3 साल के बाद भी नहीं बन पाई नागपुर में ओपन जेल

Even after 3 years the open jail could not be built in Nagpur
3 साल के बाद भी नहीं बन पाई नागपुर में ओपन जेल
विडंबना 3 साल के बाद भी नहीं बन पाई नागपुर में ओपन जेल

डिजिटल डेस्क, नागपुर, अभय यादव. सेंट्रल जेल प्रशासन के सामने इस समय ‘दुबले पर दो आषाढ़’ वाली स्थिति बन गई है। सेंट्रल जेल में क्षमता से दोगुना कैदी हो गए हैं, जिसमें ओपन जेल के कैदी भी शामिल हैं। स्थिति ऐसी कि बैरक में रात में कैदियों को सोने में परेशानी होने लगती है। सूत्रों के अनुसार, कुछ कैदी तो रात बैठ कर गुजारने पर मजबूर हो जाते हैं। सेंट्रल जेल के पुराने प्रत्येक बैरक में 60-70 कैदी की क्षमता है, लेकिन 100 से ज्यादा हर बैरक में कैदी रखे जा रहे हैं। इनके बीच ओपन जेल के कैदी भी होते हैं। वर्ष 2020 में नागपुर की सेंट्रल जेल परिसर में करीब 200 कैदियों की क्षमता वाली ओपन जेल बनाने की घोषणा की गई थी। यह महज घोषणा बनकर रह गई है। निधि के अभाव में तीन साल बाद भी अभी तक ओपन जेल नहीं बन पाई। जब ओपन जेल बनाने की घोषणा हुई थी, तब नागपुर की सेंट्रल जेल में 1500 कैदी थे। अब कैदियों की संख्या 3300 से ज्यादा हो चुकी है, जो लगभग 1800 से अधिक है, जबकि सेंट्रल जेल में 1864 कैदी रखने की जगह है। खेती में काम करने वाले कैदी ही ओपन जेल में रखे जाते हैं।

जेल के पास पैसे नहीं : करीब डेढ़ माह पहले पीडब्ल्यूडी के पास ओपन जेल तैयार करने के लिए इस्टीमेट बनाने का प्रस्ताव भेजा गया था। पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब तक सर्वेक्षण करने का खर्च नहीं मिल जाता, तब तक कोई सर्वेक्षण नहीं कर सकेंगे। केंद्र सरकार नई जेल बनाने की बात कर रही है, लेकिन राज्य में संचालित हो रही जेलों की हालत खराब है। इस साल शासकीय अस्पतालों के लिए करीब 900 करोड़ रुपए की घोषणा हुई है, लेकिन जेल के पाले में सिक्के तक नहीं। उधर सेंट्रल जेल के आला-अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पीडब्ल्यूडी को ओपन जेल बनाने के लिए जगह के सर्वेक्षण करने के लिए करीब 13-14 लाख रुपए खर्च अनुमानित है, जो सेंट्रल जेल प्रशासन के पास नहीं है।

हकीकत... पैसे नहीं, पीडब्ल्यूडी नहीं कर पा रही जगह का सर्वेक्षण
मजबूरी... सेंट्रल जेल में ही ओपन जेल के कैदियों को रखा जाता है
जेल ‘ओवरफ्लो’...क्षमता से दोगुना हुए कैदी, बैठ कर गुजारते हैं रात
1500 कैदी थे... जब ओपन जेल बनाने की घोषणा हुई थी
3300 से ज्यादा हो चुकी है इस वक्त कैदियों की संख्या
1864 कैदियों के ही रखने की जगह है नागपुर जेल में

सर्वेक्षण के लिए पैसे नहीं : जेल प्रशासन के पास इतना पैसा ही नहीं है कि वह ओपन जेल की जगह के सर्वेक्षण करने के लिए पीडब्ल्यूडी को करीब 13-14 लाख रुपए खर्च दे सके। ओपन जेल के कैदियों को फिलहाल सेंट्रल जेल के बैरक में ही रखा जा रहा है। 

जगह की तलाश बड़ी चुनौती : ओपन जेल बनाने के िलए जगह की तलाश भी बड़ी चुनौती है। पहले ओपन जेल के लिए करीब 5 एकड़ की जगह जेल प्रशासन ने तय कर रखी थी। जिस जगह पर ओपन जेल बनाने की संकल्पना थी, अब उस जगह पर मेट्रो रेल के पिलर खड़े हो चुके हैं। अगर इस क्षेत्र में ओपन जेल बनाई गई, तो लोग मेट्रो रेल से सफर के दौरान आेपन जेल को देख सकेंगे। 

सवाल... ओपन जेल बना देने से सब कुछ ठीक हो जाएगा क्या

सेंट्रल जेल के आला अफसर का सवाल है कि ओपन जेल बना देने से सब कुछ ठीक हो जाएगा क्या? ओपन जेल के लिए उनका अस्थापना विभाग होना चाहिए। ओपन जेल में अधीक्षक, उपअधीक्षक , डीवाईएसपी स्तर के अधिकारियों के साथ ही पुलिस निरीक्षक से लेकर सिपाही तक के पदों की भर्ती करनी होगी। नहीं तो अभी जैसे सेंट्रल जेल में सजायाफ्ता और विचाराधीन (अंडरट्रायल) कैदियों के बीच ओपन जेल के कैदियों को रखना सेंट्रल जेल प्रशासन की मजबूरी है, आगे भी यह बनी रहेगी।

Created On :   10 March 2023 3:45 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story