हैं, उनकी टंकियां भरने के लिए कम से कम १२ घंटे तीन फेस में बिजली लगातार चाहिए। लेकिन बामुश्किल ८ से १० घंटे ही मिल पाती है। बीच-बीच में फाल्ट और ट्रिपिंग के चलते कुछ घंटे और कम हो जाते हैं। जिस कारण टंकियां नहीं भर पातीं और सप्लाई ठप पड़ जाती है।
आपूर्ति का सेड्यूल ही बना परेशानी का कारण
मप्र विद्युत मंडल द्वारा तीन फेस में आपूर्ति की बनाए गए सेड्यूल ही परेशानी का कारण बना हुआ है। विभागीय सूत्रों के अनुसार एक फेस में १४ घंटे तथा तीन फेस में १० घंटे ही बिजली सप्लाई करनी है। ग्रामीण इलाकों में सुबह १० से शाम ४ बजे तक फिर रात २ बजे से सुबह ६ बजे तक तीन फेस बिजली मिलने का सेड्यूल है। आपूर्ति तो की जाती है, लेकिन अधिकतर फाल्ट और ट्रिपिंग की समस्या बनी रहती है। जिसके चलते १० घंटे भी प्रापर बिजली नहीं मिल पाती। 
२ से ३ दिन में जल की सप्लाई
नल-जल योजनाओं से जुड़े ग्राम उधिया, जोतपुर, सिंहपुर आदि के लोगों ने बताया कि टंकी भरने के लिए १२ घंटे लगाातर बिजली चाहिए। लेकिन ६ से ८ घंटे ही मिलती है। जिससे टंकी दो दिनों में भरना पड़ता है। टंकी नहीं भरने से सप्लाई नहीं हो सकती। मजबूरी में दो से तीन दिनों में सप्लाई देनी पड़ती है। समय पर और भरपूर पानी नहीं मिलने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम उधिया क्षेत्र में सप्लाई बोडऱी फीडर से है। जहां अक्सर फाल्ट की समस्या बनी रहती है। यही हाल अन्य इलाकों का है।
३४९ में ११ योजनाएं ही पूर्ण
मिशन के तहत जिले में कुल ३४९ योजनाओं पर काम होना है। लेकिन वर्तमान स्थिति में ११ ही पूर्ण हो पाई हैं। योजना को वर्ष २०२३-२४ में पूर्ण किया जाना है। पिछले दो वर्षों से चल रही योजनाओं पर प्रगति न के बराबर है। पीएचई विभाग द्वारा १४७ पुरानी योजनाओं का नवीनीकरण कराया जाना है, जो पहले से चल रही हैं। नवीन १५६ तथा ३ आदर्श ग्रामों की हैं। २५० की आबादी वाले क्षेत्रों में ४२ मैकेनिकल योजनाओं को भी शामिल हैं। इसी प्रकार जल निगम द्वारा १५८ ग्रामों में कार्य कराया जाना है, लेकिन ३६ को ही पूरा किया जा सका है। दोनों विभागों की लेटलतीफी के कारण लगता नहीं कि समय पर कार्य पूरा हो पाएगा। दो महीने पर बाद गर्मी का सीजन आ जाएगा। जिससे पेयजल की किल्लत बढ़ सकती है।
बिजली नहीं फिर भी लगे मोटर
मिशन के तहत स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में भी पेयजल उपलब्ध करने के लिए वहां स्थित हैंडपम्प में मोटर पंप डालने की योजना है। जिले के पांचों ब्लाकों के चयनित स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में विद्युत पंप के साथ स्टाटर, केबिल, पाइप, टंकी, वॉशवेसिंन, टोंटी लगाने का कार्य कराया जाना है। अधिकांश सेंटरों में मोटर पंप लगाने का कार्य किया जा चुका है, किंतु आधे से ज्यादा केंद्रों मेंं बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है। कई केंद्रों में बिजली कनेक्शन हैं, लेकिन उनकी क्षमता डेढ़ एचपी का मोटर चलाने की है या नहीं इसकी मानीटरिंग नहीं की गई। बिना बिजली के धड़ाधड़ पंप लगाया तो जा रहा है लेकिन उनकी उपयोगिता कैसे साबित होगी।
इनका कहना है
विभाग द्वारा ३४९ में से ११ पूर्ण करा लिया गया है। समय सीमा में सभी योजनाओं को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। बिजली की समस्या सामने आ रही है, जिस पर शासन को अवगत कराया है।
एबी निगम, ईई पीएचई

शासन द्वारा निर्धारित सेड्यूल के अनुसार ही तीन फेस में बिजली आपूर्ति जिले में कराई जा रही है। आ रही समस्या को लेकर शासन स्तर से पत्राचार किया जा रहा है।
आरसी पटेल, ईई विद्युत विभाग

Created On :   3 Feb 2022 12:16 PM IST

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