- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- गोंदिया
- /
- सिर्फ आठ घंटे मिल रही बिजली, सूखने...
सिर्फ आठ घंटे मिल रही बिजली, सूखने की कगार पर सैकड़ों एकड़ धान

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। गमहावितरण द्वारा गोंदिया तहसील के ग्राम छिपीया व आसपास परिसर के किसानों को 24 घंटे की बजाए केवल 8 घंटे तक िबजली आपूर्ति करने से धान की खेती नष्ट होने की कगार पर आ गई है। इससे संतप्त किसानों ने मंगलवार, 8 फरवरी को झिलमिली महावितरण कार्यालय में दस्तक देकर क्षेत्र के किसानों काे 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने की मांग की है। इस संदर्भ में गोंदिया तहसील के छिपीया, परसवाड़ा, कटंगटोला, बडगांव, बुद्धुटोला, बनाथर सहित अनेक ग्रामों के किसानों ने सैकड़ों हेक्टर खेती पर धान की रोपाई की है। ग्रीष्मकालीन धान को कृषि विद्युत पंपों के माध्यम से सिंचाई की जाती है। लेकिन महावितरण द्वारा विगत 4 फरवरी से बिजली आपूर्ति में कटौती कर मात्र 8 घंटे ही बिजली आपूर्ति शुरू कर दी है। जिस कारण समय पर पानी नहीं मिलने के कारण सैकड़ों हेक्टेयर में लगी धान की फसल सूखने की कगार पर आ गई है। इन फसलों को देखकर किसानों में आक्रोश निर्माण होकर महावितरण के खिलाफ भारी असंतोष व्याप्त है।
रात में जान खतरे में डालकर करते हैं सिंचाई
महावितरण द्वारा कृषि पंपों के लिए शाम 6 बजे से सुबह 9 बजे तक बिजली की आपूर्ति की जा रही है। जिस कारण किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए राित्र में खेतों में जाना पड़ रहा है। इस दौरान जहरीले जीव-जंतुओं व वन्यजीवों से उन्हें खतरा बना रहता है। लेकिन फसलों को बचाने के लिए दूसरा कोई पर्याय नहीं होने के कारण किसानों को अपनी जान को जाेखिम में डालकर रात्रि में फसल सिंचाई करनी पड़ रही हैं।
महावितरण की गलत नीतियों के कारण समस्या
सुकचंद थैर, किसान छिपीया के मुताबिक किसानों द्वारा रबी की फसल लगाई गई है। लेकिन रबी फसलों को सिंचाई समय पर नहीं होने से फसलें सूखने की कगार पर आ चुकी हैं। महावितरण द्वारा विगत चार दिनों से बिजली आपूर्ति में कटौती किए जाने के कारण किसान संकट में आ गए हंै। फसलें सूख रही हंै। इसके लिए महावितरण ही जिम्मेदार है। यदि इसी तरह किसानों के ऐसा चलता रहा, तो किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएग।
आदेश का किया जा रहा पालन
विनोद मस्करे, कनिष्ठ अभियंता, झिलमिली पावर हाउस के मुताबिक महावितरण का वरिष्ठ कार्यालय तथा अधिकारियों के आदेश के तहत ही लोडशेंडिंग का शेडयूुल बनाया जाता है। अधिकारियों के निर्देश का पालन कर लोडशेंडिंग की जा रही है।
Created On :   9 Feb 2022 6:19 PM IST